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बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को एक और झटका, जानलेवा हमले के मामले में जमानतदारों ने वापस ली जमानतें

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 13 Sep 2021 09:35 PM IST

सार

मुख्तार के खिलाफ 2009 में गाजीपुर में जानलेवा हमला और आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें उनको 28 अगस्त 2010 को हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी।

मुख्तार अंसारी
– फोटो : सोशल मीडिया

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बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कानून का शिकंजा कसने के साथ ही उनके मददगारों ने भी अपने कदम पीछे हटाने शुरू कर दिए हैं। सोमवार को मुख्तार के खिलाफ दर्ज जानलेवा हमले के एक मामले में उनके दो जमानतदारों ने अपनी जमानते वापस ले ली हैं। इसके बाद मुख्तार को इस मामले में फिर से कस्टडी में लेने का कोर्ट ने आदेश दिया है।

मुख्तार के खिलाफ 2009 में गाजीपुर में जानलेवा हमला और आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें उनको 28 अगस्त 2010 को हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी। मुख्तार की जमानत लेने वाले दो सगे भाई मोहम्मद अकबर एवं मोहम्मद अकमल ने स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए में अर्जी देकर के कहा कि निजी कारणों से उनको शहर से बाहर जाना है। इसलिए वह मुख्तार मुख्तार की जमानत वापस करना चाहते हैं।

कोर्ट ने कहा, कस्टडी वारंट बनाकर कराई जाए पेशी

कोर्ट ने जमानत वापसी की अर्जी मंजूर कर ली है। मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल कोर्ट जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने  आदेश दिया है कि इस मामले में मुख्तार का कस्टडी वारंट बनाया जाए तथा उनको 22 सितंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया जाए।  उक्त मुकदमा अभी साक्ष्य के स्तर पर विचाराधीन है। कोर्ट ने मुकदमे में अग्रिम साक्ष्य प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया है। जमानतदारों द्वारा जमानत लेने के बाद मुख्तार को इस मामले में फिर से जेल में जेल भेजा जाएगा। वह अन्य मुकदमों में पहले से ही बांदा जेल में बंद है।

विस्तार

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कानून का शिकंजा कसने के साथ ही उनके मददगारों ने भी अपने कदम पीछे हटाने शुरू कर दिए हैं। सोमवार को मुख्तार के खिलाफ दर्ज जानलेवा हमले के एक मामले में उनके दो जमानतदारों ने अपनी जमानते वापस ले ली हैं। इसके बाद मुख्तार को इस मामले में फिर से कस्टडी में लेने का कोर्ट ने आदेश दिया है।

मुख्तार के खिलाफ 2009 में गाजीपुर में जानलेवा हमला और आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें उनको 28 अगस्त 2010 को हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी। मुख्तार की जमानत लेने वाले दो सगे भाई मोहम्मद अकबर एवं मोहम्मद अकमल ने स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए में अर्जी देकर के कहा कि निजी कारणों से उनको शहर से बाहर जाना है। इसलिए वह मुख्तार मुख्तार की जमानत वापस करना चाहते हैं।

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