सूरत, सूरत कपड़ा बाजार लगभग 1975 में आड़त के द्वारा ही पूरे देश में कपड़ा जाता था, सारी जवाबदारी आड़त की होती थी. जिसके कारण व्यापार काफी साफ सुथरा रहा. सिस्टम करीब 18 से 20 साल आड़त के द्वारा चला. सूरत कपड़ा बाजार में प्रोडक्शन अधिक होने से व्यापारीयो ने धीरे धीरे अपने कपड़े को डायरेक्ट वा किसी के माध्यम से बेचना शुरु कर दिया साथ ही बाहर की मंडी के एजेंट भी सूरत बाजार में काम करने लगे. जिससे एजेंट के द्वारा पूरे हिंदुस्तान में कपड़ा जाना शुरू हो गया.
अभी कुछ समय से एजेंटों के भार होने से, समय से पेमेंट न आने पर और भुगतान संबंधित और अन्य समस्या की वजह से एजेंट की छवि खराब होने लगी और उनको भी नुकसान होना शुरू हो गया और उसकी वजह से काफी एजेंट ने आड़त की ओर कदम बढ़ाए. उम्मीद हैं आने वाले समय में वापिस एक आड़त का एक सिस्टम बनेगा. उस को देखते हुए कई एजेंट आड़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत(AKAS) के सदस्य बन रहे हैं.
अध्यक्ष प्रहलाद अग्रवाल ने बताया की स्पर्श ट्रेडीशनलस, ड्रोलिया एंड कंपनी एवं संजीव कुमार राजीव कुमार और अन्य काफी सारे लोगो ने व 43 से अधिक एजेंट ने कन्वर्ट किया हैं और इस ही संदर्भ में आड़त एसोसिएशन ने संजीव जी का स्वागत किया.