दीपक भारद्वाज, अमर उजाला, मेरठ
Published by: Dimple Sirohi
Updated Wed, 13 Oct 2021 05:40 PM IST
सार
मेरठ में एनएचएआई के आउटर रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए तीन वर्ष पहले इस मार्ग का सर्वे किया गया था। तीन बार के सर्वे में जिन खेतों में एलाइनमेंट के निशान लगाए गए हैं, अब उनसे अलग एलाइनमेंट निकाला जा रहा है। सोमवार से किसानों ने विरोध शुरू कर दिया। गुस्साए किसानों ने आउटर रिंग रोड के कार्य को रोक दिया है।
आउटर रिंग रोड के निर्माण के लिए पहुंचे कर्मचारी – फोटो : अमर उजाला
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सरकार की प्राथमिकता में शामिल एनएचएआई के आउटर रिंग रोड प्रोजेक्ट में नया मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है। मेरठ-गढ़ हाईवे चौड़ीकरण में शामिल गढ़ रोड से हापुड़ रोड को मिलाना वाला 12 किमी का मार्ग है।
इस मार्ग में हापुड़ रोड स्थित हाजीपुर के एक किमी के हिस्से में एलाइनमेंट बदले जाने को लेकर किसानों ने विरोध शुरू कर दिया है। आरोप है कि जिन खेतों में निशान लगाए थे, उनके बराबर वालों को मुआवजा बांट दिया गया। गुस्साए किसानों ने निर्माणकर्ता कंपनी टाटा को काम करने से रोक दिया है। किसानों ने एनएचएआई, लेखपाल पर मिलीभगत कर गड़बड़ी करने के आरोप लगाए हैं।
आउटर रिंग रोड के एलाइनमेंट में शामिल गढ़ रोड स्थित भगवानपुर चट्टावन से हापुड़ रोड स्थित शाकरपुर तक मार्ग का निर्माण किया जाना है। तीन वर्ष पहले इस मार्ग का सर्वे किया गया था। तीन बार के सर्वे में जिन खेतों में एलाइनमेंट के निशान लगाए गए हैं, अब उनसे अलग एलाइनमेंट निकाला जा रहा है। सोमवार से किसानों ने विरोध शुरू कर दिया।
किसानों का कहना है कि हमारे खेतों में एलाइनमेंट के निशान लगाए गए, लेकिन मुआवजा बराबर वाले खेतों में दे दिया गया। इससे गुस्साए आसपास के किसानों ने आउटर रिंग रोड के कार्य को रोक दिया है। टाटा कंपनी के प्रतिनिधि बिना कार्य किए लौट गए।
हाजीपुर और जलालपुर के खसरे में गड़बड़ी लेखपाल यासीन अली का कहना है कि एनएचएआई ने थ्री-डी से एलाइनमेंट तैयार किया है। एक बार में 25 किमी क्षेत्र का सर्वे किया जाता है। इसमें थ्री-डी में अलग एलाइनमेंट है और खेतों में निशान अलग लगाए गए हैं। हो सकता है कि जिस कंपनी ने खेतों में निशान लगाए, वो निशान गलत लगा दिए हों। ये भी जांच का विषय है। उन्होंने बताया कि हाजीपुर के लगभग 25 और जलालपुर के लगभग एक-दो खसरे में ये दिक्कत आ रही है।
तीन वर्षों तक क्यों लगा रखे थे निशान किसानों का कहना है कि जब हमारे खेत में से एलाइनमेंट नहीं निकाला जाना था, तो तीन बार सर्वे कर दो बार निशान क्यों लगाए गए। प्रशासन को इसकी जांच करानी चाहिए। इसमें एक किमी के क्षेत्र में एलाइनमेंट को बदलकर मुआवजा बांट दिया गया है। जिस स्थान से अब एलाइनमेंट निकाले जाने की बात कही जा रही है, वहां आगे जाकर तालाब आ रहा है। किसान रियाजुद्दीन, नसीरुद्दीन, मुश्ताक, मौहम्मद उमर, चांद, शहजाद, अरस, सिब्बन, आजाद, योरोप, शहजाद, शाहरुख आदि विरोध जताने वालों में शामिल रहे।
विस्तार
सरकार की प्राथमिकता में शामिल एनएचएआई के आउटर रिंग रोड प्रोजेक्ट में नया मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है। मेरठ-गढ़ हाईवे चौड़ीकरण में शामिल गढ़ रोड से हापुड़ रोड को मिलाना वाला 12 किमी का मार्ग है।
इस मार्ग में हापुड़ रोड स्थित हाजीपुर के एक किमी के हिस्से में एलाइनमेंट बदले जाने को लेकर किसानों ने विरोध शुरू कर दिया है। आरोप है कि जिन खेतों में निशान लगाए थे, उनके बराबर वालों को मुआवजा बांट दिया गया। गुस्साए किसानों ने निर्माणकर्ता कंपनी टाटा को काम करने से रोक दिया है। किसानों ने एनएचएआई, लेखपाल पर मिलीभगत कर गड़बड़ी करने के आरोप लगाए हैं।
आउटर रिंग रोड के एलाइनमेंट में शामिल गढ़ रोड स्थित भगवानपुर चट्टावन से हापुड़ रोड स्थित शाकरपुर तक मार्ग का निर्माण किया जाना है। तीन वर्ष पहले इस मार्ग का सर्वे किया गया था। तीन बार के सर्वे में जिन खेतों में एलाइनमेंट के निशान लगाए गए हैं, अब उनसे अलग एलाइनमेंट निकाला जा रहा है। सोमवार से किसानों ने विरोध शुरू कर दिया।
किसानों का कहना है कि हमारे खेतों में एलाइनमेंट के निशान लगाए गए, लेकिन मुआवजा बराबर वाले खेतों में दे दिया गया। इससे गुस्साए आसपास के किसानों ने आउटर रिंग रोड के कार्य को रोक दिया है। टाटा कंपनी के प्रतिनिधि बिना कार्य किए लौट गए।
हाजीपुर और जलालपुर के खसरे में गड़बड़ी लेखपाल यासीन अली का कहना है कि एनएचएआई ने थ्री-डी से एलाइनमेंट तैयार किया है। एक बार में 25 किमी क्षेत्र का सर्वे किया जाता है। इसमें थ्री-डी में अलग एलाइनमेंट है और खेतों में निशान अलग लगाए गए हैं। हो सकता है कि जिस कंपनी ने खेतों में निशान लगाए, वो निशान गलत लगा दिए हों। ये भी जांच का विषय है। उन्होंने बताया कि हाजीपुर के लगभग 25 और जलालपुर के लगभग एक-दो खसरे में ये दिक्कत आ रही है।
तीन वर्षों तक क्यों लगा रखे थे निशान किसानों का कहना है कि जब हमारे खेत में से एलाइनमेंट नहीं निकाला जाना था, तो तीन बार सर्वे कर दो बार निशान क्यों लगाए गए। प्रशासन को इसकी जांच करानी चाहिए। इसमें एक किमी के क्षेत्र में एलाइनमेंट को बदलकर मुआवजा बांट दिया गया है। जिस स्थान से अब एलाइनमेंट निकाले जाने की बात कही जा रही है, वहां आगे जाकर तालाब आ रहा है। किसान रियाजुद्दीन, नसीरुद्दीन, मुश्ताक, मौहम्मद उमर, चांद, शहजाद, अरस, सिब्बन, आजाद, योरोप, शहजाद, शाहरुख आदि विरोध जताने वालों में शामिल रहे।