आईटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा के द्वारा सुचना मांगने पर सुचना उपलब्ध नही किया जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मिली सुचना उपलब्ध करने का कोर्ट का आदेश.
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पश्चात छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 12 सितंबर 2023 को इस प्रकरण की सुनवाई हुई जिसमें याचिका करता अपने पक्ष की पैरवी स्वयं करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जस्टिस संजय के अग्रवाल के अगुवाई वाले डबल बेंच में उपस्थित हुए. राजकुमार मिश्रा ने न्यायालय को बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 24(4) का मानना है कि देश का कोई भी संस्था भ्रष्टाचार और मानव अधिकारों के हनन से संबंधित सूचना देने से इनकार नहीं कर सकती उसके विपरीत राज्य सरकार के द्वारा 1 अगस्त 2013 को सूचना का अधिकार से एंटी करप्शन ब्यूरो को मुक्त कर दिया है जो की विधि विरुद्ध है. याचिका करता के द्वारा अपने तर्क में न्यायालय को बताया गया कि छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो सभी भ्रष्टाचार के मामलों की जांच ही करती है, इसके अलावा और दूसरे किसी भी तरह के अपराध की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो के द्वारा नहीं की जाती. इस प्रकरण को विस्तृत रूप से न्यायालय ने सुना राज्य सरकार इस प्रकरण का विरोध करती रही. राज्य सरकार का मानना है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी किया गया नोटिफिकेशन सही है.