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गुजरातियों में अंतर्निहित है नेतृत्व कला और उद्यमिताः मुख्यमंत्री

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गुजरातियों में अंतर्निहित है नेतृत्व कला और उद्यमिताः मुख्यमंत्री

अहमदाबाद(एजेंसी)| मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के आयात को हर संभव तरीके से घटाने का मत व्यक्त किया है और गुजरात उसके लिए योग्य दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) के फाउंडेशन वीक 2020 कार्यक्रम के अंतर्गत शुक्रवार को आयोजित वेबिनार में ‘गुजरातः द ग्रोथ इंजन और न्यू इंडिया के लिए पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में उसका योगदान’ विषय पर आयोजित विशेष राज्य सत्र में उन्होंने यह बात कही।

इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि राज्य के नागरिकों की तीव्र उन्नति और तकनीकी क्षमता के कारण गुजरात में ट्रेडिशन, इनोवेशन, एम्बीशन और इमेजिनेशन से भरपूर प्रतिभाएं हैं। इन विशेषताओं के कारण गुजरात आज देश की विकास यात्रा के केंद्र में है। गुजरातियों में नेतृत्व कला और उद्यमिता अंतर्निहित हैं, जो राज्य के वैश्विक विकास का चालक बल बनी है। रूपाणी ने कहा कि गुजरात में देश का सबसे लंबा समुद्री तट है। भूतकाल में यह समुद्री किनारा व्यापार-वाणिज्य का केंद्र रहा है। पांच हजार साल पुराने लोथल बंदरगाह ने भारत को दुनिया के साथ जोड़ने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से गुजरात के व्यापारी केवल उत्पादक और निर्यातक से आगे बढ़कर अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, चीन और ऑस्ट्रेलिया जैसे विश्व के विभिन्न हिस्सों में सफलतापूर्वक व्यापार-उद्योग स्थापित कर बेहतर उद्यमी बने हैं। उन्होंने आगे कहा कि गुजरात देश की बड़ी उत्पादक इकाइयों का केंद्र रहा है। टेक्सटाइल, केमिकल, फार्मास्यूटिकल, इंजीनियरिंग और मेरीटाइम जैसे उद्योगों ने राज्य के वैश्विक विकास को नई गति दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2001 में गुजरात का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 01 लाख करोड़ रुपए था, जो आज बढ़कर 18.9 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा ही बताता है कि पिछले दो दशक में गुजरात के शहरों तथा दूरस्थ गांवों में औद्योगिक विकास पहुंचा है। उन्होंने साफ कहा कि जीडीपी में बढ़ोतरी के साथ गुजरात की प्रति व्यक्ति आय में भी 10 गुना बढ़ोतरी हुई है, जिसने अर्थव्यवस्थआ के विकास को रफ्तार दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में वैश्विक अर्थव्यवस्था ने 2 से 4 फीसदी की दर से विकास किया है, तब गुजरात की विकास दर 10 फीसदी से भी अधिक रही है।

पिछले वर्ष तो गुजरात ने सारे रिकार्ड तोड़ते हुए 13 फीसदी की विकास दर हासिल की है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सर्वे का जिक्र करते हुए उन्होंने गर्व के साथ कहा कि गुजरात की बेरोजगारी दर 4.3 फीसदी के साथ पूरे देश में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, नीदरलैंड, जर्मनी और सिंगापुर जैसे देशों के निवेशक गुजरात में निवेश कर रहे हैं।

देश के कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में गुजरात का हिस्सा 53 फीसदी है। फॉर्चुन 500 कंपनियों में से 100 से अधिक कंपनियां आज गुजरात में कार्यरत हैं। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि गुजरात में एक मजबूत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र है जिसमें बड़े, मध्यम और छोटे उद्योग शामिल हैं। गुजरात के औद्योगिक विकास में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) का योगदान अहम है। गुजरात सरकार फैसिलिटेशन डैस्क के जरिए 35 लाख से अधिक एमएसएमई को सारी जरूरी सुविधाएं और सहायता मुहैया करा रही है। उन्होंने कहा कि आज गुजरात सर्वांगीण आर्थिक विकास का मॉडल बन गया है।

गुजरात ऑटोमोटिव, रसायन, फार्मास्यूटिकल, कपड़ा, सिरामिक, रिन्यूएबल एनर्जी, मेरीटाइम और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे अनेक क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी अग्रणी बनकर उभरा है। रूपाणी ने राज्य की विभिन्न नीतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि नई औद्योगिक नीति-2020, गुजरात की विंड एंड सोलर पावर पॉलिसी, आईटी, आईटीईएस और इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी, टेक्सटाइल, एयरोस्पेस एंड डिफेंस तथा टूरिज्म पॉलिसी जैसी नीतियों के जरिए हम निवेशकों को वैश्विक बाजार के लिए प्रतिस्पर्धी बनाया है।

केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के बीच भी बेहतर समन्वय के कारण अब निवेशक गुजरात में ज्यादा विश्वसनीय निवेश के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 10 नए क्षेत्रों में लागू होने वाली केंद्र सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई योजना) आत्मनिर्भर भारत की मुहिम को आगे बढ़ाएगी और मैन्युफेक्चरिंग कंपनियां भी गुजरात में निवेश के लिए आकर्षित होंगी। यही नहीं, गुजरात की नई औद्योगिक नीति आत्मनिर्भर भारत अभियान और अर्थव्यवस्था को गति देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी कारोबार सुगमता की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।

हाल ही में हमने ऑनलाइन डेवलपमेंट परमिशन सिस्टम (ओडीपीएस) शुरू किया है, जो कम ऊंचाई वाले भवनों के निर्माण को 24 घंटे में ही मंजूरी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि गुजरात देश का इकलौता ऐसा राज्य है जिसके पास अन्य राज्यों की तुलना में पानी, गैस और पावर ग्रिड की मजबूत ढांचागत सुविधाएं मौजूद हैं। गुजरात ने रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि हम अन्य राज्यों की बिजली की जरूरतों को पूरा करने में सहायक बन सके।

प्रधानमंत्री ने हाल ही में कच्छ के खावड़ा में दुनिया के सबसे बड़े हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी पार्क का शिलान्यास किया है, जहां 30,000 मेगावाट बिजली उत्पन्न होगी। 1.8 लाख एकड़ क्षेत्र में फैला यह पार्क सिंगापुर देश जितना बड़ा है। इस पार्क में पवनचक्की और सोलर पैनल एक साथ बिजली पैदा करेंगे। उन्होंने कहा कि गुजरात 49 छोटे-बड़े बंदरगाहों का गढ़ है। राज्य के बंदरगाह अफ्रीका, मध्य और पूर्वी एशिया तथा यूरोप सहित विश्व के 180 देशों तक व्यापारिक पहुंच उपलब्ध कराते हैं।

गुजरात की कार्गो हैंडलिंग क्षमता देश में सर्वाधिक है। भारत की कुल माल ढुलाई क्षमता में गुजरात का हिस्सा 40 फीसदी है। भौगोलिक रूप से संतुलित गुजरात विकास मॉडल में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड), धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (धोलेरा एसआईआर-सर), मांडल बेचराजी एसआईआर, पेट्रोलियम, केमिकल और पेट्रोकेमिकल निवेश क्षेत्र (पीसीपीआईआर) और गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) जैसे विशेष निवेश क्षेत्र शामिल हैं।

गुजरात दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे जैसी परियोजना में भी अहम हिस्सेदार है। इतना ही नहीं, केंद्र और राज्य सरकार भी परस्पर सहयोग से देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना विकसित कर रही है। रूपाणी ने कहा कि ग्लोबल व्यवसाय के नक्शे पर गुजरात का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसके साथ ही राज्य में मजबूत स्वास्थ्य ढांचा, शैक्षणिक संस्थान, बेहतर परिवहन प्रणाली और विश्वस्तरीय आतिथ्य सुविधाएं हैं।

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