Home उत्तर प्रदेश खीरीः किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए लगी भीड़

खीरीः किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए लगी भीड़

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तिकुनिया हादसे में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देते किसान।
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, बरेली

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लखीमपुर खीरी। तिकुनिया में लगातार 24 घंटे गहमागहमी का माहौल बना रहने के बाद सोमवार दोपहर करीब दो बजे सारे विवाद का पटाक्षेप हो गया। मृतक किसानों के शव पोस्टमार्टम को भेजने के साथ ही किसान घर लौटने लगे।
रविवार को दोपहर करीब दो बजे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष की कार से कुचलकर किसानों की मौत के बाद ही माहौल गर्म हो गया था। इस हादसे के बाद ही दूरदराज से किसान तिकुनिया पहुंचने लगे थे। महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज ग्राउंड के सामने सड़क पर ही चारों मृतक किसानों के शव रखे थे और दूरदराज के किसान उनके अंतिम दर्शन करने पहुंच रहे थे। दोपहर दो बजे तक किसानों का रेला बढ़ता जा रहा था।

मृतकों को न्याय, कृषि कानून हटाने की मांग

किसानों के उग्र प्रदर्शन में तमाम किसान यूनियन के नेता भी शामिल थे। वे मंच से लगातार किसानों को संबोधित कर रहे थे। मृत किसानों को न्याय दिलाने के साथ ही कृषि कानूनों को काला कानून बताकर उन्हें वापस लेने की मांग की जा रही थी। इससे वहां का माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ था।

वापसी के साथ आने का सिलसिला भी लगा रहा

किसान नेता राकेश टिकैत की घोषणा के बाद दोपहर करीब दो बजे मृत किसानों के शव एंबुलेंस से पोस्टमार्टम हाउस भेजे गए। इसके साथ ही किसानों के घर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया। मगर इसके साथ ही दूर दराज से किसानों के आने का सिलसिला भी जारी रहा। इसके चलते अपरान्ह चार बजे के बाद तक तिकुनिया में गहमागहमी का माहौल बना रहा।

लंगर सभी को छकाएं.. पुलिस हो या कोई और

हजारों की तादात में प्रदर्शनकारी किसान रविवार दोपहर से ही तिकुनिया में डटे हुए थे। इसके चलते सिख समाज के लोगों ने उनके लिए लंगर की व्यवस्था की। वे लोग भोजन, बिस्कुट और पानी की लगातार वितरण कर रहे थे। साथ ही बांटने वालों को कहा जा रहा था कि लंगर सभी को छकाएं, चाहे वह पुलिसकर्मी हो या कोई और।

 

लखीमपुर खीरी। तिकुनिया में लगातार 24 घंटे गहमागहमी का माहौल बना रहने के बाद सोमवार दोपहर करीब दो बजे सारे विवाद का पटाक्षेप हो गया। मृतक किसानों के शव पोस्टमार्टम को भेजने के साथ ही किसान घर लौटने लगे।

रविवार को दोपहर करीब दो बजे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष की कार से कुचलकर किसानों की मौत के बाद ही माहौल गर्म हो गया था। इस हादसे के बाद ही दूरदराज से किसान तिकुनिया पहुंचने लगे थे। महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज ग्राउंड के सामने सड़क पर ही चारों मृतक किसानों के शव रखे थे और दूरदराज के किसान उनके अंतिम दर्शन करने पहुंच रहे थे। दोपहर दो बजे तक किसानों का रेला बढ़ता जा रहा था।

मृतकों को न्याय, कृषि कानून हटाने की मांग

किसानों के उग्र प्रदर्शन में तमाम किसान यूनियन के नेता भी शामिल थे। वे मंच से लगातार किसानों को संबोधित कर रहे थे। मृत किसानों को न्याय दिलाने के साथ ही कृषि कानूनों को काला कानून बताकर उन्हें वापस लेने की मांग की जा रही थी। इससे वहां का माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ था।

वापसी के साथ आने का सिलसिला भी लगा रहा

किसान नेता राकेश टिकैत की घोषणा के बाद दोपहर करीब दो बजे मृत किसानों के शव एंबुलेंस से पोस्टमार्टम हाउस भेजे गए। इसके साथ ही किसानों के घर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया। मगर इसके साथ ही दूर दराज से किसानों के आने का सिलसिला भी जारी रहा। इसके चलते अपरान्ह चार बजे के बाद तक तिकुनिया में गहमागहमी का माहौल बना रहा।

लंगर सभी को छकाएं.. पुलिस हो या कोई और

हजारों की तादात में प्रदर्शनकारी किसान रविवार दोपहर से ही तिकुनिया में डटे हुए थे। इसके चलते सिख समाज के लोगों ने उनके लिए लंगर की व्यवस्था की। वे लोग भोजन, बिस्कुट और पानी की लगातार वितरण कर रहे थे। साथ ही बांटने वालों को कहा जा रहा था कि लंगर सभी को छकाएं, चाहे वह पुलिसकर्मी हो या कोई और।

 

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