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खौफनाक खुलासा: देश में जितना बड़ा नाम, उससे बड़े काले कारनामे, मौलाना की सच्चाई ने हर किसी को चौंकाया, तस्वीरें

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: कपिल kapil Updated Thu, 23 Sep 2021 12:34 AM IST

मौलाना कलीम सिद्दीकी की धर्मांतरण प्रकरण में गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के बाद से फुलत गांव के ग्रामीण सकते हैं। मदरसा प्रबंधन ने भी खामोशी अख्तियार कर ली है। एलआईयू ने मामले की पड़ताल के लिए फुलत में डेरा डाल दिया है।

गांव फुलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी का इस्लामिक विद्वानों में बड़ा नाम है। ग्रामीण बताते हैं कि वर्ष 2006 में मौलाना सिद्दीकी ने परिवार सहित दिल्ली के शाहीन बाग जाकर रहना शुरू किया, इसके बाद से अचानक मदरसे का विस्तार शुरू हुआ। यहां होने वाले आयोजनों में पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और डॉ. अनंत भागवत सहित कई प्रमुख हस्तियां भी शामिल हो चुकी हैं। मदरसे में देश-विदेश से भी लोग आने शुरू हुए, लेकिन मौलाना कलीम सिद्दीकी के प्रभाव के चलते स्थानीय ग्रामीण मदरसे में होने वाले कार्यक्रमों की अनदेखी करते रहे।

लोदी कालीन है फुलत का प्राचीन मदरसा

रतनपुरी क्षेत्र के गांव फुलत में स्थापित प्राचीन मदरसा फैजुल इस्लाम लोदीकाल का बताया जाता है। सिकंदर लोदी के समयकाल में उनके धर्मगुरु माने जाने वाले मुल्ला यूसुफ नासिही फुलत आए, जिन्होंने एक पेड़ के नीचे बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था। बाद में इसे मदरसा फैजुल इस्लाम की शक्ल दी गई, जिससे वर्ष 1987 में फुलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी देखभाल करने के नाते जुड़े। उन्होंने प्राचीन ऐतिहासिक मदरसे के पास ही अपना खुद का नया मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया की शुरुआत की थी।

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