शिक्षा का अधिकार कानून के तहत गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में शिक्षा दिलाने की व्यवस्था की गई है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि सूरत में यह स्थिति पैदा हो गई है कि सरकार के इस कानून को स्कूल नहीं मानते हैं। यह बात सामने आई है कि कतारगाम क्षेत्र के बाल आश्रम के पास वी.आर गोधानी स्कूल के प्रशासकों द्वारा कई वास्तविक छात्रों को प्रवेश नहीं दिया गया है। जब बच्चे प्रवेश प्रक्रिया के लिए विद्यालय पहुंचे तो विद्यालय ने स्पष्ट रूप से प्रवेश ना देने की बात कही, जिससे अभिभावकों में भारी रोष देखने को मिला। अभिभावकों ने कहा कि सरकार ने आरटीई प्रवेश पत्र दिया है जिसमें साफ लिखा है कि आप अपने बच्चे को इस स्कूल में पढ़ने के लिए ले जा सकते हैं।
इसके बाद भी स्कूल के प्रशासकों की दादागिरी इतनी थी की उन्होंने हमें प्रवेश नहीं दिया, लेकिन हमने बड़ी विनम्रता से पूछा कि हमें प्रवेश क्यों नहीं दिया गया। साथ ही उनके द्वारा इस मामले पर भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। अंत में हमने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जाकर अपनी बात रखी। अब आगे की कार्रवाई जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की जाएगी।