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सूरत पालिका समिति के स्कूलों में छुट्टियों के दौरान स्कूल बैग वितरण के लिए परिपत्र प्रकाशित करने पर विवाद

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सूरत, सूरत नगर पालिका द्वारा संचालित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति स्कूल में सभी विद्यार्थियों को जूता-मोजा और यूनिफॉर्म के साथ स्कूल बैग उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. सभी बच्चों को स्कूल बैग उपलब्ध कराने के निर्णय का स्वागत किया जा रहा है, लेकिन उस समय विवाद खड़ा हो गया जब शिक्षा समिति ने छुट्टियों के दौरान समिति के स्कूलों में स्कूल बैग वितरण के लिए एक परिपत्र जारी किया, जब अधिकांश शिक्षक घोषित छुट्टियों के कारण सूरत में नहीं है. शिक्षा समिति ने जिस कंपनी को बैग का ऑर्डर दिया था, उसने बैग दे दिया है. 30 मई तक स्कूल खोलने और बैग जमा करने के आदेश से शिक्षकों-प्रधानाचार्यों में काफी नाराजगी देखी जा रही है.

इस वर्ष सूरत नगर प्राथमिक शिक्षा समिति में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को पहली बार यूनिफॉर्म और जूते मोज़े के साथ स्कूल बैग देने का निर्णय लिया गया है. समिति ने मुंबई के हेक्सा कॉर्प को बैग के लिए ऑर्डर दिया और मानदंडों के अनुसार स्कूल बैग उपलब्ध कराए जाएंगे. यह स्कूल बैग स्कूली सत्र शुरू होने पर ही विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने की योजना है. लेकिन अवकाश के दौरान शिक्षा समिति द्वारा जारी किये गये सर्कुलर से शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों में काफी नाराजगी है. फिलहाल छुट्टियों पर चल रहे ज्यादातर शिक्षक और प्रिंसिपल सूरत से बाहर चले गए हैं, जबकि 30 मई तक जोन वाइज बैग बांटने के निर्देश दिए गए हैं. सर्कुलर के मुताबिक, एजेंसी स्कूल बैग के स्कूल पहुंचने के अनुमानित समय से एक दिन पहले प्रिंसिपल को फोन पर सूचित करेगी, जिसके मुताबिक प्रिंसिपल को स्कूल खोलने और स्कूल बैग को इकट्ठा करने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा यह भी बताया गया है कि एजेंसी द्वारा चालान जारी करने में सामान की गिनती चालान के अनुसार करनी होगी और सिक्कों पर चालान पर हस्ताक्षर करना होगा.

कुछ शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की शिकायत है कि वे सूरत से बाहर हैं और ऐसे समय में जब उनके पास सही छुट्टी है, उन्हें बैग लेने के लिए मजबूर किया जाना उचित नहीं है. स्कूल सत्र शुरू होने पर छात्रों को बैग प्राप्त करने के लिए स्वागत है. लेकिन इसके चलते शिक्षकों की मांग है कि बैग शिक्षकों की बजाय बैग सप्लाई करने वाली एजेंसी को दिया जाए. वैसे भी अभी आचार संहिता चल रही है. इस बीच यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या इस तरह से स्कूल बैग बेचने और स्कूल तक पहुंचाने का काम भी नियमों के मुताबिक है.

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