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सूरत : आयकर विभाग के छापे में मिले 300 करोड़ रुपए के संदिग्ध दस्तावेज

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सूरत में सुराणा एंड कंसल ग्रुप के 10 से ज्यादा ठिकानों पर चौथे दिन भी सर्च जारी, 8 करोड़ रुपए कैश, 20 बैंक लॉकर जब्त

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का डिजिटल डेटा जब्त

सूरत आयकर विभाग ने पिछले शुक्रवार को एक बिल्डर और एक यार्न व्यापारी पर छापा मारा था। आज चौथे दिन भी सभी जगहों पर सर्च ऑपरेशन जारी है। बिल्डर सूराणा समूह और राकेश कंसल समेत कपड़ा उद्योग से जुड़े अन्य पेशेवर समूहों से जुड़े 22 स्थानों पर आयकर विभाग की जांच शाखा द्वारा की गई तलाशी अभियान चौथे दिन भी 10 से अधिक स्थानों पर जारी है। अब तक की जांच में आईटी विभाग ने सभी जगहों से 8 करोड़ कैश और 20 बैंक लॉकर जब्त किए हैं और पता चला है कि 300 करोड़ रुपये के संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं।
सूरत आयकर विभाग की डीडीआई विंग ने पिछले शुक्रवार सुबह से ही सूरत स्थित बिल्डर समूह सुराणा और यार्न व्यापारी राकेश कंसल समूह के कुल 22 वाणिज्यिक-आवासीय स्थानों पर छापेमारी की थी और तलाशी अभियान शुरू किया था। चार दिनों से चल रही तलाश अभी भी जारी है। तीन दिनों की जांच के दौरान, आयकर विभाग ने बिल्डर, कपड़ा समूह के व्यावसायिक परिसरों से 8 करोड़ रुपये नकद और 20 से अधिक बैंक लॉकर जब्त किए और बड़े पैमाने पर लेखांकन दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डिजिटल डेटा जब्त किए, जिसका विवरण सामने आया है।

आयकर विभाग ने संभावना जताई है कि दोनों प्रोफेशनल ग्रुप के 10-10 ठिकानों पर जांच पूरी करने के बाद एक-दो दिन में बाकी 10 ठिकानों पर भी सर्च पूरी कर ली जाएगी। बताया जा रहा है कि बिल्डर और टेक्सटाइल ग्रुप के कारोबारी ठिकानों से अब तक 300 करोड़ से जुड़े बेनामी हिसाब-किताब के लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं। आयकर विभाग को इस बात के दस्तावेजी साक्ष्य मिले हैं कि ज्यादातर लेन-देन नकद में किया गया। इस संबंध में ब्याज सहित जुर्माना भी देना होगा।

राकेश कंसल के यार्न व्यापार, मुख्य रूप से रियल एस्टेट में निवेश और सौदों से संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन किया गया है। पिछले साल के सौदों की भुगतान शर्तों, पार्टियों के साथ लेनदेन की जांच की जा रही है। इसके अलावा सुराणा बिल्डर समूह की निर्माण परियोजनाओं में जमीन की खरीद-फरोख्त से लेकर फ्लैट धारकों से मिलने वाले वित्तीय मुआवजे से संबंधित लेखांकन लेनदेन की भी जांच की गई है, जिसमें बड़े पैमाने पर बिल्डर की एंट्री भी हुई है। सूत्रों ने पाया कि बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की आशंका जताई गई है।

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