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‘टेनी महाराज’ से मंत्री बनने तक का सफर: अजय मिश्र बोले- पिताजी कहते थे क्या करोगे नेतागिरी करके!

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सार

अमर उजाला डॉट कॉम से बोले देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र। पिताजी नहीं चाहते थे कि मैं राजनीति में आऊं। लेकिन समाज सेवा का सफर जारी रखना मेरी प्राथमिकता में शामिल था। अजय मिश्र टेनी ने बताया कि राजनीति से प्रेरित होकर उनपर तमाम तरह के अनर्गल आरोप लगाते हुए कुछ मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिन्हें कोर्ट ने खारिज कर दिया…

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा
– फोटो : फाइल फोटो

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पिताजी नहीं चाहते थे कि हम राजनीति में आएं। लेकिन सामाजिक जीवन में पिछले कई दशकों से हमारा परिवार अपने इलाके में लोगों की सेवा करने में और उनकी मदद करने में लगा हुआ था। पहली बार 2005 में जिला पंचायत का चुनाव लड़ा था। पूरे उत्तर प्रदेश में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। फिर राजनीति का सफर चल निकला। विधायक, सांसद और अब यह गृह राज्य मंत्री की नई जिम्मेदारी मिली है। लखीमपुर जिला मुख्यालय के संसदीय कार्यालय में मौजूद देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने अमर उजाला डॉट कॉम से अपने राजनीतिक सफर के बारे में चर्चा की। इसके अलावा देश के गृह राज्य मंत्री के गांव और आसपास के लोगों ने भी उनके राजनैतिक और व्यक्तिगत जीवन पर खुलकर बात की।

अजय मिश्र टेनी के बारे में जानने वाले लखीमपुर के लोगों का कहना है सन 2000 से पहले लखीमपुर खीरी में ब्राह्मणों का कोई बहुत बड़ा चेहरा सामने नहीं था। भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ने वाले इक्का-दुक्का ब्राह्मण नेता जरूर खुद को जिले का बड़ा चेहरा बताते थे, लेकिन उनमें कोई भी चेहरा प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर का चेहरा नहीं बन पाया। स्थानीय लोगों के मुताबिक उस दौरान लखीमपुर के उत्तर में नेपाल बॉर्डर से सटे हुए तिकुनिया इलाके में अजय मिश्र का अपना सिक्का चलता था। हालांकि उस इलाके के कुछ ब्राह्मण विधायक अजय मिश्र को बगैर राजनैतिक शख्सियत होने के बाद भी सिर आंखों पर बिठाते थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि कभी भारतीय जनता पार्टी के जिला लखीमपुर खीरी के बड़े कुर्मी चेहरे और उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारिता मंत्री रहे रामकुमार वर्मा के अजय मिश्रा बहुत करीबी हुआ करते थे। इसी मेलमिलाप के दौरान अजय मिश्र ने अपने राजनैतिक कद को बढ़ाने के लिए भी प्रयास करने शुरू किए। क्योंकि अजय मिश्रा के पिता लंबे वक्त से बनवीरपुर ग्रामसभा के प्रधान हुआ करते थे।

 

प्रभात गुप्ता हत्याकांड में भी थे आरोपी

लखीमपुर के निघासन तहसील के तिकुनिया इलाके के बनवीरपुर गांव और आसपास के लोग अजय मिश्र टेनी की शख्सियत के बारे में खुलकर तो नहीं बोलते हैं, लेकिन दबी जुबान से इस बात का जिक्र जरूर करते हैं कि अजय मिश्रा उर्फ टेनी महाराज दबंग किस्म के नेता हैं। अजय मिश्र टेनी के ऊपर कभी उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित प्रभात गुप्ता हत्याकांड का भी आरोप लगा था। लेकिन जिला एवं सत्र न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया था। हालांकि अब इस पूरे मामले में प्रभात गुप्ता के परिजन हाई कोर्ट में अपील दाखिल कर चुके हैं लेकिन अभी सुनवाई की कोई तारीख मुकर्रर नहीं हो पाई है।

लखीमपुर की राजनीति को करीब से समझने वाले एक व्यक्ति ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अजय मिश्र टेनी का इतिहास हिस्ट्रीशीटर जैसा ही रहा है। सरकार ने उनकी हिस्ट्रीशीट भी खंगाली थी लेकिन वह बाद में बंद कर दी गई। टेनी पर मारपीट और हत्या का ही आरोप नहीं लगा, बल्कि कई और गंभीर आरोप में भी उनके ऊपर निशाना साधा जाता रहा। हालांकि टेनी इन सब आरोपों को खारिज करते हैं और महज राजनीतिक द्वेष और राजनीति से प्रेरित दर्ज मुकदमे की बात करते हैं। अजय मिश्र टेनी ने बताया कि राजनीति से प्रेरित होकर उनपर तमाम तरह के अनर्गल आरोप लगाते हुए कुछ मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिन्हें कोर्ट ने खारिज कर दिया। अजय मिश्र टेनी के इलाके में उनकी राइस मिल और पेट्रोल पंप हैं, इसके अलावा कानपुर से आकर बनवीरपुर में बसे उनके पास पैतृक संपत्ति भी है। जिसमें कृषि योग्य जमीन और कुछ अन्य व्यापार भी शामिल है।

लखीमपुर खीरी की भारतीय जनता पार्टी जिला इकाई से जुड़े एक नेता ने बताया कि 2005 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने के बाद अजय मिश्र का राजनैतिक दरवाजा जबरदस्त तरीके से खुला। पूर्व विधायक बने बल्कि सांसद भी बने और सांसद बनने के बाद उनको देश के गृह राज्य मंत्री का पद भी दिया गया। अजय मिश्र टेनी को ब्राह्मण होने के नाते प्रदेश में बतौर ब्राह्मण चेहरा प्रोजेक्ट किया जा रहा है। हालांकि अजय मिश्र को बतौर ब्राह्मण नेता प्रोजेक्ट करने पर भारतीय जनता पार्टी के ही कई नेताओं की नाराजगी भी रही। भाजपा के पुराने कद्दावर ब्राह्मण नेताओं का कहना है अजय मिश्र का नाम ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उनके जिले के अलावा प्रदेश का कोई अन्य शख्स नहीं जानता है, लेकिन पार्टी ने उन पर दांव लगाकर एक नया ब्राह्मण चेहरा तैयार करने की कोशिश की। लखीमपुर कांड के बाद अजय मिश्र कहते हैं कि इलाके के लोग इस पूरे घटनाक्रम की असलियत जानते हैं और यही वजह है कि लोगों का जुड़ाव उनसे और ज्यादा हो गया है।

विस्तार

पिताजी नहीं चाहते थे कि हम राजनीति में आएं। लेकिन सामाजिक जीवन में पिछले कई दशकों से हमारा परिवार अपने इलाके में लोगों की सेवा करने में और उनकी मदद करने में लगा हुआ था। पहली बार 2005 में जिला पंचायत का चुनाव लड़ा था। पूरे उत्तर प्रदेश में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। फिर राजनीति का सफर चल निकला। विधायक, सांसद और अब यह गृह राज्य मंत्री की नई जिम्मेदारी मिली है। लखीमपुर जिला मुख्यालय के संसदीय कार्यालय में मौजूद देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने अमर उजाला डॉट कॉम से अपने राजनीतिक सफर के बारे में चर्चा की। इसके अलावा देश के गृह राज्य मंत्री के गांव और आसपास के लोगों ने भी उनके राजनैतिक और व्यक्तिगत जीवन पर खुलकर बात की।

अजय मिश्र टेनी के बारे में जानने वाले लखीमपुर के लोगों का कहना है सन 2000 से पहले लखीमपुर खीरी में ब्राह्मणों का कोई बहुत बड़ा चेहरा सामने नहीं था। भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ने वाले इक्का-दुक्का ब्राह्मण नेता जरूर खुद को जिले का बड़ा चेहरा बताते थे, लेकिन उनमें कोई भी चेहरा प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर का चेहरा नहीं बन पाया। स्थानीय लोगों के मुताबिक उस दौरान लखीमपुर के उत्तर में नेपाल बॉर्डर से सटे हुए तिकुनिया इलाके में अजय मिश्र का अपना सिक्का चलता था। हालांकि उस इलाके के कुछ ब्राह्मण विधायक अजय मिश्र को बगैर राजनैतिक शख्सियत होने के बाद भी सिर आंखों पर बिठाते थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि कभी भारतीय जनता पार्टी के जिला लखीमपुर खीरी के बड़े कुर्मी चेहरे और उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारिता मंत्री रहे रामकुमार वर्मा के अजय मिश्रा बहुत करीबी हुआ करते थे। इसी मेलमिलाप के दौरान अजय मिश्र ने अपने राजनैतिक कद को बढ़ाने के लिए भी प्रयास करने शुरू किए। क्योंकि अजय मिश्रा के पिता लंबे वक्त से बनवीरपुर ग्रामसभा के प्रधान हुआ करते थे।

 

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