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हाईकोर्ट : आयकर विभाग को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का पक्ष सुनकर निर्णय लेने का आदेश

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 17 Sep 2021 08:32 PM IST

सार

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से आयकर वसूली के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयकर आयुक्त को बार एसोसिएशन की पुनरीक्षण अर्जी तय करने का आदेश दिया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : Social Media

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विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से 40 लाख रुपये आयकर की वसूली के मामले में दाखिल याचिकाओं को खारिज करते हुए प्रकरण आयकर विभाग को वापस भेज दिया है। कोर्ट ने बार एसोसिएशन की दो याचिकाओं पर आयकर विभाग को नियमानुसार सुनवाई कर उचित आदेश पारित करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट बार एसो. द्वारा दाखिल दो अलग-अलग याचिकाओं पर न्यायमूर्ति ने एनए  मुनीश और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई की।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने याचिका दाखिल कर कर निर्धारण वर्ष 2016-17 के तहत आयकर विभाग द्वारा जारी असेसमेंट नोटिस को चुनौती दी थी। कहा गया कि बार एसोसिएशन अपने सदस्यों के आपसी लाभ के लिए कार्य करती है तथा इसकी आमदनी का एकमात्र जरिया फोटो एफिडेविट सेंटर से होने वाली आमदनी और सदस्यता शुल्क है । इसलिए एसोसिएशन आयकर के दायरे में नहीं आएगी।

कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट बार एसो. को एक माह के भीतर अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने आयकर विभाग को निर्देश दिया है कि वह एक सप्ताह के भीतर बार एसोसिएशन को रीअसेसमेंट नोटिस जारी करने का कारण बताएगा और बार एसोसिएशन उस पर अपनी आपत्ति दाखिल करेगी । इसके चार सप्ताह के भीतर आयकर अधिकारी बार एसोसिएशन को सुनकर उसकी आपत्तियों पर सकारण आदेश पारित करेंगे।

इसी प्रकार से आयकर निर्धारण वर्ष 2017-18 के मामले में कोर्ट ने आयकर आयुक्त को बार एसोसिएशन द्वारा दाखिल रिवीजन पिटीशन को सुनकर निर्णय पारित करने का आदेश दिया है। बार एसोसिएशन का पक्ष रख रहे वरिष्ठ कर एवं वित्त सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल ने बताया कि आयकर विभाग ने बार एसोसिएशन पर पेनाल्टी लगाई थी, जिसके  खिलाफ आयकर आयुक्त के समक्ष रिवीजन दाखिल किया गया ।

मगर इसी दौरान आयकर अधिकारी ने पेनाल्टी आदेश वापस ले लिया, जबकि फॉर्म 68 पर आपत्ति दाखिल किए बिना पेनाल्टी आदेश वापस नहीं लिया जा सकता है । इस स्थिति में बार एसोसिएशन द्वारा दाखिल रिवीजन पिटीशन अर्थहीन हो गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने फिर से सुनकर आयकर आयुक्त को आदेश पारित करने का निर्देश दिया। बार एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता व बार के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह, प्रभा शंकर मिश्र व अन्य वकीलों ने पक्ष रखा।

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