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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sat, 11 Sep 2021 09:04 PM IST
सार
कानून मंत्री ने कहा कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में हम मध्यस्थता पर एक विधेयक पेश करेंगे। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि हम भारत को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का केंद्र बनाना चाहते हैं।
![सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के साथ केंद्र मधुर रिश्ते बनाने का इच्छुक Prayagraj News : केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू।](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2021/09/11/750x506/prayagraj-news-e_1631374456.jpeg)
Prayagraj News : केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू।
– फोटो : प्रयागराज
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विस्तार
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के साथ मजबूत रिश्ते विकसित करेगी। न्यायपालिका के साथ सामंजस्य बनाकर काम किया जाएगा। मध्यस्थता पर कानून बनाने की तैयारी है। संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में मध्यस्थता पर एक नया कानून बनाने के लिए विधेयक पेश किया जाएगा। झलवा में प्रस्तावित नए राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह में उन्होंने यह बात कही।
कानून मंत्री ने कहा कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में हम मध्यस्थता पर एक विधेयक पेश करेंगे। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि हम भारत को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का केंद्र बनाना चाहते हैं। रिजिजू ने कहा कि केंद्र सरकार सभी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों और विधि अकादमियों के साथ मिलकर काम करने के लिए बहुत उत्सुक हैं। हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता में विश्वास रखते हैं और न्यायिक प्रणाली को मजबूत करना चाहते हैं। ऐसे में न्यायपालिका को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों के साथ एक मजबूत संबंध विकसित करना चाहती है।
कानून मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आम आदमी को न्याय मिले। उन्होंने कहा कि समय पर न्याय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। मंत्री ने कहा कि आम आदमी को न्याय दिलाने के लिए केंद्र न्यायपालिका के साथ मिलकर काम करेगा। कानून मंत्री ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने भी विवाद समाधान प्रक्रिया में मध्यस्थता के लिए एक कानून की आवश्यकता को रेखांकित किया था। सीजेआई ने कहा था कि प्रत्येक विवाद के समाधान के लिए मध्यस्थता को एक अनिवार्य पहला कदम के रूप में निर्धारित करना मध्यस्थता को बढ़ावा देने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। ऐसे में इस संबंध में एक सर्वव्यापक कानून बनाने की आवश्यकता है।
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार न्याय पालिका के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है। हम सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जजों से मधुर संबंध बनाना चाहते हैं तथा रिटायर जजों से भी संबंध बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही यहां विधि के क्षेत्र में उच्चस्तरीय अनुसंधान की सुविधा भी मिलेगी। इसके अलावा आवासीय व खेलकूद की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। किरण रिजिजू ने कहा कि कानून मंत्री होने के नाते मैं आश्वासन देता हूं कि हम सबके साथ मिलकर न्याय प्रणाली को और मजबूती देने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मीडिएशन और आर्बिट्रेशन के क्षेत्र में सरकार महत्वपूर्ण काम कर रही है। ताकि, वैकल्पिक न्याय प्रणाली को और मजबूत किया जा सके।
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