नई दिल्ली(एजेंसी)।आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को देशभर में लागू कर रहे संगठन नेशनल हेल्थ अथारिटी (एनएचए) के डिपुटी सीईओ डॉ. विपुल अग्रवाल का कहना है कि शीघ्र ही देश भर में आयुष्मान भारत कार्ड बनाने के लिए विशेष अभियान चलेगा। साथ ही उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश और बिहार पर विशेष फोकस होगा। इन राज्यों पर विशेष फोकस के सवाल पर विपुल अग्रवाल का कहना है कि इन राज्यों में ही योजना के सबसे ज्यादा लाभार्थी रहते हैं।
डा. अग्रवाल का कहना है कि शीघ्र ही देशभर में आयुष्मान भारत कार्ड बनाने के लिए गांव-गांव अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने वाले व्यक्तियों को खोज कर उनका ई-कार्ड बनाया जाएगा। ई-कार्ड बनते ही चयनित व्यक्ति को योजना में चिकित्सा लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।इसके लिए नेशनल हेल्थ अथारिटी कुछ एजेंसियों को इम्पैनल्ड कर रहा है।
जब इनके इम्पैनल्ड करने का काम पूरा हो जाएगा तब फिर अथारिटी (एनएचए) की तरफ से राज्य सरकारों को चिट्ठी लिखकर कहा जाएगा कि आप इन इम्पैनल्ड एजेंसियों में से किसी की सेवा लेकर पीएम जय योजना के तहत लाभार्थियों का ई-कार्ड बनवाना शुरू करें। इन एजेंसियों के प्रतिनिधि गांव-गांव जाकर हाथों-हाथ ई कार्ड बनाएंगे। केंद्र सरकार ने 2011 की जनगणना के आधार पर योजना के पात्र लाभार्थियों का पहले की चयन कर लिया है। देश भर में इनकी संख्या करीब 54 करोड़ है। इसके बिपरीत अभी तक 12.56 करोड़ लोगों का ही आयुष्मान भारत कार्ड बन पाया है।
मतलब कि अभी तक लक्षित व्यक्ति के 23.25 फीसदी लोगों तक ही योजना ही पहुंच सकी है।इसकारण तय किया गया कि देश भर में ई कार्ड बनाने का विशेष अभियान चलाया जाएगा।नेशनल हेल्थ अथारिटी का कहना है कि वह यूपी, एमपी और बिहार पर विशेष फोकस करेगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन्हीं तीन राज्यों में करीब 30 फीसदी पात्र रहते हैं।
पीएम जय योजना के सबसे ज्यादा पात्र यूपी में, 6.47 करोड़ हैं। इसके बाद बिहार में जहां 5.55 करोड़ पात्र हैं। एमपी में भी 3.73 करोड़ पात्र हैं। इनमें से अभी तक यूपी में 96.23 लाख लोगों का ही ई-कार्ड बन पाया है। बिहार में तो अभी तक महज 53.93 लाख लोगों का ही ई कार्ड बन पाया है। मध्य प्रदेश की हालत थोड़ी बेहतर है। वहां 1.43 करोड़ लोगों का ई कार्ड बना है।