अहमदाबाद, शहर की एक प्राइवेट स्कूल में केजी सीनियर के छात्र की बुरी तरह पिटाई करने पर शिक्षिका को सस्पैंड कर दिया गया। घटना अहमदाबाद के चांदलोडिया ब्रिज के निकट स्थित शक्ति स्कूल की है। जहां केजी में पढ़नेवाले 5 वर्षीय बच्चे को शिक्षिका इस बेरहमी से पीटा कि उसके शरीर पर चोट के निशान पड़ गए। विद्यार्थी के पिता के मुताबिक शिक्षिका ने उसके बेटे की लकड़ी से पिटाई की, जिसके चोट के निशान उसके शरीर पर पड़ गए। इसके सीसीटीवी फूटेज स्कूल संचालक ने उन्हें दिखाए हैं।
यह भी सामने आया है कि शिक्षिका इससे पहले भी कई बच्चों के साथ इस तरह से मारपीट कर चुकी है। हांलाकि किसी अभिभावक के शिकायत नहीं करने पर अन्य घटनाएं सामने नहीं आई। फिलहाल शिक्षिका को सस्पैंड कर दिया है। गौर करनेवाली बात है कि अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने और अच्छे भविष्य के निर्माण के लिए स्कूल भेजते हैं ना कि शिक्षिकों से मार खाने के लिए। प्रत्येक बच्चे से गलती होती है, इसका मतलब यह नहीं कि उसकी निर्दयतापूर्वक पिटाई की जाए। जो अनुचित और गैरकानूनी भी है। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।
आखिर मासूम बच्चे को इस कदर पीटने का अधिकार शिक्षक को दिया किसने? विद्यार्थियों को शांति से समझाने के बजाए उनके साथ मारपीट क्यों की जाती है? आखिर क्यों शिक्षक अपनी गरिमा भूल जाते हैं?