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![केंद्र द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में थोक मूल्य मुद्रास्फीति 7.39% थी। केंद्र द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में थोक मूल्य मुद्रास्फीति 7.39% थी।](https://images.news18.com/ibnlive/uploads/2021/03/1614954812_vegetables.jpeg?impolicy=website&width=534&height=356)
केंद्र द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में थोक मूल्य मुद्रास्फीति 7.39% थी।
वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण अप्रैल में भारत की थोक मूल्य मुद्रास्फीति (WPI) बढ़कर 10.49% हो गई
वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण अप्रैल में भारत की थोक मूल्य मुद्रास्फीति (WPI) बढ़कर 10.49% हो गई। केंद्र द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में थोक मूल्य मुद्रास्फीति 7.39% दर्ज की गई थी।
मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार, “अप्रैल 2021 में मुद्रास्फीति की वार्षिक दर मुख्य रूप से कच्चे पेट्रोलियम, खनिज तेल जैसे पेट्रोल, डीजल आदि और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में अधिक है।” वाणिज्य और उद्योग के।
मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जहां खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 4.92% हो गई, वहीं ईंधन के लिए मुद्रास्फीति बढ़कर 20.94% हो गई। हालांकि खुदरा महंगाई घटकर 4.29% रह गई, जो अप्रैल में तीन महीने में सबसे कम है।
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