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नवी सिविल द्वारा दो दिनों में दो अंग दान के साथ राष्ट्रीय अंग दान दिवस सफलतापूर्वक मनाया गया

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क्रांति समय

सूरत, 3 अगस्त राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर सूरत के न्यू सिविल अस्पताल से एक और सफल अंगदान हुआ। दो दिन में दो अंगदान से राष्ट्रीय अंगदान दिवस मनाना सार्थक हुआ है। नवसारी जिले के चिखली तालुका के चरी गांव के रोहित पटेल ब्रेन डेड होने पर उनकी दो किडनी और एक लीवर दान करने पर तीन जरूरतमंद मरीजों को नई जिंदगी मिलेगी। न्यू सिविल आरोग्य तंत्र के प्रयासों से अंगदान के कुल 39 मामलों में 74 किडनी, 35 जिगर, 10 आंखें, 3 दिल, 7 हाथ, 3 आंतें और 1 अग्न्याशय कुल 133 अंग दान किये गये हैं। जिससे जरूरतमंद मरीजों के जीवन में नई रोशनी फैल गई है।

प्राप्त विवरण के अनुसार, चिखली के चरी गांव निवासी 55 वर्षीय रोहित अपनी पत्नी रामिला के साथ रहते थे। गत 1 अगस्त की सुबह जब वह बाइक से मूली गांव जा रहे थे, तो रास्ते में घबराहट के कारण सड़क किनारे बाइक रोककर बैठ गए थे। एक अज्ञात व्यक्ति ने उनकी मदद की और इलाज के लिए सुबह 10 बजे चिखली के स्पंदन अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टर ने मरीज को अधिक गहन इलाज के लिए 01 तारीख को शाम 4:00 बजे 108 इमरजेंसी में सूरत के न्यू सिविल हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था। तबीयत बिगड़ने पर न्यूरो फिजिशियन डॉ. परेश जंजमेरा और न्यूरो सर्जन डॉ. मेहुल मोदी, आरएमओ डॉ. केतन नायक ने 3 अगस्त को सुबह 03:29 बजे उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया।

पटेल परिवार के सदस्यों को सोटो की टीम के डॉ. नीलेश काछड़िया, टीबी विभाग प्रमुख एवं विश्वविद्यालय सिंडीकेट सदस्य डॉ. पारुल वडगामा, इकबाल कड़ीवाला, काउंसलर निर्मला कठुड़ ने अंगदान का महत्व बताया। दूसरों को नई जिंदगी मिले, इसके लिए रोहित के परिवार ने दुख की घड़ी में भी अंगदान के लिए तत्परता दिखाई। विशेष रूप से, रोहित की बेटी अल्काबेन, जो फ़्लेयर पेन की कंपनी में काम करती हैं, ने यह कहकर आगे बढ़ने पर सहमति व्यक्त की कि ‘अपने पिता के अंगों को दान करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।’

3 अगस्त को ब्रेन डेड रोहित की किडनी और लीवर का दान स्वीकार कर लिया गया और तीनों अंगों को आई.के.डी.अस्पताल-अहमदाबाद ले जाया गया। सिविल मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. गणेश गोवेकर के मार्गदर्शन में आरएमओ डॉ. केतन नायक, नर्सिंग काउंसिल के इकबाल कड़ीवाला, मेडिकल और नर्सिंग स्टाफ, सुरक्षा स्टाफ और जागरूक स्वयंसेवकों ने अंगदान में प्रयास किए।

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