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नकली नोट बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, मशीन से बचने के लिए लॉरी-गल्ला पर चलते थे, 9.32 लाख रुपये के नकली नोट और छपाई सामग्री जब्त

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SOG PRESS

सूरत, सूरत शहर SOG पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने भेष बदलकर दो महीने तक निगरानी रखी और डुप्लीकेट नोट छापने की एक मिनी फैक्ट्री पकड़ी. लिंबायत क्षेत्र से इस फैक्ट्री को चलाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल पुलिस को 500, 200 के 9 लाख से अधिक डुप्लीकेट नोट मिले हैं. इसके साथ ही पुलिस ने प्रिंटर, लैपटॉप, नोटों का ग्राफ भी जब्त कर लिया है.

इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक, फिरोज की मुलाकात मध्य प्रदेश के रहने वाले दो अन्य आरोपियों से हुई और उन्होंने नकली नोट छापने का आइडिया दिया. फिर उसने कहा कि वह सूरत में ऐसे नोट छापने और उन्हें बाजार में चलाने के लिए ग्राहक ढूंढने में मदद करेगा. इसलिए उन्होंने खुद यूट्यूब पर नोट छापने के तरीके के वीडियो देखे और पैसे उधार लेकर नोट छापने के लिए कलर प्रिंटर, स्याही, मिश्रित कागज आदि ख़रीदा. और अपने न्यूज चैनल के दफ्तर में करेंसी नोट छापने लगा. फिरोज को अन्य आरोपी बाबूलाल गंगाराम कपासिया और शफीक खान इस्माइल खान मध्य प्रदेश से असली नोटों से मिलते-जुलते कागज और स्याही खरीदकर पहुंचा रहे थे. तीनों आरोपी मिलकर पिछले दो महीने से न्यूज चैनल के ऑफिस में प्रिंटर की मदद से नोट छापने का काम करने लगे. तीनों आरोपी नोट छापने के लिए अपने न्यूज चैनल के दफ्तर में इकट्ठा हो रहे थे तभी पुलिस ने छापा मारकर उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया. आरोपी शफीक इस्माइल खान से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह उज्जैन में जमीन की दलाली करता है. एक अन्य आरोपी बाबूलाल गंगाराम कपासिया शामिल था, जो उसके साथ जमीन दलाली का काम करता था. शफीक और बाबूलाल दोनों एक महीने पहले जमीन दलाली के काम से सूरत आए थे, तभी उनकी मुलाकात फिरोज सूपडू शाह से हुई. तीनों ने नकली नोट छापने का फैसला किया. लाभ को बराबर शेयरों में बेचने का निर्णय लिया गया. आरोपी खुद फिरोज सूपडू के साथ मिलकर नोट छापने में मदद कर रहे थे.

इस संबंध में डीसीपी राजदीप सिंह नकुम ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और उसे कमजोर करने के लिए नकली भारतीय नोट बनाकर बाजार में चलाने वालों की पहचान के लिए एसओजी/पीसीबी की अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है. इसी बीच एस.ओ.जी. पुलिस को सूचना मिली कि लिंबायत क्षेत्र में रहने वाला और स्थानीय न्यूज चैनल चलाने वाला फिरोज अपने बदमाशों के जरिए नकली भारतीय नोट छाप रहा है. इस तरह के नकली नोट लिंबायत क्षेत्र में सब्जी की लारी, पान के गल्लो आदि पर चलाए जाते हैं ताकि किसी को शक न हो. आगे कहा कि चूंकि आरोपी चतुर और आदतन था, इसलिए उसे आसानी से पकड़ना मुश्किल था. इस आदमी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एसओजी और पीसीबी के लोगों ने खुद को फेरीवालों का भेष बनाकर सब्जी की लारी, कपड़े की लारी, फल की लारी, नाश्ते की लारी के साथ ऑफिस के आसपास के क्षेत्र मे घूमकर इस पर पिछले दो महीनों से नजर रखी जा रही थी. फिरोज अपने दो साथियों बाबूलाल और शफीक के साथ लिंबायत मदीना मस्जिद के पीछे स्थित एसएच न्यूज 24X7 चैनल और सूरत हेराल्ड साप्ताहिक के कार्यालयों में नकली नोट छापते पाया गया था. इसलिए आरोपी फिरोज सूपडू शाह, बाबूलाल गंगाराम कपासिया और शफीक खान को गिरफ्तार कर कार्यालय से नकली भारतीय मुद्रा नोट छापने की सामग्री, प्रिंटर आदि जब्त किए गए. पुलिस ने 9.36 लाख नकली नोट, नोट छापने में इस्तेमाल होने वाले 3110 नंग कागज, एक कलर प्रिंटर, 2 कटर मशीन, हरी स्याही वाला बॉल पेन और स्याही की बोतल, एक न्यूज चैनल का प्रेस आईडी कार्ड, 4 इंटरव्यू माइक आदि जब्त किया है.

आरोपियों में मुख्य आरोपी फिरोज सूपडू शाह से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि इससे पहले 2015 में वह नकली नोट इकट्ठा करने के लिए झारखंड के धनबाद गया था और वहां पुलिस ने उसे 35 हजार रुपये के नकली नोटों के साथ पकड़ा था. इस मामले में वह दो साल तक जेल में रहा और बाद में उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिल गई. इसके बाद दो साल पहले सूदखोरी का लाइसेंस लिया और उसमें भी पैसा डूब गया. बाद में अपना खुद का न्यूज चैनल शुरू किया. इस न्यूज़ चैनल को लगभग छह महीने हो गए हैं. इस अपराध में अन्य आरोपी भी शामिल हैं? इस संबंध में भी आगे की जांच जारी है.

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