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जम्मू वायु सेना स्टेशन पर रविवार को दो कम तीव्रता वाले विस्फोट हुए। (छवि: आईएएनएस)
जेके डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि ड्रोन सीमा पार से उड़ाए गए और ऑपरेशन के बाद वापस लौट आए।
पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (लेट) के आतंकी संगठन पर रविवार तड़के जम्मू में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर दोहरे ड्रोन विस्फोट करने का संदेह है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि ड्रोन से देश में अपनी तरह के पहले हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने का संदेह है। हिन्दू का हवाला देते हुए पीटीआई रिपोर्ट।
IAF बेस पर दो बम गिराए गए, जिसमें भारतीय वायु सेना के दो जवान घायल हो गए। विस्फोट सुबह करीब 1.40 बजे एक दूसरे से छह मिनट के भीतर हुए।
पहला धमाका शहर के बाहरी इलाके सतवारी इलाके में भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित हवाई अड्डे के उच्च सुरक्षा तकनीकी क्षेत्र में एक मंजिला इमारत की छत से हुआ। दूसरा जमीन पर पड़ा था।
मामले की जांच मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई।
जेके डीजीपी ने कहा कि ड्रोन सीमा पार से उड़ाए गए और ऑपरेशन के बाद वापस लौट आए।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और निष्कर्ष अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा किए जाएंगे। सिंह ने यह भी कहा कि हमले के बाद सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को संवेदनशील बना दिया गया है।
डीजीपी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में ड्रोन के किसी भी अनधिकृत उपयोग के लिए जनता को एक सामान्य चेतावनी भी दी गई है, जिसका उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद, पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। भारतीय वायुसेना के एक कनिष्ठ वारंट अधिकारी के आवेदन पर सतवारी पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की प्रासंगिक धाराओं को भी जोड़ा गया है।
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