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सार
मुख्य अतिथि पद्मश्री व पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित देश के प्रख्यात हृदय चिकित्सक डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड से स्वास्थ्य सेवा सुरक्षित, सुलभ और सस्ती हो जाएगी।
दीक्षांत समारोह
– फोटो : सोशल मीडिया
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भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) का 16 वां दीक्षांत समारोह का आयोजन शनिवार को ऑनलाइन मोड में हुआ। 465 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के छात्र साहिल गोयल को चेयरमैन और इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल से नवाजा गया। इसके अलावा कुल 23 मेधावी विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किए गए। 29 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई।
मुख्य अतिथि पद्मश्री व पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित देश के प्रख्यात हृदय चिकित्सक डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड से स्वास्थ्य सेवा सुरक्षित, सुलभ और सस्ती हो जाएगी। दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत अस्पतालों में इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं। हमारा प्रयास है कि सबके सबसे स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड हो।
उन्होंने विद्यार्थियों से अपील किया कि वे डिजिटल उपकरण सस्ते दर पर विकसित करें, जिससे आम नागरिकों का जीवन भी आसान हो सके। उन्होंने कहा कि अपने सपने के पीछे भागो और दिल से काम लो। अपने जीवन का अनुभव बताते हुए कहा कि ज्यादातर मेरे जीवन की अच्छी चीजे दूसरे या तीसरे प्रयास में मिली। इसलिए कभी हार नहीं मानना चाहिए। अपने लक्ष्य को निर्धारित कर लगातार निष्ठा के साथ परिश्रम करते रहें। बहुत कम लोग होते हैं जिन्हें पहले प्रयास में सफलता मिलती है।
मुख्य अतिथि डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि शेयर बाजार का उतार-चढ़ाव वास्तविक भारत नहीं है। वास्तविक भारत अभी भी कृषि अर्थव्यवस्था पर निर्भर करता है। कृषि आय अभी भी बारिश पर निर्भर करती है। दिलचस्प बात यह है कि जब पर्याप्त बारिश होती है तो बंपर फसल होती है, फिर भी पैसा नहीं होता है क्योंकि उसने जो उगाया है उसका कोई बाजार मूल्य नहीं है।
डॉ. शेट्टी ने कहा कि कोविड ने हमारी दुनिया को बदल दिया है और इसे उल्टा कर दिया है। अब से 50 साल बाद जब इतिहासकार अतीत की बात करगें तो विश्व की घटनाओं को बीसी और एडी के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, यानी कोविड से पहले और कोविड के बाद। डॉ. शेट्टी ने कहा की जिस दुनिया में आप एक युवा छात्र के रूप में ट्रिपलआईटी में शामिल हुए, वह उस दुनिया से नाटकीय रूप से अलग है, जिसमें अब आप कदम रखने जा रहे हैं। कहा कि डिग्री को अधिक महत्व न दे। हमें अपने कार्य के प्रति निष्ठा और जुनून होना चाहिए। हमें खुद को खोजना चाहिए, जिससे लक्ष्य की प्राप्ति में आसानी हो।
महामारी के दौर में संस्थान में जारी रहा शोध कार्य
दीक्षांत समारोह में निदेशक प्रो. नागभूषण ने कहा कि कोविड महामारी के दौर में भी संस्थान अपने शोध के साथ सक्रिय रहा। कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक किट तैयार की गई। यह किट नैनो टेक्नोलॉजी पर आधारित है। केजी मेडिकल कॉलेज लखनऊ में इसका परीक्षण चल रहा है। इससे कोविड जांच की रिपोर्ट 15 मिनट से भी कम समय में आ जाएगी। कोविड से संबंधित कई शोध पत्र प्रकाशित हुए है।
संस्थान के छात्रों ने हैकाथॉन और अन्य कोडिंग प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। स्नेहा मिश्रा को प्रतिष्ठित एडीओबीई वूमेन इन टेक्नोलॉजी फेलोशिप 2021 और कथार संपदा मनोज को ग्रेस हॉपर सेलिब्रेशन फेलोशिप 2021 मिली। प्रो. पी नागभूषण ने कहा कि संस्थान ने स्वायत्त रूप से चालित उत्प्रेरक चुंबकीय नैनोबोट्स को डिजाइन किया गया है। यह आविष्कार जल उपचार के लिए उपयोगी है। इससे जल निकायों के भीतर कोई प्रदूषण नहीं होगा। इस अवसर पर प्रो. टी लहरी, रजिस्ट्रार प्रो. विजयश्री तिवारी, डॉ मनीष गोस्वामी, प्रो. नीतेश पुरोहित आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
465 छात्रों ने पायी डिग्री
समारोह में 465 छात्रों को विभिन्न डिग्रियों से नवाजा गया। इसमें बीटेक आईटी के 144 और बीटेक इलेक्ट्रानिक्स कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के 80 मेधावियों को उपाधि प्रदान की गई। एमटेक इलेक्ट्रानिक्स कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के 21, एमटेक आईटी के 99, एमटेक बीआई के 5, एमबीए के 27, डुअल डिग्री बीटेक-एमबीए के 7, डुअल डिग्री बीटेक आईटी-एमटेक के 53 छात्र-छात्राओं को उपाधि से अलंकृत किया गया। पांच वर्षीय डुअल डिग्री बीटेक-एमबीए प्रोग्राम में प्रथम रैंक पाने वाली निहारिका गली और द्वितीय रैंक पाने वाले अविनाश यादव को मेरिट सर्टिफिकेट से नवाजा गया।
इन्हें मिला पदक
इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल : बीटेक आईटी के ध्रुव अग्रवाल, बीटेक ईसीई के साहिल गोयल, एमटेक आईटी के मोहम्मद अफजल, एमटेक ईसीई की आकृति श्रीवास्तव, एमबीए के हिमांशी खंडेलवाल और पांच बर्षीय बीटेक-एमटेक के अनुपम प्रकाश।
इंस्टीट्यूट सिल्वर मेडल: बीटेक आईटी के आयुष चौधरी, बीटेक ईसीई के अब्दुल अहद सिद्दीकी, एमटेक आईटी के भिसिकर सिद्धांत, एमटेक ईसीई के स्वर्णिका श्रुति, एमबीए के शिवांशु कुलश्रेष्ठ, और पांच बर्षीय बीटेक-एमटेक यलाकुचि संदीप।
इंस्टीट्यूट ब्रांज मेडल: बीटेक आईटी के राहुल बीरेंद्र झा, बीटेक ईसीई के शिवांश श्रीवास्तव, एमटेक आईटी के मिताली सिंह, एमटेक ईसीई के प्रतिभा सिंह, एमबीए के टीना मुंजल और पांच वर्षीय बीटेक-एमटेक के प्रखर चतुर्वेदी।
दानदाता गोल्ड मेडल: धैर्या बवेजा को नोबेल वैज्ञानिक प्रोफेसर क्लाउड कोहेन तानोजी गोल्ड मेडल, समीक्षा खंडेलवाल को प्रोफेसर जौली कोहेन तानोजी गोल्ड मेडल, गौरव पांडेय को डॉ. टीसीएम पिल्लई स्मृति गोल्ड मेडल और मेहुल अरोरा को प्रोफेसर डॉ. इं मथियास क्लेनर गोल्ड मेडल दिया गया।
विस्तार
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) का 16 वां दीक्षांत समारोह का आयोजन शनिवार को ऑनलाइन मोड में हुआ। 465 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के छात्र साहिल गोयल को चेयरमैन और इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल से नवाजा गया। इसके अलावा कुल 23 मेधावी विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किए गए। 29 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई।
मुख्य अतिथि पद्मश्री व पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित देश के प्रख्यात हृदय चिकित्सक डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड से स्वास्थ्य सेवा सुरक्षित, सुलभ और सस्ती हो जाएगी। दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत अस्पतालों में इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं। हमारा प्रयास है कि सबके सबसे स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड हो।
उन्होंने विद्यार्थियों से अपील किया कि वे डिजिटल उपकरण सस्ते दर पर विकसित करें, जिससे आम नागरिकों का जीवन भी आसान हो सके। उन्होंने कहा कि अपने सपने के पीछे भागो और दिल से काम लो। अपने जीवन का अनुभव बताते हुए कहा कि ज्यादातर मेरे जीवन की अच्छी चीजे दूसरे या तीसरे प्रयास में मिली। इसलिए कभी हार नहीं मानना चाहिए। अपने लक्ष्य को निर्धारित कर लगातार निष्ठा के साथ परिश्रम करते रहें। बहुत कम लोग होते हैं जिन्हें पहले प्रयास में सफलता मिलती है।
मुख्य अतिथि डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि शेयर बाजार का उतार-चढ़ाव वास्तविक भारत नहीं है। वास्तविक भारत अभी भी कृषि अर्थव्यवस्था पर निर्भर करता है। कृषि आय अभी भी बारिश पर निर्भर करती है। दिलचस्प बात यह है कि जब पर्याप्त बारिश होती है तो बंपर फसल होती है, फिर भी पैसा नहीं होता है क्योंकि उसने जो उगाया है उसका कोई बाजार मूल्य नहीं है।
डॉ. शेट्टी ने कहा कि कोविड ने हमारी दुनिया को बदल दिया है और इसे उल्टा कर दिया है। अब से 50 साल बाद जब इतिहासकार अतीत की बात करगें तो विश्व की घटनाओं को बीसी और एडी के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, यानी कोविड से पहले और कोविड के बाद। डॉ. शेट्टी ने कहा की जिस दुनिया में आप एक युवा छात्र के रूप में ट्रिपलआईटी में शामिल हुए, वह उस दुनिया से नाटकीय रूप से अलग है, जिसमें अब आप कदम रखने जा रहे हैं। कहा कि डिग्री को अधिक महत्व न दे। हमें अपने कार्य के प्रति निष्ठा और जुनून होना चाहिए। हमें खुद को खोजना चाहिए, जिससे लक्ष्य की प्राप्ति में आसानी हो।
महामारी के दौर में संस्थान में जारी रहा शोध कार्य
दीक्षांत समारोह में निदेशक प्रो. नागभूषण ने कहा कि कोविड महामारी के दौर में भी संस्थान अपने शोध के साथ सक्रिय रहा। कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक किट तैयार की गई। यह किट नैनो टेक्नोलॉजी पर आधारित है। केजी मेडिकल कॉलेज लखनऊ में इसका परीक्षण चल रहा है। इससे कोविड जांच की रिपोर्ट 15 मिनट से भी कम समय में आ जाएगी। कोविड से संबंधित कई शोध पत्र प्रकाशित हुए है।
संस्थान के छात्रों ने हैकाथॉन और अन्य कोडिंग प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। स्नेहा मिश्रा को प्रतिष्ठित एडीओबीई वूमेन इन टेक्नोलॉजी फेलोशिप 2021 और कथार संपदा मनोज को ग्रेस हॉपर सेलिब्रेशन फेलोशिप 2021 मिली। प्रो. पी नागभूषण ने कहा कि संस्थान ने स्वायत्त रूप से चालित उत्प्रेरक चुंबकीय नैनोबोट्स को डिजाइन किया गया है। यह आविष्कार जल उपचार के लिए उपयोगी है। इससे जल निकायों के भीतर कोई प्रदूषण नहीं होगा। इस अवसर पर प्रो. टी लहरी, रजिस्ट्रार प्रो. विजयश्री तिवारी, डॉ मनीष गोस्वामी, प्रो. नीतेश पुरोहित आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
465 छात्रों ने पायी डिग्री
समारोह में 465 छात्रों को विभिन्न डिग्रियों से नवाजा गया। इसमें बीटेक आईटी के 144 और बीटेक इलेक्ट्रानिक्स कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के 80 मेधावियों को उपाधि प्रदान की गई। एमटेक इलेक्ट्रानिक्स कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के 21, एमटेक आईटी के 99, एमटेक बीआई के 5, एमबीए के 27, डुअल डिग्री बीटेक-एमबीए के 7, डुअल डिग्री बीटेक आईटी-एमटेक के 53 छात्र-छात्राओं को उपाधि से अलंकृत किया गया। पांच वर्षीय डुअल डिग्री बीटेक-एमबीए प्रोग्राम में प्रथम रैंक पाने वाली निहारिका गली और द्वितीय रैंक पाने वाले अविनाश यादव को मेरिट सर्टिफिकेट से नवाजा गया।
इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल : बीटेक आईटी के ध्रुव अग्रवाल, बीटेक ईसीई के साहिल गोयल, एमटेक आईटी के मोहम्मद अफजल, एमटेक ईसीई की आकृति श्रीवास्तव, एमबीए के हिमांशी खंडेलवाल और पांच बर्षीय बीटेक-एमटेक के अनुपम प्रकाश।
इंस्टीट्यूट सिल्वर मेडल: बीटेक आईटी के आयुष चौधरी, बीटेक ईसीई के अब्दुल अहद सिद्दीकी, एमटेक आईटी के भिसिकर सिद्धांत, एमटेक ईसीई के स्वर्णिका श्रुति, एमबीए के शिवांशु कुलश्रेष्ठ, और पांच बर्षीय बीटेक-एमटेक यलाकुचि संदीप।
इंस्टीट्यूट ब्रांज मेडल: बीटेक आईटी के राहुल बीरेंद्र झा, बीटेक ईसीई के शिवांश श्रीवास्तव, एमटेक आईटी के मिताली सिंह, एमटेक ईसीई के प्रतिभा सिंह, एमबीए के टीना मुंजल और पांच वर्षीय बीटेक-एमटेक के प्रखर चतुर्वेदी।
दानदाता गोल्ड मेडल: धैर्या बवेजा को नोबेल वैज्ञानिक प्रोफेसर क्लाउड कोहेन तानोजी गोल्ड मेडल, समीक्षा खंडेलवाल को प्रोफेसर जौली कोहेन तानोजी गोल्ड मेडल, गौरव पांडेय को डॉ. टीसीएम पिल्लई स्मृति गोल्ड मेडल और मेहुल अरोरा को प्रोफेसर डॉ. इं मथियास क्लेनर गोल्ड मेडल दिया गया।
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