संवाद न्यूज एजेंसी, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 18 Nov 2021 09:36 PM IST
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे समलिंगी लड़कियों को पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश दिया है। इस प्रकार का निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा कि वह लिव-इन-रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. केजे ठाकर व न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने लिव इन रिलेशनशिप में रह रही अंजू सिंह व उसके लिव इन पार्टनर के सुरक्षा की मांग में दाखिल याचिका पर दिया है।
याचिका दायर कर मांग की गई थी कि वे दोनों साथ साथ नहीं रह सकते, यदि कोर्ट ने उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की। उनका कहना था कि उनको उनके परिवार के लोगों द्वारा परेशान किया जाएगा और उन्हें शांति से जीवन यापन नहीं करने दिया जाएगा, यदि पुलिस सुरक्षा नहीं मिली।
याचिका में कहा गया था कि वे दोनों समलिंगी व बालिग हैं और एक साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं। कहा यह भी गया था कि उनके माता-पिता उन पर संबंध समाप्त करने को लेकर दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि अगर वे दोनों आपस में संबंध खत्म नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज करा कर उन्हें फंसा दिया जाएगा।
याचिका में उठाए गए इन तथ्यों पर विचार कर कोर्ट ने कहा कि वह लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं है। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह सभी पत्रजातों का परीक्षण कर याची लड़कियों को सुरक्षा मुहैया कराए। हाईकोर्ट ने पारित अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के ग्यानी देवी बनाम सुपरिटेंडेट, नारी निकेतन दिल्ली तथा लता सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के केस में दी गई विधि व्यवस्था का भी उल्लेख किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे समलिंगी लड़कियों को पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश दिया है। इस प्रकार का निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा कि वह लिव-इन-रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. केजे ठाकर व न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने लिव इन रिलेशनशिप में रह रही अंजू सिंह व उसके लिव इन पार्टनर के सुरक्षा की मांग में दाखिल याचिका पर दिया है।
याचिका दायर कर मांग की गई थी कि वे दोनों साथ साथ नहीं रह सकते, यदि कोर्ट ने उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की। उनका कहना था कि उनको उनके परिवार के लोगों द्वारा परेशान किया जाएगा और उन्हें शांति से जीवन यापन नहीं करने दिया जाएगा, यदि पुलिस सुरक्षा नहीं मिली।