सिविल मनेजमेंट की लापरवाही होने के बाद भी कोई कार्यवाही नही प्रशासन मूकदर्शक बना.
न्यु सिविल अस्पताल में दुखी को और दुखी करना कितना योग्य
सूरत शहर के मजूरा गेट के पास स्थित न्यू सिविल अस्पताल में मरीज के साथ आए परिजनों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा हैं। इलाज के लिए साथ में आए परिजनों को न्यू सिविल अस्पताल के कर्मचारी साथ में खड़े या इलाज के लिए साथ में अंदर भी नहीं जाने देते हैं। साथ ही परिजनों के साथ बुरा बर्ताव करते हैं और वहां से बाहर का रास्ता दिखा देते हैं। डॉक्टरों द्वारा बिना परिजनों के इलाज भी नहीं किया जाता है वही परिजनों के आने पर कर्मचारियों द्वारा बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। एक तरफ जहां ब्लड देने रिपोर्ट देने और अन्य कामों के लिए परिजन का मरीज के साथ रहना आवश्यक है तो वही कर्मचारियों के द्वारा परिजनों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। एक ओर जहां दुःखी मरीज इलाज के लिए सिविल अस्पताल पहुंचता हैं तो वहीं दूसरी ओर परिजनों के साथ अस्पताल के कर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता हैं। इस तरह का दुर्व्यवहार कहीं और नहीं बल्कि नई सिविल अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट के कार्यालय के नीचे एक्स-रे एवं सोनोग्राफी विभाग के आसपास ही किया जाता है। ऐसा कहना गलत भी नहीं होगा कि दिया तले अंधेरा हैं।
न्यू सिविल अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी मानवता भूल गए हो ऐसा भी प्रतीत होता है क्योंकि उनके द्वारा बड़े बुजुर्ग को भी बक्सा नहीं जाता है। लोक चर्चा यह भी है कि पहले भी कई बार मरीज के परिजनों और रिश्तेदारों से अस्पताल में हाथापाई की जा चुकी है।
सवाल यह भी खड़े होते हैं कि
● मानवता भूले कर्मचारियों के लिए जवाब देही कौन सुपरिंटेंडेंट या कोई ओर?
● भगा देना, प्रताड़ित करना कितना योग्य?
● न्यू सिविल अस्पताल में कर्मचारियों द्वारा दुर्व्यवहार की जानकारी से सिविल के सुपरीटेंडेंट है अनजान या जानबूझकर कर रहे हैं अनदेखा?
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