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कोरोना काल में पहली बार 200 मेहमानों की मौजूदगी में हो सकता है विवाह समारोह…

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अहमदाबाद: & nbsp; कार्तिक मास में तुलसी पूजन का विशेष महत्व है। तुलसी विवाह इस महीने में पड़ने वाली देवूथी अगियारस के दिन होता है। इस दिन भगवान विष्णु के रूप में शालिग्राम के साथ तुलसी का विवाह होता है और उसके साथ ही विवाह का मौसम शुरू हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग तुलसी विवाह का विधिवत आयोजन करते हैं उन्हें कन्यादान जैसा फल मिलता है और उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 15 नवंबर को चातुर्मास पूरा होने के साथ ही शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा। विक्रम संवत 207 में विवाह के लिए कुल 6 शुभ मुहूर्त हैं।

विवाह का प्रथम क्षण कब है

है। चार महीने की इस अवधि को हिंदू चातुर्मास भी कहा जाता है। हिंदू चातुर्मास के बाद विवाह का पहला शुभ मुहूर्त 15 नवंबर को है। साल 206 में 17 जनवरी से 15 जुलाई तक शादी के लिए सिर्फ 30 लम्हे होंगे। 12 & nbsp; जुलाई के बाद विवाह का शुभ मुहूर्त नवंबर 207 में ही आएगा। इसके अलावा साल 2021 में नवंबर में 4 और दिसंबर में 2 दिन शादी के शुभ मुहूर्त हैं। यह पहला मौका होगा जब कोरोना के कदमों के बाद शादी में इतनी बड़ी संख्या में मेहमान शामिल होंगे। जिससे जनवरी तक कई पार्टी प्लॉट, हॉल हाउसफुल हो गए हैं।

वी.एस. 304 में शादी के क्षण

  • नवंबर: 18,19,20,41,5,5,50।
  • दिसंबर: 1,2,9,8 11,12.
  • जनवरी: 18, 20, 21, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8.
  • फरवरी: 2, 3, 4, 10, मार्च 11, 12, 13, 14, 12, 13, 20, 9.
  • जून: & nbsp; 10, 12, 13, 14.
  • & nbsp; जुलाई: & nbsp; 2, 3, 4, 10, 11 13.

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