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मंत्री पुत्र ने बढ़ाई योगी की मुश्किलें: भाजपा को 48 घंटे में तय करना होगा, टेनी हटेंगे या आरोपी बेटा जाएगा अंदर

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सार

किसानों ने एलान कर दिया है कि अंतिम अरदास के बाद लखीमपुर खीरी से शहीद किसानों के अस्थि कलश लेकर ‘शहीद किसान यात्रा’ निकाली जाएगी। यह यात्रा उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में पहुंचेगी। इसके साथ ही देश के प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग अस्थि कलश यात्रा शुरू होगी…

आशीष मिश्र पहुंचा क्राइम ब्रांच के दफ्तर
– फोटो : अमर उजाला

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लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के आरोपी पुत्र आशीष मिश्र ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में किसान संगठनों ने आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अब फैसला भाजपा को लेना है, वह भी 48 घंटे के भीतर। अब मंत्री टेनी हटेंगे या पुत्र सलाखों के पीछे जाएगा, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को यह सब तय करना है। अगर 11 अक्तूबर तक किसान संगठनों की मांगें नहीं मानी जातीं तो 12 से न केवल यूपी में, बल्कि देशभर में आंदोलन शुरू होगा। किसानों ने एलान कर दिया है कि अंतिम अरदास के बाद लखीमपुर खीरी से शहीद किसानों के अस्थि कलश लेकर ‘शहीद किसान यात्रा’ निकाली जाएगी। यह यात्रा उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में पहुंचेगी। इसके साथ ही देश के प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग अस्थि कलश यात्रा शुरू होगी। भले ही किसान संगठन समर्थन करें या न करें, लेकिन विपक्षी दल ने किसानों की आड़ में राजनीतिक कार्यक्रमों की घोषणा कर दी है।

उत्तर प्रदेश में राजनीतिक फायदे और जातिगत समीकरणों को साधने के मकसद से योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था। मुख्यमंत्री योगी को लग रहा था कि धीरे धीरे कोरोनाकाल से लोग बाहर निकल रहे हैं। राम मंदिर का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। विपक्ष के पास मेलजोल के लिए कोई एक मुद्दा नहीं है। ऐसी स्थितियां भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव की राह आसान बना सकती हैं। अब एकाएक लखीमपुर खीरी की घटना हो गई। किसान संगठनों के अलावा प्रमुख विपक्षी दलों के बड़े नेताओं ने भी वहीं पर डेरा डाल दिया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे पर आरोप लगे हैं। वे शनिवार को पुलिस के पास पहुंच गए। किसान संगठन और विपक्षी दल, मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं। साथ ही आशीष मिश्र की गिरफ्तारी का दबाव बना रहे हैं।

निकालेंगे शहीद किसान यात्रा

हालांकि मुख्यमंत्री योगी कह चुके हैं कि वे किसी दबाव में आकर कोई फैसला नहीं लेंगे। साक्ष्यों के आधार पर कानूनी कार्रवाई होगी। विधानसभा चुनाव निकट हैं, इसलिए भाजपा नेतृत्व उत्तर प्रदेश को केवल योगी के भरोसे नहीं छोड़ सकता। किसानों का आंदोलन उग्र होता जा रहा है। हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भाजपा पदाधिकारियों को घेरा जाने लगा है। संयुक्त किसान मोर्चे के वरिष्ठ पदाधिकारी अविक साहा बताते हैं, केंद्र सरकार को किसानों के आंदोलन की गहराई मालूम हो गई है। लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ जो कुछ हुआ है, उसे दुनिया ने देखा है। योगी सरकार को 48 घंटे का समय दिया है। अगर 11 अक्तूबर तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो शहीद किसान यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा का कार्यक्रम इस तरह से तय किया गया है कि उत्तर प्रदेश का प्रत्येक जिला कवर हो जाए। इसके अलावा दूसरे राज्यों में भी किसान संगठन अलग-अलग अस्थि कलश लेकर लोगों के बीच पहुंचेंगे। ऐसे में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व कोई पहल कर सकता है।

लखीमपुर खीरी का संदेश केवल यूपी तक सीमित नहीं है। देश का हर किसान इसके साथ जुड़ गया है। वाहनों से कुचल कर किसानों को मार दिया गया। अगर 11 अक्तूबर तक किसानों की मांगें नहीं मानी जातीं तो दशहरे पर पीएम, केंद्रीय गृह मंत्री और स्थानीय नेताओं के पुतले जलाए जाएंगे। उसके बाद 18 अक्तूबर को देश भर में सुबह 10 बजे से 4 बजे तक रेल रोकी जाएगी। 26 अक्तूबर को संयुक्त किसान मोर्चा, लखनऊ में लखीमपुर कांड के विरोध में एक विशाल किसान महापंचायत का आयोजन करेगा। इस घटना ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार, दोनों के चरित्र को बेनकाब कर दिया है। इतने बड़े हत्याकांड और उसमें भाजपा नेताओं के संलिप्त होने के स्पष्ट प्रमाण होने के बावजूद भाजपा, अपने नेताओं और गुंडों के खिलाफ कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं है।

किसान आंदोलन के सामने अपने पांव उखड़ते देखकर भाजपा हिंसा पर उतारू हो गई है। किसान संगठन, इस हिंसा का जवाब शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक जन-आंदोलन के जरिए देंगे। निर्धारित समयावधि में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए, हत्या के आरोपी उनके बेटे आशीष मिश्र (मोनू) और उसके सहयोगियों (जिनमें सुमित जायसवाल और अंकित दास के नाम सामने आए हैं) को तुरंत गिरफ्तार करें, ये मांग पूरी नहीं होती हैं तो किसानों का राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू हो जाएगा।

विस्तार

लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के आरोपी पुत्र आशीष मिश्र ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में किसान संगठनों ने आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अब फैसला भाजपा को लेना है, वह भी 48 घंटे के भीतर। अब मंत्री टेनी हटेंगे या पुत्र सलाखों के पीछे जाएगा, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को यह सब तय करना है। अगर 11 अक्तूबर तक किसान संगठनों की मांगें नहीं मानी जातीं तो 12 से न केवल यूपी में, बल्कि देशभर में आंदोलन शुरू होगा। किसानों ने एलान कर दिया है कि अंतिम अरदास के बाद लखीमपुर खीरी से शहीद किसानों के अस्थि कलश लेकर ‘शहीद किसान यात्रा’ निकाली जाएगी। यह यात्रा उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में पहुंचेगी। इसके साथ ही देश के प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग अस्थि कलश यात्रा शुरू होगी। भले ही किसान संगठन समर्थन करें या न करें, लेकिन विपक्षी दल ने किसानों की आड़ में राजनीतिक कार्यक्रमों की घोषणा कर दी है।

उत्तर प्रदेश में राजनीतिक फायदे और जातिगत समीकरणों को साधने के मकसद से योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था। मुख्यमंत्री योगी को लग रहा था कि धीरे धीरे कोरोनाकाल से लोग बाहर निकल रहे हैं। राम मंदिर का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। विपक्ष के पास मेलजोल के लिए कोई एक मुद्दा नहीं है। ऐसी स्थितियां भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव की राह आसान बना सकती हैं। अब एकाएक लखीमपुर खीरी की घटना हो गई। किसान संगठनों के अलावा प्रमुख विपक्षी दलों के बड़े नेताओं ने भी वहीं पर डेरा डाल दिया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे पर आरोप लगे हैं। वे शनिवार को पुलिस के पास पहुंच गए। किसान संगठन और विपक्षी दल, मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं। साथ ही आशीष मिश्र की गिरफ्तारी का दबाव बना रहे हैं।

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