Home क्रांति समय अन्वेषण टीम की रिपोट महुवा तहसिल में अवैध इंट भट्टों और मिट्टी उत्खनन एवं तस्करी के...

महुवा तहसिल में अवैध इंट भट्टों और मिट्टी उत्खनन एवं तस्करी के खिलाफ मामलतदार को ज्ञापन दिया

116
0
प्रतीकात्मक फोटो

खेत समतल करने, घर बनाने, मृत जानवर को दाटने के लिए थोडी खुदाई करते है तो किसानों को हैरान किया जाता है

सूरत जिले के महुवा तालुका में प्रशासनिक तंत्र के अधिकारियों द्वारा निर्दोष किसानों के शोषण और अवैध ईंट भट्टों और मिट्टी उत्खनन एवं तस्करी के संबंध में जांच और कार्रवाई करने के लिए किसान नेताओं और किसानों ने प्रांतीय अधिकारी और मामलतदार महुवा तालुका को ज्ञापन दिया।

प्रतीकात्मक फोटो


इस अवसर पर गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव किसान नेता दर्शन कुमार ए नाइक, किसान नेता विपुलभाई पटेल (महुवा), एडवोकेट परिमलभाई पटेल, किसान नेता प्रकाशभाई मेहता, किसान नेता कुंजनभाई पटेल, मिनेशभाई पटेल, जयेशभाई पांचाल (महुवा), हनीफभाई महवा सहित रितेश गरासिया, तालुका के किसान नेता व किसान मौजूद रहे।
ज्ञापन में कहा गया है कि किसान, सूचित करना चाहते हैं कि हम महुवा तालुका के किसान कड़ी मेहनत से खेती और पशु पालन करके अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। शासन द्वारा विभिन्न प्रोत्साहनों एवं किसानोन्मुखी योजनाओं के माध्यम से किसानों के हित में कार्य किये जा रहे हैं। दूसरी ओर, महुवा तालुका में प्रशासनिक तंत्र द्वारा किसानों को गलत तरीके से परेशान किया जा रहा है। जैसे जब महुवा तालुका के किसान कृषि में बेहतर उपज प्राप्त करने के लिए अपने खेत और एक ही ब्लॉक/सर्वे संख्या में समतलीकरण का काम कर रहे हैं। किसानों को अपनी खेती की जमीन समतल करने के लिए प्रशासनिक तंत्र द्वारा अनुमति लेनाआवश्यक है।
जब किसान अपने निवास के लिए घर बनाते हैं तो स्वाभाविक है कि उन्हें मिट्टी की आवश्यकता पड़ती है। जब किसान अपने खेतों से अपने घरों में मिट्टी पुरान करते हैं तो इतनी छोटी सी बात पर प्रशासनिक तंत्र किसानों को परेशान कर रहा है। खार कुएं किसानों द्वारा अपने घरों में शौचालय के लिए बनाये जाते हैं। फिर भी प्रशासन द्वारा खार कुओं की खुदाई की अनुमति मांगी जाती है। मानसून के मौसम में बारिश के कारण किसानों की फसलें बह जाती हैं। इस प्रशासनिक तंत्र के अधिकारियों द्वारा किसानों को परेशान किया जा रहा है, जिसके कारण किसानों को आत्महत्या के लिए मजबुर होना पड रहा है।
महुवा तालुका के कई किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं। जब किसानों के जानवर मर जाते हैं तो उन्हें गहरी खुदाई कर जमीन में दबाना पड़ता है। इस समय भी प्रशासनिक तंत्र के अधिकारी तरह-तरह की नीति दिखाकर परेशान कर रहे हैं।
इस प्रकार, महुवा तालुक में किसानों को छोटी-छोटी बातों के लिए परेशान किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर, प्रशासन के विभिन्न विभागों की अनुमति के बिना महुवा तालुका में कई ईंट भट्टे चल रहे हैं और महुवा मामलतदार के कार्यालय के सामने से दिन में कई ट्रकों द्वारा मिट्टी का परिवहन किया जा रहा है। प्रशासनिक तंत्र के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और न ही इनके अनुमोदन की जांच की जा रही है। यह अत्यंत निंदनीय है कि एक ही तालुका के अधिकारियों द्वारा किसानों के प्रति ऐसी दोहरी नीति अपनाई जा रही है।
कृपया किसानों के उपरोक्त मुद्दों के संबंध में प्रस्तुतियों पर विचार करें, महुवा तालुका में प्रशासनिक प्रणाली द्वारा किसानों के उत्पीड़न की जांच करें और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें कि किसानों को प्रशासनिक प्रणाली द्वारा गलत तरीके से परेशान न किया जाए । और जो लोग ऐसा कर रहे हैं प्रशासनिक तंत्र की अनुमति के बिना ईंटें भट्टियां संचालित की जा रही हैं और मिट्टी की खुदाई की जा रही है उसकी जांच करके कडी कार्यवाही कर उदाहरण बनाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here