अक्तूबर 2020 में भदोही के विधायक विजय मिश्रा को आगरा सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था। विधायक के खिलाफ उनके रिश्तेदारों ने गोपीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
आगरा केंद्रीय कारागार में निरुद्ध भदोही के विधायक विजय मिश्रा का मुख्यमंत्री को लिखा पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इसमें उन्होंने विधायक निधि से जनहित के कार्य नहीं करने के आरोप अधिकारियों पर लगाए हैं। विधायक विजय मिश्रा अक्तूबर 2020 से जेल में निरुद्ध हैं। उन्हें हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। अब उनका तीन पन्नों का पत्र वायरल हुआ है। पत्र में विधायक निधि वर्ष 2020-21 और 2021-22 का टेंडर जानबूझकर नहीं करने का आरोप लगाया गया है। इसके लिए प्रशासनिक और संबंधित विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। वायरल पत्र में लिखा है कि 31 अक्तूबर तक टेंडर नहीं करने पर एक नवंबर से जेल में आमरण अनशन करेंगे। हालांकि जेल के वरिष्ठ अधीक्षक वीके सिंह का कहना है कि विधायक अनशन पर नहीं हैं।
पत्र में लिखी ये बातें
सूत्रों के मुताबिक जो पत्र वायरल हुआ है वह तीन पृष्ठ का है।। उसमें विधायक ने मुख्यमंत्री अपनी विधायक निधि वर्ष 2020-21 और 2021-22 का टेंडर जानबूझकर नहीं करने का आरोप लगाया है। जिसके लिए प्रशासनिक व संबंधित विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। वायरल पत्र में विधायक ने आरोप लगाया है कि जनहित की परियोजनाओं के टेंडर में भारी कमीशन और दाम अधिक लिखवाने का दबाव बनाया जाता है। उन्होंने पानी, बिजली समेत जनहित से जुड़ी समस्याओं के लिए विधायक निधि से कार्य कराने को कई बार लिखा लेकिन, अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। ये पत्र दो दिन पहले वायरल हुआ है। लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
विस्तार
आगरा केंद्रीय कारागार में निरुद्ध भदोही के विधायक विजय मिश्रा का मुख्यमंत्री को लिखा पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इसमें उन्होंने विधायक निधि से जनहित के कार्य नहीं करने के आरोप अधिकारियों पर लगाए हैं। विधायक विजय मिश्रा अक्तूबर 2020 से जेल में निरुद्ध हैं। उन्हें हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। अब उनका तीन पन्नों का पत्र वायरल हुआ है। पत्र में विधायक निधि वर्ष 2020-21 और 2021-22 का टेंडर जानबूझकर नहीं करने का आरोप लगाया गया है। इसके लिए प्रशासनिक और संबंधित विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। वायरल पत्र में लिखा है कि 31 अक्तूबर तक टेंडर नहीं करने पर एक नवंबर से जेल में आमरण अनशन करेंगे। हालांकि जेल के वरिष्ठ अधीक्षक वीके सिंह का कहना है कि विधायक अनशन पर नहीं हैं।
पत्र में लिखी ये बातें
सूत्रों के मुताबिक जो पत्र वायरल हुआ है वह तीन पृष्ठ का है।। उसमें विधायक ने मुख्यमंत्री अपनी विधायक निधि वर्ष 2020-21 और 2021-22 का टेंडर जानबूझकर नहीं करने का आरोप लगाया है। जिसके लिए प्रशासनिक व संबंधित विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। वायरल पत्र में विधायक ने आरोप लगाया है कि जनहित की परियोजनाओं के टेंडर में भारी कमीशन और दाम अधिक लिखवाने का दबाव बनाया जाता है। उन्होंने पानी, बिजली समेत जनहित से जुड़ी समस्याओं के लिए विधायक निधि से कार्य कराने को कई बार लिखा लेकिन, अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। ये पत्र दो दिन पहले वायरल हुआ है। लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।