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मेरठ: सीसीएसयू के कार्यक्रम में बोलीं राज्यपाल- बच्चे देश का भविष्य, यशोदा बन जाएं आंगनबाड़ी कार्यकत्री 

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सार

 राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने आज मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 30 कोड़ की लागत से बने भवनों का लोकार्पण किया। राज्यपाल इस समारोह में ऑनलाइन मौजूद रहीं। 

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल
– फोटो : अमर उजाला

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खेल-खेल में बच्चों को कैसे पढ़ाया जा सकता है। आज इसकी शुरुआत हमने की है। हमने 201 आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया है। अब जिम्मेदारी है आगनबाड़ी कार्यकत्रियों की जो यशोदा मां बनकर बच्चों को सिखाकर देश का भविष्य बन सकें। ये बातें राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने आज चौधरी चरण सिंह विश्वविधालय में आयोजित कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल होकर कहीं। 

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने आज मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 30 कोड़ की लागत से बने भवनों का लोकार्पण किया। राज्यपाल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया। राज्यपाल इस समारोह में ऑनलाइन मौजूद रहीं। बता दें कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद किसानों में चल रहे उबाल को देखते हुए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के मेरठ-हस्तिनापुर, बिजनौर और हापुड़ आने का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था।  

चौधरी चरण सिंह विश्वविधालय के सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में सबसे गरीब तबके के व्यक्ति होते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकत्री को उनकी देखभाल करनी चाहिए। अगर उनके कपड़े का बटन टूट रहा है तो सुई-धागा से उसे ठीक कर दीजिये। छोटे-छोटे बच्चों को खिलोने प्रिय होते हैं। गणित और विज्ञान को सरलता से कैसे सिखाया जाए उसके लिए भी व्यवस्था की गई है। दीवारों पर पढ़ने लिखने की पेंटिंग बच्चों से कराएं। गांव में कितने बच्चे 3-5 वर्ष के हैं यह भी सर्वे कराए और उन्हें आंगनबाड़ी में लेकर आइये। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को आंगनबाड़ी में बुलाइये। जिससे अभिभावकों को भी लगे कि उनका बच्चा खेल -खेल में सीख रहे हैं। 

आगे बढ़कर करें बच्चों की सेवा
राज्यपाल ने कहा कि इनकम टैक्स देने वाले बढ़ रहे हैं। गरीब बढ़ रहे हैं। इस खाई को कम करने की आवश्यकता है। हमने इसी को लेकर सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लीजिये। वहीं, जो विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। उन्हें भी आंगनबाड़ी केंद्र में लेकर जाइये। वहीं, अपना जन्मदिन, शादी की सालगिरह आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर मनाइये। 

मेरा गांव कुपोषण मुक्त 
उन्होंने जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि ग्राम प्रधानों को जिम्मेदारी देने की जरूरत है। सिर्फ नाली, सड़क नही, बल्कि कुपोषण से लड़ने की जरूरत है। मेरा गांव कुपोषण मुक्त गांव को अभियान के रूप में लीजिये। 

ये हैं दानदाता
केएन मोदी ग्रुप, विधायक सोमेंद्र तोमर(रुद्रा कॉलेज), पवन गोयल(एस्ट्रोन कॉलेज), वेंकटेश्वरा ग्रुप ऑफ कॉलेज, सरस्वती मेडिकल कॉलेज गाज़ियाबाद, श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेज (मुजफ्फरनगर), लक्ष्मी चंद पटवारी कॉलेज(खेकड़ा, बागपत), आईपी कॉलेज (बुलंदशहर), सुंदर दीप ग्रुप ऑफ एजुकेशन(गाज़ियाबाद), आईटीएस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूसशन(गाज़ियाबाद)
 
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कार्यक्रम के लिए प्रेक्षागृह में बड़ी स्क्रीन लगाई गई। जिसके जरिए राज्यपाल ऑनलाइन कार्यक्रम में उपस्थित होकर विवि में 30 करोड़ की लागत से बने भवनों का लोकार्पण भी ऑनलाइन किया। राज्यपाल को नैक के लिए विवि का प्रेजेंटेशन देखना था, साथ ही विवि की समीक्षा भी करनी थी। इसको लेकर उन्होंने आठ अक्तूबर को कुलपति प्रो. एनके तनेजा, प्रति कुलपति, नैक टीम के सदस्यों की लखनऊ बुलाया है। 

लखीमपुर खीरी प्रकरण के बाद रद्द हुआ कार्यक्रम
लखीमपुरी खीरी में गाड़ी से कुचलकर किसानों की मौत के बाद उपजे विवाद के चलते कार्यक्रम स्थगित होना माना जा रहा है। राज्यपाल के आगमन के दौरान कहीं विरोध प्रदर्शन न हो जाए, इसकी आशंका थी। वहीं, विवि में टेंट लग गया था, तमाम कार्य कराए जा रहे थे। 

विस्तार

खेल-खेल में बच्चों को कैसे पढ़ाया जा सकता है। आज इसकी शुरुआत हमने की है। हमने 201 आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया है। अब जिम्मेदारी है आगनबाड़ी कार्यकत्रियों की जो यशोदा मां बनकर बच्चों को सिखाकर देश का भविष्य बन सकें। ये बातें राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने आज चौधरी चरण सिंह विश्वविधालय में आयोजित कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल होकर कहीं। 

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने आज मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 30 कोड़ की लागत से बने भवनों का लोकार्पण किया। राज्यपाल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया। राज्यपाल इस समारोह में ऑनलाइन मौजूद रहीं। बता दें कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद किसानों में चल रहे उबाल को देखते हुए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के मेरठ-हस्तिनापुर, बिजनौर और हापुड़ आने का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था।  

चौधरी चरण सिंह विश्वविधालय के सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में सबसे गरीब तबके के व्यक्ति होते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकत्री को उनकी देखभाल करनी चाहिए। अगर उनके कपड़े का बटन टूट रहा है तो सुई-धागा से उसे ठीक कर दीजिये। छोटे-छोटे बच्चों को खिलोने प्रिय होते हैं। गणित और विज्ञान को सरलता से कैसे सिखाया जाए उसके लिए भी व्यवस्था की गई है। दीवारों पर पढ़ने लिखने की पेंटिंग बच्चों से कराएं। गांव में कितने बच्चे 3-5 वर्ष के हैं यह भी सर्वे कराए और उन्हें आंगनबाड़ी में लेकर आइये। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को आंगनबाड़ी में बुलाइये। जिससे अभिभावकों को भी लगे कि उनका बच्चा खेल -खेल में सीख रहे हैं। 

आगे बढ़कर करें बच्चों की सेवा

राज्यपाल ने कहा कि इनकम टैक्स देने वाले बढ़ रहे हैं। गरीब बढ़ रहे हैं। इस खाई को कम करने की आवश्यकता है। हमने इसी को लेकर सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लीजिये। वहीं, जो विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। उन्हें भी आंगनबाड़ी केंद्र में लेकर जाइये। वहीं, अपना जन्मदिन, शादी की सालगिरह आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर मनाइये। 

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