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तिकुनिया कांडः सुबह 11 बजे शुरू हुई पूछताछ, दिनभर अटकलबाजी, रात 11 बजे गिरफ्तारी

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लखीमपुर खीरी में क्राइम ब्रांच के कार्यालय से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस टीम। संवाद

लखीमपुर खीरी में क्राइम ब्रांच के कार्यालय से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस टीम। संवाद
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, बरेली

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खुद को निर्दोष बताने वाला शपथ पत्र भी साथ लेकर आया था केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटा

लखीमपुर खीरी। तिकुनिया हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के घर शुक्रवार को दूसरा नोटिस चस्पा होने के बाद अगले ही दिन शनिवार को मुख्य आरोपी आशीष मिश्र क्राइम ब्रांच के दफ्तर में तय समय से पहले ही पहुंच गया। जहां 12 घंटे तक पूछताछ की जाती रही। रात 11 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 

शनिवार को तय समय से पहले ही 10:38 पर आशीष मिश्र को पुलिस लाइन के पिछले रास्ते से सदर विधायक योगेश वर्मा, सांसद प्रतिनिधि अरविंद सिंह संजय और दो वकील अवधेश सिंह और अवधेश दुबे को लेकर पहुंचे थे। पुलिस लाइन पहुंचने से पहले आशीष मिश्र मोनू अपने पिता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के संसदीय कार्यालय गए थे, जहां से वह विधायक के साथ स्कूटी पर सवार होकर पुलिस लाइन गए, जबकि अन्य तीन लोग बलेनो कार से पुलिस लाइन पहुंचे। 

आशीष मिश्र ने मुंह पर गमछा लपेट रखा था। क्राइम ब्रांच दफ्तर के बाहर आशीष ने गमछा खोला, तब अंदर गए। साथ आए सदर विधायक और सांसद प्रतिनिधि बाहर ही रहे, जबकि दोनों वकील अंदर गए। क्राइम ब्रांच दफ्तर में पर्यवेक्षण समिति के अध्यक्ष डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल पहले से सदस्यों के साथ मौजूद थे, जबकि समिति के वरिष्ठ सदस्य सेनानायक सुनील कुमार सिंह 10:35 बजे क्राइम ब्रांच पहुंचे। 11 बजे से पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ, जिसके बाद घंटे पर घंटे बीतते रहे। इस दौरान एसपी विजय ढुल 11:16 बजे पूछताछ कक्ष से बाहर निकले तो मीडिया से बात नहीं की और मौके से चले गए। 

इसके थोड़ी देर बाद ही एसडीएम सदर डॉ. अरुण कुमार सिंह क्राइम ब्रांच के दफ्तर में आए। वो करीब 20 मिनट तक कक्ष में अंदर रहने के बाद बाहर निकले, तो मीडिया ने उन्हें घेर लिया, लेकिन उन्होंने भी कोई जवाब नहीं दिया। इस दौरान करीब 11:30 बजे एडीएम बाहर निकले तो उन्होंने भी मीडिया से कोई बात नहीं की। दोपहर करीब 12 बजे एक व्यक्ति पेन ड्राइव में वीडियो क्लिप और कुछ कागजात लेकर क्राइम ब्रांच पहुंचा। पूछताछ के दौरान एएसपी अरुण कुमार सिंह कई बार अंदर-बाहर गए, लेकिन मीडिया से बात नहीं की। करीब दो बजे तक आशीष मिश्र को कोर्ट में पेश किए जाने की अटकलें रहीं, जिसके बाद धीरे-धीरे समय बीतता रहा। क्राइम ब्रांच दफ्तर से पुलिस वालों की आवाजाही जारी रही। इस दौरान कई बार आशीष को बाहर लाए जाने की संभावना दिखी, लेकिन वो लाए नहीं गए। 

शाम पांच बजे तक आशीष को पूछताछ कक्ष से बाहर नहीं निकाला गया। इस दौरान दूसरे रास्ते से भी बाहर ले जाने की अटकलें रहीं। रात 11 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

जांच टीम के इन सवालों में उलझा आशीष मिश्र

लखीमपुर खीरी। जांच टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों ने आशीष से तीखे सवाल किए, जिनका सामना करने में वह परेशान दिखा। जांच टीम ने पूछा कि घटना के वक्त वह कहां था? जब रूट बदला गया तो उसकी गाड़ी उस रास्ते से होकर क्यों गई?  घटना का पता उसे कब चला?  घटना में कितने लोग मारे गए और इसकी जानकारी उसे कब और कैसे लगी? इस दौरान आशीष मिश्र मोनू ने घटना के दिन अपने बनवीरपुर होने की दलील दी। सूत्रों के मुताबिक जब जांच टीम ने पूछा कि घटना के दिन वह 2:36 से 3:30 के बीच कहां थे, तो वह इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका। संवाद

पुलिस लाइन में आधी रात तक हुई पूछताछ

लखीमपुर खीरी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा शनिवार को बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस लाइन पहुंचा। शाम तक बंद कमरे में उससे पूछताछ जारी रही। इसके बाद मंत्री पुत्र को जेल भेजने की तैयारियां होने लगीं। इसके लिए पुलिस प्रशासन ने मेडिकल कराने की कवायद शुरू कर दी। जिला अस्पताल में डॉक्टरों को पहले ही अलर्ट कर दिया गया था। शाम तक आशीष को अस्पताल न भेजकर पुलिस लाइन में ही मेडिकल कराने की चर्चा रही। आधी रात के बाद आशीष को मेडिकल के लिए ले जाया गया। संवाद

काम नहीं आए बेगुनाही साबित करने के सुबूत

लखीमपुर खीरी। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी और सक्रियता के बाद तिकुनिया कांड का आरोपी आशीष मिश्र मोनू को दूसरे नोटिस के बाद क्राइम ब्रांच के ऑफिस में पेश होना ही पड़ा। शनिवार को उन्होंने जांच टीम को अपनी बेगुनाही के सुबूत दिए, जो काम नहीं आए। 

जानकारी के मुताबिक आशीष मिश्र के बचाव की हर कोशिशें हुई। घटनाक्रम से जुुडे लोगों से शपथ पत्र हासिल किए गए। मंदिर और पूजागृह में पूजन कराया गया। जांच के लिए समन भेजे जाने के बाद भी आशीष मिश्र शुक्रवार को पूछताछ में शामिल नही हुए। बल्कि शनिवार को पूरी तैयारी के साथ पुलिस लाइंस स्थित क्राइम ब्रांच के दफ़्तर में पेश हुए। सूत्रों के अनुसार वह घटना से जुड़े कई वीडियो अलग-अलग पेन ड्राइव में रखकर ले गए। साथी ही खुद को निर्दोष बताने वाले शपथ पत्र भी लेकर गए थे। इस दौरान शहर के चर्चित अधिवक्ता अवधेश सिंह को अपने साथ ले गए थे। शनिवार को जांच टीम की पूछताछ के दौरान पहले तो उनके वकील साथ में रहे। बाद में पुलिस अफसरों ने आशीष मिश्र मोनू को अलग ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी। उनके साथ गए लोगों को इतनी दूरी पर कर दिया गया कि वह आशीष मिश्र मोनू को देख तो सकें लेकिन उनकी बातचीत न सुन सकें। संवाद

 

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