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हमीरपुर: एंटी करप्शन ने लेखाकार को 20 हजार रिश्वत लेते दबोचा, मानदेय देने के नाम पर मांगे थे रुपये

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सार

हमीरपुर जिले के सरीला विकास खंड कार्यालय में पूर्व ब्लॉक प्रमुख चंद्र कुमारी के 11 माह के मानदेय का करीब एक लाख रुपया निकाले जाने को लेकर 20 हजार रुपये रिश्वत लेते लेखाकार पुत्तन लाल वर्मा को झांसी की एंटीकरप्शन टीम ने दबोचा।

लेखाकार पुत्तन लाल वर्मा
– फोटो : अमर उजाला

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हमीरपुर के सरीला विकासखंड कार्यालय में तैनात लेखाकार को एंटी करप्शन टीम ने 20 हजार की रिश्वत लेते दबोच है। आरोप है कि लेखाकार ने पूर्व ब्लाक प्रमुख को मानदेय देने के नाम पर उनके पुत्र से रिश्वत मांगी थी। टीम ने तह तक जाने के लिए मामले से जुड़ी फाइलों को बारी बारी से देखा। वहीं खंड विकास अधिकारी व अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की है। 

ब्लाक परिसर में लंबे अर्से से तैनात लेखाकार पुत्तन लाल वर्मा को मंगलवार की दोपहर 2:20 बजे 20 हजार रुपये रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा है। एंटी करप्शन झांसी के टीम प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र सिंह के साथ महिला कांस्टेबल वीणा सिंह, सूर्य सिंह, इरशाद, निरंजन सिंह, आशीष कुमार व विजय कुमार रहे। पूर्व ब्लाक प्रमुख चंद्र कुमारी का कार्यकाल 11 माह 17 दिन का था।

इनके मानदेय का लगभग एक लाख रुपये बाकी था। पूर्व ब्लाक प्रमुख के पुत्र मनीष कुमार ने बताया कि ब्लाक में तैनात लेखाकार 20 हजार रुपये बतौर सुविधा शुल्क लेने के बाद मानदेय देने पर राजी हुआ था। इससे पहले वह मानदेय दिलाने के लिए कई बार प्रार्थना पत्र दे चुके थे। बताया कि जब वे परेशान हो गए तो यूटा के पदाधिकारियों के माध्यम से एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया।
मंगलवार को वे लेखपाल को रिश्वत देने खंड विकास कार्यालय गए थे। उन्हें देखते ही लेखपाल ने अलग आकर 20 हजार जेब में रख लिए। वहीं पहले से मौजूद एंटी करप्शन टीम ने उन्हें मौके से दबोच लिया।  बताया कि आरोपी लेखपाल को थाने ले जाने के बाद दोबारा ब्लाक परिसर में आकर मामले से संबंधित पत्रावली देखी। 

वहीं बीडीओ रवि प्रताप चौधरी व अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई। कोतवाल राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि एंटी करप्शन झांसी टीम प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र सिंह की ओर से मिली तहरीर के आधार पर आरोपी लेखाकार पुत्तनलाल वर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। टीम उसे लेकर लखनऊ चली गई है। 

यूटा के सहयोग से एंटी करप्शन टीम ने दबोचा 
सरीला। यूटा के प्रदेश संयोजक विक्रांत पटैरिया व जिलाध्यक्ष रमाकांत शुक्ला ने बताया कि प्रदेश का 186वां व  जनपद का चौथा रिश्वतखोर आरोपी यूटा के प्रयास से पकड़ा गया है। बताया कि पीड़ित मनीष कुमार ने उनसे संपर्क किया और अपनी व्यथा बताई। कहा कि उनकी मां ब्लॉक प्रमुख के पद पर रह चुकी हैं।

कार्यकाल का करीब एक लाख से अधिक मानदेय बकाया था। जिसे देने में लेखाकार पुत्तनलाल वर्मा आनाकानी कर रहे थे। इसके बदले में रिश्वत की मांग कर रहे थे। इस पर उन्होंने एंटी करप्शन टीम से संपर्क कर सारी योजना बनाई। मंगलवार को लेखाकार को मानदेय देने के नाम पर 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है।  

विस्तार

हमीरपुर के सरीला विकासखंड कार्यालय में तैनात लेखाकार को एंटी करप्शन टीम ने 20 हजार की रिश्वत लेते दबोच है। आरोप है कि लेखाकार ने पूर्व ब्लाक प्रमुख को मानदेय देने के नाम पर उनके पुत्र से रिश्वत मांगी थी। टीम ने तह तक जाने के लिए मामले से जुड़ी फाइलों को बारी बारी से देखा। वहीं खंड विकास अधिकारी व अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की है। 

ब्लाक परिसर में लंबे अर्से से तैनात लेखाकार पुत्तन लाल वर्मा को मंगलवार की दोपहर 2:20 बजे 20 हजार रुपये रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा है। एंटी करप्शन झांसी के टीम प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र सिंह के साथ महिला कांस्टेबल वीणा सिंह, सूर्य सिंह, इरशाद, निरंजन सिंह, आशीष कुमार व विजय कुमार रहे। पूर्व ब्लाक प्रमुख चंद्र कुमारी का कार्यकाल 11 माह 17 दिन का था।

इनके मानदेय का लगभग एक लाख रुपये बाकी था। पूर्व ब्लाक प्रमुख के पुत्र मनीष कुमार ने बताया कि ब्लाक में तैनात लेखाकार 20 हजार रुपये बतौर सुविधा शुल्क लेने के बाद मानदेय देने पर राजी हुआ था। इससे पहले वह मानदेय दिलाने के लिए कई बार प्रार्थना पत्र दे चुके थे। बताया कि जब वे परेशान हो गए तो यूटा के पदाधिकारियों के माध्यम से एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया।

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