अमर उजाला ब्यूरो, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 22 Nov 2021 09:56 PM IST
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इलाहाबाद हाईकोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक इनफारमेशन सिस्टम के ठीक से काम न करने से वकीलों और वादकारियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। मुकदमों की सूचनाएं सही तरीके से और तय समय पर न मिलने के कारण अधिवक्ता परेशान हो रहे हैं। आलम यह है कि कई बार मुकदमों की सुनवाई की सूचना तारीख बीत जाने के बाद मिल रही है। बार एसोसिएशन के चुनाव में इस समस्या को किसी भी उम्मीदवार द्वारा नहीं उठाए जाने से अधिवक्ता हैरान हैं।
बताया जा रहा है कि 18 नवंबर को वकीलों को 17 नवंबर को कोर्ट में लगे मुकदमों के मैसेज मिलने लगे। एक बार नहीं, बल्कि कई बार ये मैसेज दोहराए गए। इसे लेकर वकीलों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी भी जाहिर की। वकीलों का कहना था कि जो मुकदमे दाखिल किए गए हैं, उनकी सुनवाई का मैसेज नहीं आ रहा और जिनकी सुनवाई हो चुकी है उनका मैसेज भेजा जा रहा है।
इसकी शिकायत निबंधक शिष्टाचार आशीष श्रीवास्तव और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से भी की गई, मगर कोई नतीजा नहीं निकला। वहीं वकीलों की यह भी शिकायत है कि बार एसोसिएशन का चुनाव प्रचार चल रहा है। सभी प्रत्याशी बड़े-बड़े वायदे कर रहे हैं, मगर कोर्ट में वादकारियों को न्याय कैसे मिले, लचर सूचना तकनीकी व्यवस्था में सुधार कैसे आए, इस मुद्दे को उठाने के लिए कोई भी प्रत्याशी सामने नहीं आ रहा। प्रबुद्ध अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बी पी शुक्ल ने न्यायालय प्रशासन व बार नेताओं के रवैये की आलोचना की है और मुख्य न्यायाधीश से हाईकोर्ट में सूचना प्रौद्योगिकी कैडर बनाने तथा योग्य अभियंताओं की नियुक्ति कर समस्या का सही समाधान करने की मांग की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक इनफारमेशन सिस्टम के ठीक से काम न करने से वकीलों और वादकारियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। मुकदमों की सूचनाएं सही तरीके से और तय समय पर न मिलने के कारण अधिवक्ता परेशान हो रहे हैं। आलम यह है कि कई बार मुकदमों की सुनवाई की सूचना तारीख बीत जाने के बाद मिल रही है। बार एसोसिएशन के चुनाव में इस समस्या को किसी भी उम्मीदवार द्वारा नहीं उठाए जाने से अधिवक्ता हैरान हैं।
बताया जा रहा है कि 18 नवंबर को वकीलों को 17 नवंबर को कोर्ट में लगे मुकदमों के मैसेज मिलने लगे। एक बार नहीं, बल्कि कई बार ये मैसेज दोहराए गए। इसे लेकर वकीलों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी भी जाहिर की। वकीलों का कहना था कि जो मुकदमे दाखिल किए गए हैं, उनकी सुनवाई का मैसेज नहीं आ रहा और जिनकी सुनवाई हो चुकी है उनका मैसेज भेजा जा रहा है।
इसकी शिकायत निबंधक शिष्टाचार आशीष श्रीवास्तव और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से भी की गई, मगर कोई नतीजा नहीं निकला। वहीं वकीलों की यह भी शिकायत है कि बार एसोसिएशन का चुनाव प्रचार चल रहा है। सभी प्रत्याशी बड़े-बड़े वायदे कर रहे हैं, मगर कोर्ट में वादकारियों को न्याय कैसे मिले, लचर सूचना तकनीकी व्यवस्था में सुधार कैसे आए, इस मुद्दे को उठाने के लिए कोई भी प्रत्याशी सामने नहीं आ रहा। प्रबुद्ध अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बी पी शुक्ल ने न्यायालय प्रशासन व बार नेताओं के रवैये की आलोचना की है और मुख्य न्यायाधीश से हाईकोर्ट में सूचना प्रौद्योगिकी कैडर बनाने तथा योग्य अभियंताओं की नियुक्ति कर समस्या का सही समाधान करने की मांग की है।