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हाईकोर्ट : शिक्षा विभाग के सचिव के खिलाफ जमानती वारंट जारी, 29 नवंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया

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संवाद न्यूज एजेंसी, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 28 Oct 2021 09:03 PM IST

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव शिक्षा मंत्रालय लखनऊ के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है और सीजेएम के मार्फत वारंट तामील कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सचिव को स्पष्टीकरण के साथ 29 नवंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि समय दिए जाने के बावजूद उनकी ओर से जवाब जवाब क्यों नहीं दिया या सरकारी वकील को कोई जानकारी ही दी गई। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने बलिया के विजय कुमार की याचिका पर दिया है।

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एलनगंज, प्रयागराज ने साइंस के सहायक अध्यापक भर्ती के लिए 12 पदों पर अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए 2020 में विज्ञापन निकाला था। जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया। बोर्ड के उपसचिव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत सर्कुलर जारी किया। जिसमें  साइंस व बायोलाजी के अलग-अलग पद विज्ञापित किए गए। जिसमें से कुछ अनुसूचित जनजाति के भी हैं। इसे यह कहते हुए चुनौती दी गई कि पद कम होने से याची को अवसर से वंचित किया गया है।

कोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा था। 30 सितंबर 21 को जवाब दाखिल करने या रिकॉर्ड के साथ 28 अक्तूबर को हाजिर होने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद न तो जवाबी हलफनामा दाखिल किया और न ही सचिव हाजिर हुए। जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है और 29 नवंबर को पेश होने के लिए जमानती वारंट जारी किया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव शिक्षा मंत्रालय लखनऊ के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है और सीजेएम के मार्फत वारंट तामील कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सचिव को स्पष्टीकरण के साथ 29 नवंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि समय दिए जाने के बावजूद उनकी ओर से जवाब जवाब क्यों नहीं दिया या सरकारी वकील को कोई जानकारी ही दी गई। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने बलिया के विजय कुमार की याचिका पर दिया है।

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एलनगंज, प्रयागराज ने साइंस के सहायक अध्यापक भर्ती के लिए 12 पदों पर अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए 2020 में विज्ञापन निकाला था। जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया। बोर्ड के उपसचिव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत सर्कुलर जारी किया। जिसमें  साइंस व बायोलाजी के अलग-अलग पद विज्ञापित किए गए। जिसमें से कुछ अनुसूचित जनजाति के भी हैं। इसे यह कहते हुए चुनौती दी गई कि पद कम होने से याची को अवसर से वंचित किया गया है।

कोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा था। 30 सितंबर 21 को जवाब दाखिल करने या रिकॉर्ड के साथ 28 अक्तूबर को हाजिर होने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद न तो जवाबी हलफनामा दाखिल किया और न ही सचिव हाजिर हुए। जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है और 29 नवंबर को पेश होने के लिए जमानती वारंट जारी किया है।

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