सुरत, कडोदरा जीआईडीसी में लगी आग में दो मजूदरों को मोत होने के बाद पुलिस ने मालिक के खिलाफ़ मानव हत्या के गुनाह के तहत कार्यवाही कर रही हैं, कडोदरा जीआईडीसी के पुलिस इंस्पेक्टर से मिली जानकारी अनुसार न ही कंपनी रजीस्टर किया गया था , नही फ़ायर सेफ़्टी की कोई भी सुविधाएँ उपलब्ध थी जो लापरवाही की वजह से इस प्रकार की घटना बनी होने से संचालक केखिलाफ़ मानव हत्या की गुनाह के तहत कार्यवही किया जा रहा हैं
साथ में इस प्रकार की लापरवाही करने वाले संचालक के खिलाफ़ तो कार्यवही कियागया लेकिन इस क्षेत्र के जवाबदार अधिकारी , फेक्ट्री इन्सपेक्टर, फायर ऑफीसर, के खिलाफ़ कार्यवाही नही किया जाने से लोगों में यह प्रकार के सवाल खड़े होते हैं क्या सिर्फ अधिकारी अवैध रूप से चलाने के लिये अवैध परमिशन देकर अपना स्वार्थ पूरा करने के लिये ही कार्य करते हैं इस तरह की घटना पहली नही हैं जो सुरत के वराछा तंक्षशिला अग्निकांड पहले हो चूका हैं, और अन्य कितने क्षेत्रों में इस प्रकार की घटना की राह देख रहे है अधिकारी ?
सिर्फ अधिकारी अपना हित देखते हैं लेकिन लोगों की सुरक्षा का कोई भी ख्याल नही रखते हैं हाल में ही सुरत महानगर पालिका के नई क्षेत्रों का सामेल हुए बिल्डिंगों/कंपनी में कोई भी फायरसेफ़्टी न होने के वाबजूद भी कोई कार्यवाही नही करते हैं, साथ ही जो कुछ कार्यवाही करते हैं वह भय पैदा कर अपना स्वार्थ पूरा करने के लिये करते हैं
सिर्फ सुरत के कडोदरा जीआईडीसी सिवाय अन्य जीआईडीसी में भी इस तरह के हाल आज भी हैं पांडेसरा, सचीन, होजीवाला जहां पर आग लगने के कई घटना आये दिन आते रहते हैं लेकिन कार्यवाही के नाम पर कार्यवाही ही होती हैं,
इसके सिवाय अन्य इंडस्ट्रीयल हैं जो फायर की जाने तक की जगह भी नही होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नही कर पाते फायर ओफिसर नाम न कहने के शर्त पर इस प्रकार की जानकारी दिया की स्थानिक नगर सेवक और पदाधिकारीगण के दवाब के चलते किसी प्रकार की कोई भी कार्यवाही न करना का कमिश्नर श्री आदेशानुसार सिर्फ कागजों पर ही कार्यवाही किया जाता हैं.
और किसी प्रकार की घटनाक्रम बनने के बाद कार्यवाही/जाँच के नाम पर अवैध रूप से वसूली भी करते है,
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