चुरू (ईएमएस)। सरदारशहर पुलिस की हिरासत में हुई युवक की मौत की गूंज अब राजधानी जयपुर तक पहुंच गई है। इस मामले में राज्य सरकार ने पुलिस की लचर कार्यप्रणाली को लेकर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। मामले में अब तक पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक और थानाप्रभारी समेत 36 पुलिसकर्मियों पर गाज गिर चुकी है। चूरू जिले में यह संभवतया पहला इस तरह का मामला है जिसमें पूरे थाने समेत पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक तक को हटाया गया है।
गत 6 जुलाई की रात को सरदारशहर इलाके के सोनपालसर निवासी नेमीचंद नायक की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। परिजनों के प्रदर्शन और मामले की गंभीरता को देखते हुए घटना के दो दिन बाद 8 जुलाई को पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र कुमार ने मामले में प्रथमदृष्टया पुलिस की लापरवाही सामने आने पर थानाधिकारी रणवीर सिंह सहित आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। वहीं 26 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया। वहां पूरा नया स्टाफ लगाया गया है।
इस बीच मृतका की भाभी की ओर लगाए पुलिस पर लगाए गए प्रताडऩा और गैंगरेप जैसे आरोपों के बाद राज्य सरकार सख्त हो गई और 12 जुलाई को देर रात पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र कुमार को एपीओ कर सरदारशहर पुलिस उपाधीक्षक को सस्पेंड कर दिया। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने बताया कि सीएम अशोक गहलोत ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि थाने में किसी भी घटना के लिए एसपी सीधे जिम्मेदार माने जाएंगे। सीएम के निर्देश पर ही चूरू एसपी को एपीओ किया गया है। इस मामले में एसपी और सीओ को सुपर विजन में कोताही का जिम्मेदार मानते हुए सरकार ने यह कार्रवाई की है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक को एपीओ किया गया है। वहीं सरदारशहर पुलिस उपाधीक्षक और थानाप्रभारी समेत नौ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है, जबकि 26 पुलिसकर्मी थाने से हटाकर लाइन हाजिर किए गए हैं।