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27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ रहे हैं गुजरात, सौराष्ट्र को देंगे बड़ी सौगात

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सौराष्ट्र की जीवनदायिनी सौनी योजना के दो प्रोजेक्ट्स, जनता को करेंगे समर्पित

गांधीनगर,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 और 28 जुलाई को गुजरात के दौरे पर आ रहे हैं। अपनी इस गुजरात यात्रा में प्रधानमंत्री कई विकास परियोजनाओं के साथ-साथ सौराष्ट्र के लोगों को जीवनदायिनी सौनी योजना से संबंधित एक बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात की सरकार ने सौनी यानी सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण इरीगेशन योजना के अंतर्गत लिंक-3 के पैकेज 8 और पैकेज 9 का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है और 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसी प्रोजेक्ट को सौराष्ट्र की जनता को समर्पित करेंगे।
95 गाँवों के 52,398 एकड़ ज़मीन और 98 हजार से अधिक लोगों को होगा लाभ सौनी परियोजना के तहत हाल ही में पूरे किए गए लिंक 3 के पैकेज 8 और 9 से सौराष्ट्र के 95 गाँवों की 52,398 एकड़ ज़मीन को सिंचाई और लगभग 98 हजार लोगों को पीने के लिए अब नर्मदा का पानी मिल सकेगा। उल्लेखनीय है कि सौनी परियोजना के तहत लिंक-3 के पैकेज 8 के तहत 265 करोड़ रुपए खर्च कर भादर-1 और वेरी बांध तक 32.56 किमी. लंबाई की 2500 मिमी व्यास वाली एम. एस. पाइपलाइन की फीडर एक्सटेंशन लाइन बिछाई गई है। जिससे 57 गाँवों के 75,000 से अधिक लोगों को पीने के पानी और 42,380 एकड़ से अधिक ज़मीन की सिंचाई के लिए नर्मदा का पानी मिलना संभव हो जाएगा। इसी क्रम में, लिंक 3 के पैकेज 9 की बात करें तो 129 करोड़ रुपए खर्च कर आजी-1 बांध और फोफल-1 बांध तक 36.50 किमी. लंबाई की 2500 मिमी व्यास वाली एम. एस. पाइपलाइन की फीडर एक्सटेंशन लाइन बिछाई गई है। जिससे 38 गाँवों की 10018 एकड़ से अधिक ज़मीन को सिंचाई और 23,000 से अधिक लोगों को पीने के पानी के लिए नर्मदा का पानी मिलना संभव हो जाएगा। सौराष्ट्र की जीवनदायिनी सौनी योजना के महत्व के बारे में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा, “सौनी योजना प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी परियोजना है। जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने इस परियोजना को परिकल्पित किया था। इस परियोजना के अतंर्गत पिछले 7 वर्षों में 1203 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है और 95 जलाशयों, 146 गांव के तालाबों और 927 चेक बांधों में कुल अनुमानित 71206 मिलियन क्यूबिक फीट पानी उपलब्ध कराया जा चुका है, जिससे लगभग 6.50 लाख एकड़ क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं में सुधार हुआ है और लगभग 80 लाख की आबादी को पीने के लिए माँ नर्मदा का पानी मिलने लगा है।”


क्या है सौनी योजना, और क्यों है सौराष्ट्र के लिए बहुत खास
सौनी यानी सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई योजना, सौराष्ट्र क्षेत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण, और जीवनदायिनी परियोजना है। इसके तहत, नर्मदा नदी में आने वाले अतिरिक्त 1 मिलियन एकड़ फीट (43,500 मिलियन क्यूबिक फीट) पानी को सौराष्ट्र के 11 सूखाग्रस्त जिलों के 115 मौजूदा जलाशयों में भरने की योजना है। इस परियोजना के पूरे होने पर 970 से अधिक गांवों की 8,24,872 एकड़ क्षेत्र को सिंचाई और 82 लाख लोगों को पीने के पानी के लिए नर्मदा के पानी की सुविधा मिलेगी। उल्लेखनीय है कि 18,563 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किए जा रहे सौनी परियोजना का 95% कार्य पूरा हो चुका है, और शेष कार्य पर भी तेज गति से काम जारी है। यह उल्लेखनीय है कि सौराष्ट्र की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि यहाँ का भूजल स्तर भी काफी कम है और जलाशयों की स्टोर करने की कैपसिटी कम होने के कारण वर्षा का पानी भी ज्यादा स्टोर नहीं किया जा सकता है। साथ ही, यहाँ वर्षा भी कम और अनियमित तरीके से होती है। इस समस्या के स्थायी समाधान स्वरूप तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सौनी की परिकल्पना की और आज यह सौराष्ट्र के लोगों के लिए जीवनदायिनी परियोजना साबित हो रही है।

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