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एमएमटीएच परियोजना के हिस्से के रूप में एक नया एलिवेटेड रोड कॉरिडोर विकसित किया जाएगा

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नया कॉरिडोर शहर के पूर्वी हिस्से और पश्चिम में रिंग रोड के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा

रेलवे स्टेशन पर चढ़ने और उतरने वाले यात्रियों के लिए आसान और त्वरित पिक अप एवं ड्रॉप ऑफ जोन भी प्रदान करेगा

सूरत मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) में नियोजित प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर के दृश्य।

सूरत मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) के हिस्से के रूप में और शहर की सड़कों से मल्टी-मोड परिवहन के इस केंद्र तक निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 496 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एक एलिवेटेड रोड कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई गई है जो सूरत रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का भी हिस्सा है। इस एलिवेटेड कॉरिडोर को मंजूरी देने का प्रस्ताव रेलवे एवं वस्त्र राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश द्वारा किया गया है, जो सूरत से सांसद भी हैं। एमएमटीएच मास्टर प्लान में इच्छित विकास क्षेत्र में घटक शामिल हैं जिनमें सूरत रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के साथ-साथ विभिन्न हितधारकों रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए), गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम (जीएसआरटीसी) और सूरत नगर निगम (एसएमसी) के स्वामित्व वाले आसपास के भूमि पार्सल का वाणिज्यिक दोहन शामिल है। इस दिशा में 496. 88 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक एलिवेटेड रोड कॉरिडोर भी विकसित करने की योजना है।

इसमें से 63 प्रतिशत लागत रेलवे द्वारा वहन की जाएगी जो कि 313.03 करोड़ रुपये है और शेष 37 प्रतिशत गुजरात सरकार द्वारा वहन की जाएगी। एलिवेटेड रोड की कुल लंबाई 5479 मीटर होगी और इसमें 90 मीटर और 40 मीटर के दो रोड ओवर ब्रिज होंगे।

एमएमटीएच परियोजना के परिणामस्वरूप अच्छी मात्रा में नया यातायात उत्पन्न होगा और इस परियोजना के आसपास मौजूदा सड़क नेटवर्क पर मौजूदा यातायात पर असर पड़ना तय है। प्रस्तावित विकास से उत्पन्न यातायात की मात्रा का तीन सड़कों वराछा रोड, लंबे हनुमान रोड और रिंग रोड पर पर्याप्त प्रभाव पड़ेगा। किए गए यातायात सर्वे के आधार पर, प्रस्तावित विकास के आसपास सड़क क्षमता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है। हालाँकि, रेलवे स्टेशन के आसपास घनी बस्ती और लंबे हनुमान रोड पर आगामी सूरत मेट्रो स्टेशन सुरंग के कारण, अतिरिक्त लेन द्वारा मौजूदा सड़कों को चौड़ा करने की कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए, स्टेशन और प्रस्तावित वाणिज्यिक विकास क्षेत्र तक पहुंच प्रदान करने के लिए एमएमटीएच परियोजना को आसपास की सड़कों से जोड़ने के लिए “एलिवेटेड कॉरिडोर” विकसित करने की आवश्यकता है।

प्रस्तावित एलिवेटेड रोड नेटवर्क सूरत एमएमटीएच क्षेत्र के अंदर और बाहर यात्रियों की आवाजाही को कम करेगा। इससे रेलवे स्टेशन पुनर्विकास में एयर स्पेस के वाणिज्यिक मुद्रीकरण के साथ-साथ आसपास के भूमि पार्सल के वाणिज्यिक दोहन में भी बड़े पैमाने पर लाभ होगा। यात्रियों और संभावित डेवलपर्स दोनों को शहर की सड़कों और परिवहन के अन्य साधनों से निर्बाध कनेक्टिविटी की उम्मीद है, साथ ही एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनने के लिए प्रस्तावित विकास के लिए पर्याप्त पार्किंग स्थान भी है। यह एलिवेटेड रोड इन दोनों मुद्दों को पर्याप्त रूप से संबोधित करेगी क्योंकि यह एमएमटीपच में विकसित की जा रही विभिन्न मल्टी-लेवल कार पार्किंग सुविधाओं तक पहुंच भी प्रदान करेगी।

नया कॉरिडोर शहर के पूर्वी हिस्से से पश्चिम की रिंग रोड के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह रेलवे स्टेशन पर चढ़ने और उतरने वाले यात्रियों को आसान और त्वरित पिक अप और ड्रॉप ऑफ जोन भी प्रदान करेगा। इससे न केवल यात्रियों का समय बचेगा बल्कि ईधन की खपत में भी कमी आएगी और कार्बन डाइऑक्साइड के वार्षिक उत्सर्जन में भी कमी आएगी। एक बार पूरा होने पर स्टेशन का बुनियादी ढांचा वाणिज्यिक विकास में मूल्यवर्धन के साथ क्षेत्र में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट का समर्थन करने के लिए पर्याप्त हो जाएगा।

एलिवेटेड रोड सूरत एमएमटीएच की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है।

  1. एलिवेटेड रोड की कुल लंबाई: 5479 मीटर
  2. आरओबी की लंबाई 130 मीटर (आरओबी 1-90 मीटर, आरओबी 2- 40 मीटर)
  3. एलिवेटेड रोड का कुल क्षेत्रफल: 48069 वर्गमीटर
  4. कार्य की स्वीकृत लागत: 496.88 करोड़ रुपये
  5. समापन अवधिः 2.5 वर्ष
  6. लागत साझाकरण: 63% MoR और 37% GoG (34% GSRTC और 3% SMC)
  7. कार्यकारी एजेंसी : सिटको
  8. पूर्व/पश्चिम स्टेशन भवन और आईएसबीटी के पास औसत ऊंचाई: 12.5 मीटर

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