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सिटी-बीआरटीएस बस यमदूत !, पिछले 4 साल में हुए 54 हादसे, 18 मासूमों की गई जान

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बस चालकों की लापरवाही और ओवरस्पीड हादसों का कारण

जहां सूरत में छिटपुट सिटीबस और बीआरटीएस बस दुर्घटनाओं को लेकर विवाद चल रहा है, वहीं कल एक बीआरटीएस बस चालक ने बड़ा हादसा कर दिया। जिससे नौ लोग घायल हो गए और एक की मौत हो गई। लेकिन पिछले 4 साल में शहर में बीआरटीएस बसों से करीब 54 हादसे हो चुके हैं, जिनमें 18 मासूमों की जान जा चुकी है।

सूरत में कपड़ा उद्योग, हीरा उद्योग सहित कई अन्य छोटे-बड़े उद्योग हैं, इसलिए बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से लोग यहां रोजी रोटी के लिए आते हैं। जिसके कारण शहर की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। नगर निगम द्वारा लोगों को परिवहन में सुविधा देने के लिए सिटी बस और बीआरटीएस सुविधाएं शुरू की गई हैं, लेकिन कुछ अप्रिय घटनाओं के बाद लोगों की सुविधा के लिए शुरू की गई बस सेवा लोगों की जान लेने वाली यमराज साबित हो रही है।

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बीआरटीएस बस से 54 दुर्घटनाएं
सूरत नगर निगम के मुताबिक, 4 साल में बीआरटीएस की टक्कर से 18 लोगों की मौत हो चुकी है। बीआरटीएस बसों से अब तक 54 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। जबकि 36 लोगों को गंभीर चोटें आईं। बीआरटीएस ड्राइवरों को सूरत नगर निगम द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है, लेकिन यह घटना बताती है कि नगर निगम का संचालन केवल कागजों तक ही सीमित है।

ओवरस्पीडिंग की कुल 45 से ज्यादा शिकायतें
पीक-आवर्स के दौरान शहर की अधिकांश सड़कों पर यातायात की भीड़ होती है और हर कोई जल्दी में गाड़ी चलाता है, बीआरटीएस चालकों को अक्सर दुर्घटनाओं से बचने के लिए बस की गति सामान्य रखने और चौराहो पर धीमी गति से चलने का निर्देश दिया जाता है। कभी-कभी बस लापरवाही से चलाई जाती है । बस चालक द्वारा ओवरस्पीड से दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। पिछले चार साल में नगर निगम की किताबों में ओवरस्पीडिंग की 45 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं। 2020 में सूरत में दो दुर्घटनाएं हुईं और दोनों की मौत हो गई। 2021 में सात दुर्घटनाओं में से पांच की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए। 2022 में 21 दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें से आठ की मौत हुई थीं और 13 गंभीर रूप से घायल हुए थे। जबकि इस साल सबसे ज्यादा 24 हादसों में तीन की मौत और 21 घायल हुए।

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