Home उत्तर प्रदेश 100वीं किसान ट्रेन को प्रधानमंत्री मोदी ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

100वीं किसान ट्रेन को प्रधानमंत्री मोदी ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

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100वीं किसान ट्रेन को प्रधानमंत्री मोदी ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

उत्तर प्रदेश(एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो लिंक के माध्यम से महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार तक चलने वाली 100 वीं ‘किसान रेल’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और खाद्य प्रसंस्करण, उद्योग मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और केंद्रीय रेल, वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल नई दिल्ली से वीडियो लिंक के माध्यम से उपस्थित थे।

रणजित सिंह नाईक निम्बालकर, सांसद, प्रशांत परिचारक, विजयकुमार देशमुख, रणजितसिंह मोहिते पाटील, विधायक एवं शैलेश गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक, सोलापुर सांगोला में उपस्थित थे। मध्य रेल के महाप्रबंधक संजीव मित्तल छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस मुंबई से वीडियो लिंक द्वारा उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने रेल रवाना करने के बाद कहा कि कोरोना की चुनौती के बाद भी चार महीने में किसान का ये रेल नेटवर्क 100 के आंकड़े तक पहुंच गया है।

महाराष्ट्र के किसानों को बंगाल के और बंगाल के किसानों को महाराष्ट्र तक अपनी उपज पहुंचाने की सुविधा मिल गई है। देश को जोड़ने वाली ट्रेन अब किसानों के माल को भी यहां से वहां तक पहुंचा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे छोटे और सीमांत किसानों को भी फायदा पहुंच रहा है क्योंकि इसमें माल की कोई सीमा नहीं रखी गई है। यानी कि उपज का छोटा हिस्सा भी बड़े बाजारों में पहुंच रहा है। पहली किसान रेल अगस्त 2020 में एक साप्ताहिक ट्रेन के रूप में शुरू हुई।

इस ट्रेन ने लोकप्रियता हासिल की और अब सप्ताह में तीन दिन चल रही है।पृष्ठभूमि:रेलवे राष्ट्र का विकास इंजन है। रेलवे और कृषि दोनों ने लॉकडाउन के दौरान भी अपना कार्य जारी रखा और सुनिश्चित किया कि देश के हर कोने पर अनाज पहुंचे। किसान रेल देश भर में कृषि उपज का तेजी से परिवहन सुनिश्चित करने के लिए एक गेम चेंजर बन गई है। यह नाशवान वस्तुयों के उत्पादन की निर्बाध आपूर्ति की श्रृंखला प्रदान करता है।

भारतीय रेल ने 07/08/2020 को देवलाली से दानापुर तक पहली “किसान रेल” शुरू की गई थी बाद में इस ट्रेन का मुज़फ़्फ़रपुर तक विस्तार किया गया और उत्तरी भारत के सुदूर स्थानों पर अपनी उपज भेजने के लिए लाभ उठाने वाले किसानों से अच्छा प्रतिसाद मिलने के परिणामस्वरूप,इस ट्रेन को साप्ताहिक से सप्ताह में 3 दिनों तक आवृत्ति बढ़ाई। महाराष्ट्र के सांगोला से एक लिंक किसान रेल भी शुरू की गई। सोलापुर, सांगली जिलों के सांगोला, पंढरपुर ,मोडलिंब , केवटी-महांकाल, सालगारे में उगाए जाने वाले शिमला मिर्च, अनार, अंगूर का एक बड़ा यातायात था।

अहमदनगर क्षेत्र से नींबू, जेऊर और करमाला के क्षेत्रों में टमाटर और कच्चे-पौधे, जो सड़क द्वारा ले जाया जा रहा था, अब किसान रेल द्वारा ले जाया जा रहा है। नागपुर और आसपास के क्षेत्रों से संतरे के परिवहन के लिए ऑरेंज (संतरा) किसान रेल दिनाँक 14.10.2020 से शुरू की गई। यह क्षेत्र अन्य कृषि उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है जिसके लिए भारी मांग है। रेलवे द्वारा संतरा किसान रेल की शुरूआत एक और मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ है जो न केवल संतरा उत्पादन को बढ़ाएगी बल्कि पूरे देश में महाराष्ट्र के प्रसिद्ध संतरे के वितरण का भी मार्ग प्रशस्त करेगी।

यह ऑरेंज प्रोड्यूसर्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। सांगोला-शालिमार किसान रेल 21.11.2020 को शुरू हुई थी। मल्टी कमोडिटी ट्रेन सेवा, फूलगोभी, शिमला मिर्च, पत्तागोभी, ड्रमस्टिक, मिर्च, प्याज आदि सब्जियों के साथ-साथ अंगूर, संतरा, अनार, केला, कस्टर्ड ऐपल जैसे फल का भी परिवहन कर रही है। किसानों की सुविधा के लिए नाशवान वस्तुओं की लोडिंग और अनलोडिंग की अनुमति सभी स्टॉपेजो दी गई और कंसाइनमेंट के भार व साइज़ का प्रतिबंध हटा दिया गया।

एक किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार कुछ किलोग्राम से लेकर कई टन तक बुक कर सकता है। भारत सरकार ने अधिसूचित फलों और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी है। किसान रेल छोटे किसानों और छोटे व्यापारियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी यात्रा जारी रखेगी।

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