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प्रदूषण की मार: फिरोजाबाद में कम नहीं हो रहा वायु प्रदूषण का ग्राफ, अधिकारियों के दावे फेल, धुंध से फूला लोगों का ‘दम’

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संवाद न्यूज एजेंसी, फिरोजाबाद
Published by: Abhishek Saxena
Updated Fri, 12 Nov 2021 12:16 PM IST

सार

क्षेत्रीय अधिकारी पीसीबी एवं सचिव जिला पर्यावरण समिति डॉ. मनोज कुमार चौरसिया ने बताया कि सुहागनगरी में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ईंट गिट्टी निर्माण पर रोक, सड़कों पर अत्यधिक पानी का छिड़काव जरूरी है।

फिरोजाबाद में धुंध
– फोटो : अमर उजाला

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टीटीजेड में शामिल सुहागनगरी में प्रदूषण के ग्राफ में बृहस्पतिवार को फिर बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। बुधवार को ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम की रिपोर्ट के मुताबिक, सुहागनगरी में वायु प्रदूषण का ग्राफ 400 एक्यूआई दर्ज किया गया तो बृहस्पतिवार को सुहागनगरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार 415 तक पहुंच गई। वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार नहीं होते देख प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़े निर्णय लेने की कवायद भी शुरू कर दी है। पीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में औद्योगिक कचरा निस्तारण, अत्यधिक धूल उड़ने वाली सड़कों का चिह्नीकरण और भूगर्भ तत्वों के खनन के अलावा हॉटमिक्स प्लांट आदि पर लगाम कसने की संस्तुति जिला प्रशासन व संबंधित विभागों से की है। 

सुहागनगरी की हवा जहरीली हो गई है। दो दिन पूर्व देश के सबसे प्रदूषित शहर के रूप में नाम दर्ज कराने के बाद बुधवार को निकली तेज धूप से सुहागनगरी में वायु प्रदूषण का ग्राफ कुछ कम 400 एक्यूआई हो गया। वायु प्रदूषण कम होने से लोगों ने भी राहत की सांस ली। हालांकि बृहस्पतिवार को एक बार फिर वायु प्रदूषण के ग्राफ में उछाल आया। नगला भाऊ पर स्थापित ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम द्वारा जारी रिपोर्ट के मुुताबिक बृहस्पतिवार शाम चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 415 तक पहुंच गया। वायु प्रदूषण के कारण सुबह से लेकर शाम तक सुहागनगरी के आसमान में पीएम-2.5 जैसे हानिकारक तत्वों का भरमार के कारण धुंध छाई रही। 

पीएम-2.5 और पीएम-100 में हानिकारक तत्वों की मात्रा में इजाफा
पीसीबी द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, सुहागनगरी के आसमान में औद्योगिक आस्थानों औश्र वाहनों से निकलने वाले कार्बनिक तत्वों के अलावा सड़कों पर उड़ने व हवा में घुलनशील अति सूक्ष्म तत्वों की मात्रा का अनुपात लगभग 121 से 250 माइक्रोमिलीग्राम और अत्याधिक हानिकारक पीएम-10 में शुमार तत्वों की मात्रा अब तक सर्वाधिक 341 से लेकर 430 माइक्रोमिलीग्राम तक दर्ज की गई है। 

इन कार्यों पर शिकंजा कसने के निर्देश
क्षेत्रीय अधिकारी पीसीबी एवं सचिव जिला पर्यावरण समिति डॉ. मनोज कुमार चौरसिया ने बताया कि सुहागनगरी में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ईंट गिट्टी निर्माण पर रोक, सड़कों पर अत्यधिक पानी का छिड़काव जरूरी है। जर्जर मार्गों को चिह्नित कर पेचवर्क कराने के अलावा भूगर्भ तत्वों का खनन पर अंकुश के साथ ही औद्योगिक आस्थानों की सड़कों पर औद्योगिक कचरा डंपिग जैसे अनाधिकृत कार्यों पर प्रभावी रोक की संस्तुति की है।

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विस्तार

टीटीजेड में शामिल सुहागनगरी में प्रदूषण के ग्राफ में बृहस्पतिवार को फिर बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। बुधवार को ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम की रिपोर्ट के मुताबिक, सुहागनगरी में वायु प्रदूषण का ग्राफ 400 एक्यूआई दर्ज किया गया तो बृहस्पतिवार को सुहागनगरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार 415 तक पहुंच गई। वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार नहीं होते देख प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़े निर्णय लेने की कवायद भी शुरू कर दी है। पीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में औद्योगिक कचरा निस्तारण, अत्यधिक धूल उड़ने वाली सड़कों का चिह्नीकरण और भूगर्भ तत्वों के खनन के अलावा हॉटमिक्स प्लांट आदि पर लगाम कसने की संस्तुति जिला प्रशासन व संबंधित विभागों से की है। 

सुहागनगरी की हवा जहरीली हो गई है। दो दिन पूर्व देश के सबसे प्रदूषित शहर के रूप में नाम दर्ज कराने के बाद बुधवार को निकली तेज धूप से सुहागनगरी में वायु प्रदूषण का ग्राफ कुछ कम 400 एक्यूआई हो गया। वायु प्रदूषण कम होने से लोगों ने भी राहत की सांस ली। हालांकि बृहस्पतिवार को एक बार फिर वायु प्रदूषण के ग्राफ में उछाल आया। नगला भाऊ पर स्थापित ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम द्वारा जारी रिपोर्ट के मुुताबिक बृहस्पतिवार शाम चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 415 तक पहुंच गया। वायु प्रदूषण के कारण सुबह से लेकर शाम तक सुहागनगरी के आसमान में पीएम-2.5 जैसे हानिकारक तत्वों का भरमार के कारण धुंध छाई रही। 

पीएम-2.5 और पीएम-100 में हानिकारक तत्वों की मात्रा में इजाफा

पीसीबी द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, सुहागनगरी के आसमान में औद्योगिक आस्थानों औश्र वाहनों से निकलने वाले कार्बनिक तत्वों के अलावा सड़कों पर उड़ने व हवा में घुलनशील अति सूक्ष्म तत्वों की मात्रा का अनुपात लगभग 121 से 250 माइक्रोमिलीग्राम और अत्याधिक हानिकारक पीएम-10 में शुमार तत्वों की मात्रा अब तक सर्वाधिक 341 से लेकर 430 माइक्रोमिलीग्राम तक दर्ज की गई है। 

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