मदन बालियान, अमर उजाला नेटवर्क, मेरठ
Published by: Dimple Sirohi
Updated Mon, 22 Nov 2021 11:17 AM IST
सार
सपा और रालोद के बीच गठबंधन का एलान सीटों के गणित में उलझ रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर दोनों दल अपना-अपना दावा कर रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी पूर्वांचल में रालोद को सीटें देने के लिए तैयार है। आगे पढ़ें आखिर किन सीटों पर चल रही है सपा और रालोद की रस्साकशी।
जयंत चौधरी व अखिलेश यादव। – फोटो : amar ujala
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सपा और रालोद के बीच गठबंधन का एलान सीटों के गणित में उलझ रहा है। बिजनौर की चांदपुर, सहारनपुर की गंगोह, बागपत की बड़ौत, मथुरा की मांट व छाता, शामली की थानाभवन, बुलंदशहर की शिकारपुर के अलावा मुजफ्फरनगर की चरथावल सीट पर रस्साकशी चल रही है। इन सीटों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण दोनों दलों के बीच बात लंबी खिंच रही है। सोमवार को पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर दोनों दलों के बीच आधिकारिक गठबंधन की घोषणा भी खटाई में पड़ गई है।
बुढ़ाना के कश्यप महासम्मेलन में सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद गठबंधन के संकेत दे चुके हैं। रालोद और सपा के बीच सीटों की संख्या पर लगभग सहमति बन चुकी है, लेकिन इनमें पश्चिमी यूपी की करीब छह सीटें ऐसी हैं, जिन पर दोनों दल अपना-अपना दावा कर रहे हैं। इनमें जिले की चरथावल सीट भी है। चर्चा है कि सपा का तर्क है कि रालोद को मनपसंद बुढ़ाना सीट दी जा रही है, तो फिर चरथावल पर सपा का उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरेगा।
बागपत की बड़ौत सीट पर सपा का दावा है। चर्चा यह भी है कि यहां प्रत्याशी सपा का और सिंबल रालोद को लड़ाए जाने पर सहमति बन सकती है। मथुरा की मांट सीट पर भी दोनों दलों के अपने-अपने दावे हैं। बुलंदशहर की शिकारपुर सीट पर दोनों दलों के दावे हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि दोनों दलों में बड़ी संख्या में टिकटार्थी शीर्ष नेतृत्व के सामने अपना-अपना गणित पेश कर रहे हैं। दूसरे दल छोड़कर आए नेता अपने-अपने लिए टिकट की चाह रख रहे हैं। यही वजह है कि दोनों दलों के नेतृत्व के सामने भी मुश्किलें खड़ी हो रही है।
रालोद ने पूर्वांचल में यहां किया दावा रालोद ने पूर्वांचल में लखीमपुर खीरी की पलिया, बस्ती सदर और रालोद किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामाशीष राय के लिए भी एक सीट मांगी है। जिस पर दोनों दलों के बीच बातचीत चल रही है। पूर्वांचल में रालोद को कम से कम पांच सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है।
प्रत्याशी और सिंबल का भी गठबंधन रालोद और सपा के बीच इस बार प्रत्याशी और सिंबल भी अदल-बदल कर चुनाव लड़ने की संभावना है। जिन सीटों पर सहमति नहीं बन रही है, वहां पर प्रत्याशी दूसरी पार्टी और सिंबल दूसरी पार्टी का हो सकता है। ऐसा करने से दोनों दल अपने-अपने टिकटार्थियों को संतुष्ट करना चाहते हैं।
रालोद को ऑफर की गई सीटें गठबंधन की बातचीत में सपा नेताओं ने मुजफ्फरनगर की खतौली और मेरठ की मेरठ कैंट सीट रालोद को ऑफर की थी, लेकिन दोनों ही सीटें रालोद नेताओं ने लेने से इनकार कर दिया। खतौली के बजाए चरथावल और मेरठ कैंट के बदले सिवालखास सीट पर अपना दावे को मजबूत किया गया है।
विस्तार
सपा और रालोद के बीच गठबंधन का एलान सीटों के गणित में उलझ रहा है। बिजनौर की चांदपुर, सहारनपुर की गंगोह, बागपत की बड़ौत, मथुरा की मांट व छाता, शामली की थानाभवन, बुलंदशहर की शिकारपुर के अलावा मुजफ्फरनगर की चरथावल सीट पर रस्साकशी चल रही है। इन सीटों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण दोनों दलों के बीच बात लंबी खिंच रही है। सोमवार को पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर दोनों दलों के बीच आधिकारिक गठबंधन की घोषणा भी खटाई में पड़ गई है।
बुढ़ाना के कश्यप महासम्मेलन में सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद गठबंधन के संकेत दे चुके हैं। रालोद और सपा के बीच सीटों की संख्या पर लगभग सहमति बन चुकी है, लेकिन इनमें पश्चिमी यूपी की करीब छह सीटें ऐसी हैं, जिन पर दोनों दल अपना-अपना दावा कर रहे हैं। इनमें जिले की चरथावल सीट भी है। चर्चा है कि सपा का तर्क है कि रालोद को मनपसंद बुढ़ाना सीट दी जा रही है, तो फिर चरथावल पर सपा का उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरेगा।