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बंधी उम्मीद : हेलीटैक्सी से मिनटों में पहुंचेंगे दिल्ली और हरियाणा, ये हैं एनसीआर रीजनल प्लान

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ
Published by: Dimple Sirohi
Updated Thu, 14 Oct 2021 11:53 AM IST

सार

एनसीआर रीजनल प्लान-2041 में मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल रहेगा। इससे शहर को हेलीटैक्सी (हेलीकॉप्टर) और हाईवे की भी सौगात मिलेगी। एनसीआर से जुड़े शहरों को आपस में कम समय में जोड़ने के लिए हेलीटैक्सी संचालित की जाएगी।  

हेलीटैक्सी (हेलीकॉप्टर)
– फोटो : अमर उजाला

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20 वर्षों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल मेरठ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दौड़ता नजर आएगा। एनसीआर रीजनल प्लान-2041 का दायरा 150 किमी से 100 किमी होने के बाद भी मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल रहेगा। इससे मेरठ में हेलीटैक्सी (हेलीकॉप्टर) और हाईवे की भी सौगात मिलेगी। एनसीआर के शहर आपस में 30 से 50 मिनट में जुड़ सकेंगे। हेलीटैक्सी की सुविधा आने से परतापुर स्थित डा. भीमराव अंबेडकर हवाई पट्टी के विस्तारीकरण की जरूरत भी नहीं होगी। हवाई पट्टी पर आसानी से हेलीटैक्सी को उतारा जा सकेगा।

ये है हेलीटैक्सी 
हेलीकॉप्टर को ही हेलीटैक्सी का नाम दिया गया है। एनसीआर से जुड़े शहरों को आपस में कम समय में जोड़ने के लिए हेलीटैक्सी संचालित की जाएगी। इसमें अधिकतम चार यात्री सवार हो सकते हैं। हेलीटैक्सी सेवा की शुरुआत हिसार से धर्मशाला, बंगलूरू में की जा चुकी है। 

1500 मीटर लंबी है हवाई पट्टी
मेरठ स्थित डा. भीमराव अंबेडकर हवाई पट्टी 1500 मीटर लंबी और 80 मीटर चौड़ी है। इस पर आसानी से प्रदेश सरकार के मंत्रियों के दौरे के समय हेलीकॉप्टर और राजकीय वायुयान उतर जाता है। 

यह भी पढ़ें: विश्व दृष्टि दिवस: मोबाइल पर टकटकी से कमजोर हो रही नजर, 65 प्रतिशत की आंखें निकलीं कमजोर

ये हैं एनसीआर रीजनल प्लान
एनसीआर रीजनल प्लान को एनसीआर के शहरों के प्लान से जोड़कर तैयार किया जाता है। इसमें सबसे अधिक नए एक्सप्रेस-वे, मेट्रो आदि का खाका तैयार किया जाता है। वहीं, एनसीआर में पर्यावरण व्यवस्था, जल संरक्षण, आपदा मैनेजमेंट, बिजली आदि पर प्लान बनाया जाता है। आप भी एनसीआरपीबी की वेबसाइट पर जाकर प्लान के लिए सुझाव दे सकते हैं। 

मेरठ विकास प्राधिकरण की तैैयार की जा रही महायोजना को भी रीजनल प्लान के साथ लिंक कर दिया जाता है। उसके हिसाब से ही शहरों के विकास का खाका तैयार किया जाता है। इसमें रीजनल कनेक्टिविटी पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाता है। – इश्तियाक अहमद, मुख्य नगर नियोजक, एमडीए

मेरठ से कई औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े लोग दिल्ली एयरपोर्ट जाकर फ्लाइट पकड़ते हैं। हेलीटैक्सी चल जाने के बाद सीधा एयरपोर्ट पहुंचना आसान हो जाएगा। इससे काफी मदद मिलेगी। वहीं, मेरठ में हवाई पट्टी इसके लायक है। – अंकित अग्रवाल, अध्यक्ष, आर्किटेक्ट एसोसिएशन

विस्तार

20 वर्षों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल मेरठ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दौड़ता नजर आएगा। एनसीआर रीजनल प्लान-2041 का दायरा 150 किमी से 100 किमी होने के बाद भी मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल रहेगा। इससे मेरठ में हेलीटैक्सी (हेलीकॉप्टर) और हाईवे की भी सौगात मिलेगी। एनसीआर के शहर आपस में 30 से 50 मिनट में जुड़ सकेंगे। हेलीटैक्सी की सुविधा आने से परतापुर स्थित डा. भीमराव अंबेडकर हवाई पट्टी के विस्तारीकरण की जरूरत भी नहीं होगी। हवाई पट्टी पर आसानी से हेलीटैक्सी को उतारा जा सकेगा।

ये है हेलीटैक्सी 

हेलीकॉप्टर को ही हेलीटैक्सी का नाम दिया गया है। एनसीआर से जुड़े शहरों को आपस में कम समय में जोड़ने के लिए हेलीटैक्सी संचालित की जाएगी। इसमें अधिकतम चार यात्री सवार हो सकते हैं। हेलीटैक्सी सेवा की शुरुआत हिसार से धर्मशाला, बंगलूरू में की जा चुकी है। 

1500 मीटर लंबी है हवाई पट्टी

मेरठ स्थित डा. भीमराव अंबेडकर हवाई पट्टी 1500 मीटर लंबी और 80 मीटर चौड़ी है। इस पर आसानी से प्रदेश सरकार के मंत्रियों के दौरे के समय हेलीकॉप्टर और राजकीय वायुयान उतर जाता है। 

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