Home अर्थव्यवस्था चेंबर द्वारा आयोजित चार दिवसीय ‘उद्योग-2024’ प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन

चेंबर द्वारा आयोजित चार दिवसीय ‘उद्योग-2024’ प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन

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भारत की जीडीपी में योगदान देनेवाले व्यवसायियों और व्यापारियों को अपने प्रयास बढ़ाने होंगे: चैंबर अध्यक्ष रमेश वाघासिया

उद्योगों को अब हरित ऊर्जा की ओर बढ़ना होगा, कार्बन उत्सर्जन कम करना होगा : डॉ. फारूक पटेल

गुजरात के 15 और सूरत से 3 लाख से अधिक एमएसएमई पंजीकृत हैं , 20 लाख लोगों को रोजगार : जिला उद्योग केंद्र-सूरत के महाप्रबंधक एम.के. लदानी

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और दक्षिण गुजरात चैंबर व्यापार और उद्योग विकास केंद्र ने संयुक्त रूप से 23 से 26 फरवरी 2024 तक सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक सरसाणा स्थित सूरत अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर में चार दिवसीय ‘उद्योग – 2024’ प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। ‘उद्योग-2024’ प्रदर्शनी का उद्घाटन केपी एनर्जी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. फारूक पटेल के हाथों हुआ। इस अवसर पर अरुण चौधरी, निदेशक, उद्योग इंटरफ़ेस और प्रौद्योगिकी प्रबंधन, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाई। जबकि काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (एनपीसीआईएल) के स्टेशन निदेशक अजय कुमार भोले और भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक क्षितिज मोहन विशेष अतिथि के रूप में समारोह में शामिल हुए। इसके अलावा जिला उद्योग केंद्र-सूरत के महाप्रबंधक एम.के. लदानी एवं टोरेंट पावर लिमिटेड-सूरत के उपाध्यक्ष नितिन मलकान मुख्य अतिथि थे।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश वघासिया ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने स्वागत भाषण में कहा कि चैंबर की प्रमुख द्विवार्षिक औद्योगिक प्रदर्शनी ‘उद्योग’ दक्षिण गुजरात की सबसे बड़ी औद्योगिक प्रदर्शनी है, जिसका आयोजन चैंबर द्वारा 1998 से किया जा रहा है। उद्योग, पिछले 13 संस्करणों में कई नवाचारों और प्रौद्योगिकियों के लिए लॉन्चिंग पैड साबित हुआ है, जबकि उद्योग का यह 14वां संस्करण उद्यमियों को उद्योग में सफलता के मानकों को पार करने के लिए आवश्यक मंच प्रदान करेगा।

चैंबर अध्यक्ष ने आगे कहा कि भारत की कुल जीडीपी का लगभग 29.1 प्रतिशत उद्योग से और 53.1 प्रतिशत सेवाओं से आता है. यानी भारत की जीडीपी का 83 प्रतिशत हिस्सा व्यापार, व्यवसाय और उद्योग से आता है, इसलिए उद्योगपतियों और व्यापारियों को अपने प्रयास बढ़ाने होंगे। सीएजीआर के आधार पर हमारी विनिर्माण विकास दर औसतन 13 से 14 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए और सेवा क्षेत्र को भी उसी दिशा में चलना चाहिए।

डॉ. फारूक पटेल (अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, केपी एनर्जी लिमिटेड) ने कहा कि उद्योगों को अब हरित ऊर्जा की ओर बढ़ना होगा। कार्बन उत्सर्जन जितना कम होगा, आने वाली पीढ़ियों के लिए उतना ही बेहतर होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2030 तक देश में 500 गीगावाट हरित ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि सभी उद्यमियों और व्यापारियों को मिशन 84 प्रोजेक्ट का समर्थन करना चाहिए, जो सूरत सहित पूरे देश से निर्यात बढ़ाने के लिए चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा शुरू किया गया है।

अरुण चौधरी (डीआरडीओ)) ने कहा कि भारतीय सेना अमेरिका और चीन के बाद रक्षा क्षेत्र में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी हथियार आयातक है। रक्षा क्षेत्र के हथियारों का निर्माण किया जा रहा है और अब इनका निर्यात भी किया जा रहा है। नेपाल, बांग्लादेश, चीन, पाकिस्तान, श्रीलंका के साथ अपनी भौगोलिक सीमाओं के कारण भारत में बड़ी संख्या में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, पैरामेडिकल फोर्स, पुलिस फोर्स हैं। इसलिए उन्होंने एमएसएमई उद्यमियों को रक्षा क्षेत्र में आगे आना आमंत्रित किया। ।

अजय कुमार भोले ने कहा, भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम भारत में सभी परमाणु ऊर्जा स्टेशनों का प्रबंधन करता है। काकरापार स्टेशन के रिएक्टर अत्याधुनिक डिजाइन के हैं, जो वर्तमान सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं, जो पूरी तरह से स्वदेशी हैं। यह गर्व करने वाली बात है और मेक इन इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करती है। आने वाले समय में बहुत तेजी से परमाणु स्टेशन स्थापित किये जायेंगे। भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम ने वर्ष 2031-32 तक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की क्षमता 7480 मेगावाट से बढ़ाकर 22480 मेगावाट करने का लक्ष्य रखा है।

जिला उद्योग केंद्र-सूरत के महाप्रबंधक एम.के. लदाणी ने कहा, कृषि के बाद एमएसएमई सबसे बड़ा रोजगार पैदा करने वाला क्षेत्र है। भारत में संगठित और असंगठित मिलाकर 6 करोड़ से अधिक एमएसएमई हैं, जो 12 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। गुजरात के 15 लाख एमएसएमई उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत हैं। अकेले सूरत से 3 लाख से अधिक एमएसएमई पंजीकृत हैं और उनके माध्यम से 20 लाख लोग कार्यरत हैं। उन्होंने भारत सरकार एवं राज्य सरकार की एमएसएमई से संबंधित विभिन्न योजनाओं एवं अधिनियमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहले 10 करोड़ रुपये तक के कारोबार को एमएसएमई में शामिल किया जाता था, लेकिन भारत सरकार ने उद्यमियों की महत्वाकांक्षा को ध्यान में रखते हुए इसमें बदलाव किया है और 50 करोड़ रुपये तक के कारोबार को एमएसएमई में शामिल किया है। ताकि उद्यमी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपने व्यवसाय में नया आयाम हासिल कर सकें।

चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष विजय मेवावाला ने समारोह में उपस्थित सभी को धन्यवाद दिया। समारोह का संचालन मानद मंत्री निखिल मद्रासी ने किया। समारोह में तत्कालीन पूर्व अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला, मानद कोषाध्यक्ष किरण थुम्मर, सभी प्रदर्शनियों के अध्यक्ष बिजल जरीवाला, पूर्व अध्यक्ष, समूह अध्यक्ष, प्रबंध समिति के सदस्य, उद्योगपति और व्यापारी उपस्थित थे।

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