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सूरत सिविल गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग के बी.एससी. नर्सिंग छात्राओं का शपथ समारोह

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सूरत न्यू सिविल अस्पताल स्थित सरकारी नर्सिंग कॉलेज में 14वें बैच प्रथम वर्ष बीएससी नर्सिंग छात्रों का दीप प्रज्वलन एवं शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। सिविल अस्पताल के ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित दीप प्रज्वलन समारोह में नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. इंद्रावती राव एवं टी.बी. और चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. पारुल वडगामा ने बीएससी नर्सिंग की डिग्री पूरी करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया और शपथ दिलाई।

नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. इंद्रावती राव ने नर्स के जीवन में दीप प्रज्वलन और शपथ का महत्व समझाते हुए कहा कि नर्सिंग के साथ मानव सेवा को जोड़कर नर्सिंग को नई पहचान देने वाले ई.एस. लैंप लाइटनिंग और शपथ की अवधारणा 1820 में पैदा हुई फ्लोरेंस नाइटिंगेल से जुड़ी हुई है। आधुनिक नर्सिंग की अग्रणी के रूप में उन्हें ‘लेडी विद द लैंप’ के नाम से जाना जाता है। नर्सें अस्पताल का दिल होती हैं, और कोई भी अस्पताल या डॉक्टर उनके बिना सफलतापूर्वक कार्य नहीं कर सकता है।
इस मौके पर नर्मद यूनिवर्सिटी नॉमिनी बोर्ड मेंबर डॉ. महेंद्रसिंह चौहान ने कहा, नर्सिंग एक नेक प्रोफेशन है, आजकल नर्सिंग को एक बेहतरीन करियर विकल्प माना जाता है। किसी डॉक्टर या अस्पताल की सफलता में नर्सिंग सेवाओं का अद्वितीय योगदान होता है। नर्स की भूमिका स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की आधारशिला है। मरीज की देखभाल, सुरक्षा और इलाज की जिम्मेदारी नर्स की होती है।

नर्सिंग काउंसिल के इकबाल कड़ीवाला ने कहा, पिछले दिसंबर में न्यू सिविल स्थित सरकारी नर्सिंग कॉलेज के सात छात्रों को एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में चुना गया है, जो दक्षिण गुजरात के लिए एक गौरवपूर्ण घटना है। नर्सिंग छात्रों को कॉलेज की ओर से हर संभव मदद और समर्थन दिया जाता है। गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज सूरत के विद्यार्थियों को कोर्स के बाद शत-प्रतिशत रोजगार मिलना यहां के उत्कृष्ट प्रदर्शन को दर्शाता है। इस अवसर पर सूरत नर्सिंग कॉलेज में 33 साल की लंबी सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुईं प्रोफेसर किरण डोमडिया को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

गौरतलब है कि नर्सिंग की पढ़ाई करने के बाद नर्सिंग प्रशिक्षु अस्पताल के वार्ड में जाते हैं और मरीजों की सेवा उपचार का व्यावहारिक और वास्तविक अभ्यास करने से पहले कर्तव्यनिष्ठा से मरीजों की सेवा करने की शपथ लेते हैं। जबकि प्रथम वर्ष के छात्र अपनी पढ़ाई शुरू करने से पहले दीप प्रज्वलन करके इस क्षेत्र में पदार्पण करते हैं।

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