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सूरत: गुजरात में कोरोन की दूसरी लहर ने इस बात का ख्याल रखा है, सूरत जिले को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, सूरत में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इन सबके बीच सूरत जिले के महुवा तालुका के अनवल गांव में भयानक हादसा हो गया है. इधर पूरा परिवार कोरोना से त्रस्त है, इधर अनवल गांव में कोरोना ने पूरे परिवार को महज 12 दिन में ही मात दे दी, त्रासद यह है कि आखिरी मरने वाले बुजुर्ग के अंतिम संस्कार के लिए भी कोई नहीं बचा. & nbsp;
महुवा चीनी मिल में अंचल अधिकारी के पद पर कार्यरत जयंतीभाई बाबूभाई पटेल (उम्र 58) के पूरे परिवार की सूरत के अनवल गांव में कोरो की भयानक देखभाल से मौत हो गई है। इधर परिजन कोरोना की पहली पत्नी और फिर उसके छोटे बेटे से बौखला गए और आखिर में कोरोना ने बुजुर्ग पिता को भी मार डाला, इस बुजुर्ग के दाह संस्कार के लिए परिवार में कोई नहीं बचा। एक-एक कर परिवार के सभी सदस्य एक-एक कर कोरोना के घर पहुंचे। मृतक की मां सीताबेन और पिता जयंतीभाई को बाद में नवसारी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. दिलचस्प बात यह है कि जयंतीभाई इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त होने वाले थे और अपने बेटे के लिए दुल्हन खोजने की तैयारी चल रही थी। उसके चचेरे भाई के बेटे हितेश का कहना है कि वह अब इस घर को नहीं देखना चाहता। कोरोना ने लोगों को दयनीय बना दिया है। सूरत समेत गुजरात के हर शहर में कोरोना ने घातक रूप ले लिया है और संक्रमितों की संख्या के साथ-साथ मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. & Nbsp;
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