Home उत्तर प्रदेश लखीमपुर खीरी हिंसा: आखिर गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी बेटे को पेश...

लखीमपुर खीरी हिंसा: आखिर गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी बेटे को पेश करने का साहस जुटाने में क्यों कर रहे हैं देरी?

245
0

[ad_1]

सार

अमर उजाला के संवाददाता के पास इसकी पुख्ता जानकारी है कि दो दिन पहले तक आशीष मिश्र स्वस्थ थे। उनकी कुछ मीडियाकर्मियों से बात हुई है। उन्होंने कुछ मीडियाकर्मियों को अपना इंटरव्यू दिया और घटना के बारे में अपने बेदाग होने के बारे में सफाई दी। एक डिजिटल चैनल को दिए इंटरव्यू में वह कई बार अटके भी और कई सवालों पर उन्हें कई बार माथे से पसीना पोंछना पड़ा…

आशीष मिश्रा और अजय मिश्रा टेनी
– फोटो : Amar Ujala (File Photo)

ख़बर सुनें

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में अपने बेटे के घटना के समय होने का सबूत मिलने पर पद से इस्तीफा देने का दावा करने वाले गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी को साहस बटोरने में काफी समय लग रहा है। गुरुवार को वे तब दिल्ली में थे, जब उन्हें बेटे आशीष मिश्र उर्फ मोनू को क्राइम ब्रांच द्वारा तलब किए जाने की जानकारी हो गई थी। इसके बाद भी शुक्रवार को आशीष मिश्र जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। सूत्र बताते हैं कि आशीष को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए अजय मिश्रा के पास किसी बड़े नेता ने संदेश भेजा। इसके बाद वे लखनऊ के लिए रवाना हुए और शनिवार को आशीष के जांच ऐजेंसी के सामने पेश होने की घोषणा की।

माना जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मामले को संज्ञान में लेने के कारण केंद्र और राज्य सरकार गृह राज्यमंत्री के पुत्र से जुड़े मामले में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं चाहती। इसलिए अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र को पुलिस की अपराध शाखा के सामने पेश होने के लिए खुद को और बेटे को तैयार करना पड़ा है। आशीष मिश्र को पूछताछ के लिए हाजिर होने का नोटिस चस्पा किए जाने से पहले यूपी पुलिस ने उनसे भरसक संपर्क करने की कोशिश की। कुछ जगहों पर दबिशें भी दी गईं, लेकिन इसके बाद भी जब पता नहीं चला, तब एजीडी (लॉ एंड आर्डर) प्रशांत कुमार की सलाह पर उनके घर पर नोटिस चस्पा किया गया।

क्या सचमुच आशीष मिश्र की तबियत खराब है?

अमर उजाला के संवाददाता के पास इसकी पुख्ता जानकारी है कि दो दिन पहले तक आशीष मिश्र स्वस्थ थे। उनकी कुछ मीडियाकर्मियों से बात हुई है। उन्होंने कुछ मीडियाकर्मियों को अपना इंटरव्यू दिया और घटना के बारे में अपने बेदाग होने के बारे में सफाई दी। एक डिजिटल चैनल को दिए इंटरव्यू में वह कई बार अटके भी और कई सवालों पर उन्हें कई बार माथे से पसीना पोंछना पड़ा। एक पत्रकार मित्र के अनुसार वन-टू-वन की भेंट के दौरान आशीष मिश्रा काफी सामान्य दिखने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह चेहरे से घबराहट को नहीं छिपा पा रहे थे। वह खुद को मुख्य आरोपी बनाए जाने को लेकर कुछ खुलकर नहीं कह पा रहे थे। ऐसी स्थिति में गृह राज्यमंत्री का उन्हें अस्वस्थ बताना कई मीडियाकर्मियों के गले नहीं उतर रहा है। लखनऊ में तैनात एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी का कहना है कि वह गृह राज्यमंत्री के बेटे हैं। यदि उनकी तरफ से या गृह राज्यमंत्री के परिवार से आशीष मिश्रा की तबियत खराब होने की जानकारी दी जाती और एक दिन बाद उन्हें अपराध शाखा के सामने पेश करने का भरोसा दिया जाता तो इस तरह से नोटिस चस्पा करने की नौबत ही नहीं आती।

कानून तो अपना काम करेगा

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही भरोसा दे चुके हैं कि तिकुनिया प्रकरण में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह कितना ही रसूखदार क्यों न हो। यूपी पुलिस के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने भी कानूनी कार्रवाई की बात कही है। प्रशांत कुमार तो यहां तक कहते हैं कि पुलिस तफ्तीश करके सच्चाई तक पहुंचेगी। ड्राइवर समेत भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है और इस मामले में भी जांच करके रिपोर्ट और कार्रवाई पुलिस का कानूनी धर्म है। इसी तरह से किसानों के आरोप, दर्ज प्राथमिकी और मुख्य आरोपी समेत अन्य से भी पूछताछ और जांच-पड़ताल होगी। लेकिन समझ से परे एक सवाल हमेशा रहा कि आखिर देश को झकझोर देने वाली इस हिंसा के मुख्य आरोपी को पकडऩे, दबिश देने, समन भेजने या नोटिस चस्पा करने में पुलिस ने इतनी देर क्यों लगाई? इसका जवाब अभी राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के पास भी नहीं है।

क्या अजय मिश्रा पर भी आएगी आंच?

मामले को गंभीरता से जानने समझने वालों को इसका पूरा अंदेशा है। उनका मानना है कि आशीष मिश्र से पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी करीब-करीब तय है। सूत्र का कहना है कि लोगों ने आरोप निराधार नहीं लगाए हैं। लोगों के पास अभी कुछ वीडियो मौजूद हैं। वह समय के साथ बाहर आएंगे। बताते हैं कि कुछ लोगों ने इस घटना के दूसरे दिन दावा किया था कि उनके पास फॉर्च्यूनर में आशीष मिश्रा के बैठे होने के सबूत हैं। माना जा रहा है कि इस सबूत के सामने आने पर आशीष मिश्रा के साथ-साथ भाजपा की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसका असर गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा और उनके कद, पद तथा राजनीति पर भी पड़ना तय माना जा रहा है।  

लखनऊ क्यों आए अजय मिश्रा?

गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा मुख्यमंत्री आवास पर एक बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे। यह बैठक अवध क्षेत्र के सांसदों और विधायकों की है। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा पार्टी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन मंत्री सुनील बंसल और क्षेत्र के सभी सांसद, विधायक होंगे। समझा जा रहा है कि इस दौरान उनकी मुख्यमंत्री से भी तिकुनिया हिंसा प्रकरण को लेकर चर्चा होगी। अजय मिश्रा ने आज भी कहा कि उनका बेटा घर में बैठा हुआ है। वह निर्दोष है। उसकी तबियत खराब थी, इसलिए शुक्रवार को पुलिस के सामने पेश नहीं हुआ, लेकिन शनिवार को सबूतों के साथ पुलिस के सामने पेश होगा। उन्होंने यह भी कहा कि चस्पा नोटिस का जवाब भी दे दिया गया है और उनका बेटा आशीष मिश्र जांच में पूरा सहयोग करेगा। अजय मिश्र का यह दावा ही अपने आप में बड़ा सवाल है कि आखिर घर में बैठे बेटे को पुलिस क्यों नहीं ढूंढ पाई और नोटिस चस्पा करने की जरूरत क्यों पड़ी?

विस्तार

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में अपने बेटे के घटना के समय होने का सबूत मिलने पर पद से इस्तीफा देने का दावा करने वाले गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी को साहस बटोरने में काफी समय लग रहा है। गुरुवार को वे तब दिल्ली में थे, जब उन्हें बेटे आशीष मिश्र उर्फ मोनू को क्राइम ब्रांच द्वारा तलब किए जाने की जानकारी हो गई थी। इसके बाद भी शुक्रवार को आशीष मिश्र जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। सूत्र बताते हैं कि आशीष को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए अजय मिश्रा के पास किसी बड़े नेता ने संदेश भेजा। इसके बाद वे लखनऊ के लिए रवाना हुए और शनिवार को आशीष के जांच ऐजेंसी के सामने पेश होने की घोषणा की।

माना जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मामले को संज्ञान में लेने के कारण केंद्र और राज्य सरकार गृह राज्यमंत्री के पुत्र से जुड़े मामले में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं चाहती। इसलिए अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र को पुलिस की अपराध शाखा के सामने पेश होने के लिए खुद को और बेटे को तैयार करना पड़ा है। आशीष मिश्र को पूछताछ के लिए हाजिर होने का नोटिस चस्पा किए जाने से पहले यूपी पुलिस ने उनसे भरसक संपर्क करने की कोशिश की। कुछ जगहों पर दबिशें भी दी गईं, लेकिन इसके बाद भी जब पता नहीं चला, तब एजीडी (लॉ एंड आर्डर) प्रशांत कुमार की सलाह पर उनके घर पर नोटिस चस्पा किया गया।

क्या सचमुच आशीष मिश्र की तबियत खराब है?

अमर उजाला के संवाददाता के पास इसकी पुख्ता जानकारी है कि दो दिन पहले तक आशीष मिश्र स्वस्थ थे। उनकी कुछ मीडियाकर्मियों से बात हुई है। उन्होंने कुछ मीडियाकर्मियों को अपना इंटरव्यू दिया और घटना के बारे में अपने बेदाग होने के बारे में सफाई दी। एक डिजिटल चैनल को दिए इंटरव्यू में वह कई बार अटके भी और कई सवालों पर उन्हें कई बार माथे से पसीना पोंछना पड़ा। एक पत्रकार मित्र के अनुसार वन-टू-वन की भेंट के दौरान आशीष मिश्रा काफी सामान्य दिखने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह चेहरे से घबराहट को नहीं छिपा पा रहे थे। वह खुद को मुख्य आरोपी बनाए जाने को लेकर कुछ खुलकर नहीं कह पा रहे थे। ऐसी स्थिति में गृह राज्यमंत्री का उन्हें अस्वस्थ बताना कई मीडियाकर्मियों के गले नहीं उतर रहा है। लखनऊ में तैनात एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी का कहना है कि वह गृह राज्यमंत्री के बेटे हैं। यदि उनकी तरफ से या गृह राज्यमंत्री के परिवार से आशीष मिश्रा की तबियत खराब होने की जानकारी दी जाती और एक दिन बाद उन्हें अपराध शाखा के सामने पेश करने का भरोसा दिया जाता तो इस तरह से नोटिस चस्पा करने की नौबत ही नहीं आती।

कानून तो अपना काम करेगा

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही भरोसा दे चुके हैं कि तिकुनिया प्रकरण में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह कितना ही रसूखदार क्यों न हो। यूपी पुलिस के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने भी कानूनी कार्रवाई की बात कही है। प्रशांत कुमार तो यहां तक कहते हैं कि पुलिस तफ्तीश करके सच्चाई तक पहुंचेगी। ड्राइवर समेत भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है और इस मामले में भी जांच करके रिपोर्ट और कार्रवाई पुलिस का कानूनी धर्म है। इसी तरह से किसानों के आरोप, दर्ज प्राथमिकी और मुख्य आरोपी समेत अन्य से भी पूछताछ और जांच-पड़ताल होगी। लेकिन समझ से परे एक सवाल हमेशा रहा कि आखिर देश को झकझोर देने वाली इस हिंसा के मुख्य आरोपी को पकडऩे, दबिश देने, समन भेजने या नोटिस चस्पा करने में पुलिस ने इतनी देर क्यों लगाई? इसका जवाब अभी राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के पास भी नहीं है।

.

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here