संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: Abhishek Saxena
Updated Sat, 06 Nov 2021 12:10 AM IST
सार
ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय के मुताबिक शनिवार को बहनें भाइयों को टीका करके उनकी दीर्घायु की कामना करेंगी। शनिवार को अनुराधा नक्षत्र शोभन योग, अमृत योग और केदार योग रहेंगे।
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भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज का पर्व शनिवार को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन पर जहां बहनें भाई के घर आती हैं तो वहीं भाई दूज पर मान्यता है कि बहनें अपने भाई को अपने घर बुलाती हैं। उनका सत्कार करती हैं और भोजन कराती हैं। भाई अपने बहनें को उपहार देते हैं। पांच दिवसीय दीपावली पर्व के अंतिम दिन भाई दूज होती है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। आज बहनें अपने भाइयों को घर बुला कर उन्हें टीका लगाएंगी और लंबी उम्र की कामना करेंगी। यह है मान्यता धर्म ग्रंथों के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन ही यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर बुलाकर सत्कार करके भोजन कराया था। इसीलिए इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। तब यमराज ने प्रसन्न होकर उन्हें यह वर दिया था कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा, मृत्यु के पश्चात उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा। यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में स्नान करने और वहीं यमुना और यमराज की पूजा करने का बड़ा माहात्म्य माना जाता है।
शोभन योग में होगा टीका
ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय के मुताबिक शनिवार को बहनें भाइयों को टीका करके उनकी दीर्घायु की कामना करेंगी। शनिवार को अनुराधा नक्षत्र शोभन योग, अमृत योग और केदार योग रहेंगे।
मुहूर्त प्रात: काल 10:30 बजे से 12:06 बजे तक। दोपहर में 1:50 बजे से 3:20 बजे तक।
भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज का पर्व शनिवार को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन पर जहां बहनें भाई के घर आती हैं तो वहीं भाई दूज पर मान्यता है कि बहनें अपने भाई को अपने घर बुलाती हैं। उनका सत्कार करती हैं और भोजन कराती हैं। भाई अपने बहनें को उपहार देते हैं।
पांच दिवसीय दीपावली पर्व के अंतिम दिन भाई दूज होती है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। आज बहनें अपने भाइयों को घर बुला कर उन्हें टीका लगाएंगी और लंबी उम्र की कामना करेंगी।
यह है मान्यता
धर्म ग्रंथों के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन ही यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर बुलाकर सत्कार करके भोजन कराया था। इसीलिए इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। तब यमराज ने प्रसन्न होकर उन्हें यह वर दिया था कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा, मृत्यु के पश्चात उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा। यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में स्नान करने और वहीं यमुना और यमराज की पूजा करने का बड़ा माहात्म्य माना जाता है।