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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ
Published by: Dimple Sirohi
Updated Thu, 14 Oct 2021 11:16 AM IST
सार
आंखों की रोशनी कम होने कारणों में लेटकर पढ़ने की आदत, अंधेरे में पढ़ना, लंबे समय तक मोबाइल-टीवी या कंप्यूटर देखना हैं। इस साल मेरठ मेडिकल और जिला अस्पताल में नेत्र रोग विभाग में पहुंचे 43113 मरीजों में से 65 प्रतिशत की आंखें कमजोर निकली।
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विस्तार
जिला अस्पताल में 12,580 लोग पहुंचे। 164 ऑपरेशन किए गए। इनमें 21 से 40 साल की उम्र के लोग ज्यादा हैं। इनमें छोटे बच्चे भी हैं। एक मिनट में 10 से 15 बार पलकें झपकना चाहिए, जिससे तरलता बनी रहती है। मोबाइल चलाते समय पलकें नहीं झपकती, आंखें कमजोर हो रही हैं।
ऐसे करें बचाव
-आंखों को आराम देने के लिए 8 घंटे की नींद लें
-कंप्यूटर, टीवी या मोबाइल में देख रहे हों तो उचित दूरी बना कर रखें
-दिन में 3 से 4 बार अपनी आंखों को ठंडे पानी से अच्छी तरह धोएं
-धूप या किसी धूल-मिट्टी वाली जगह पर जाएं तो सनग्लासिज पहनें
-खाने में दूध, मक्खन, गाजर, टमाटर, पपीता, अंडे, देसी घी और हरी सब्जियां खाएं
-सोते वक्त आंखों के आसपास बादाम के तेल से हल्की मालिश करें
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लेटकर पढ़ाई न करें
आंखों की रोशनी कम होने कारणों में लेटकर पढ़ने की आदत, अंधेरे में पढ़ना, लंबे समय तक मोबाइल-टीवी या कंप्यूटर देखना हैं। कंप्यूटर और मोबाइल से चिपके रहने वालों की आंखों की नसों में सूजन आ जाती है। यह ड्राई आई में तब्दील हो सकती है। – डॉ लोकेश कुमार, नेत्र रोग विशेषज्ञ, मेडिकल
बढ़ रहे ड्राई आई के मरीज
मोबाइल या कंप्यूटर पर व्यस्त रहने के कारण आंखों में मेलाटोनिन हार्मोन लेवल कम हो जाता है। स्मार्ट फोन की वजह से पिछले कुछ सालों में ड्राई आई के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। – डॉ. प्रदीप वार्ष्णेय, नेत्र परीक्षण अधिकारी, जिला अस्पताल
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