Home उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट : जल निगम कर्मियों को जबरदस्ती प्रतिनियुक्ति पर भेजने पर जवाब तलब

हाईकोर्ट : जल निगम कर्मियों को जबरदस्ती प्रतिनियुक्ति पर भेजने पर जवाब तलब

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संवाद न्यूज एजेंसी, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 25 Nov 2021 09:04 PM IST

सार

याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि उत्तर प्रदेश जल निगम में 5175 ग्रुप डी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। इस संबंध में 18 अगस्त 2021 को शासनादेश जारी कर कहा गया कि जलनिगम की आर्थिक हालत ठीक नहीं है।

कोर्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर।)
– फोटो : iStock

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जलनिगमों में कार्यरत ग्रुप डी कर्मचारियों को बिना उनकी सहमति के अन्य निगमों में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने जिन 1238 कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है के मामले में यथास्थिति कायम रखने का निर्देश दिया है। सुरेश कुमार पाल और 59 अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र की पीठ सुनवाई कर रही है। 

याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि उत्तर प्रदेश जल निगम में 5175 ग्रुप डी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। इस संबंध में 18 अगस्त 2021 को शासनादेश जारी कर कहा गया कि जलनिगम की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। कर्मचारियों को समय से वेतन और रिटायर्ड कर्मियों को पेंशन आदि का भुगतान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में सरप्लस कर्मचारियों को अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया जाए। 

इस संबंध में चीफ इंजिनियर ने गुप डी कर्मचारियों की यूनियन के अध्यक्ष को पत्र लिखकर कर्मचारियों से प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने पर सहमति मांगी। किसी भी कर्मचारी ने सहमति नहीं दी। इसके बावजूद चीफ इंजीनियर ने 1238 ऐसे कर्मचारियों को जिनकी सेवाएं अभी अधिक बाकी हैं प्रदेश के विभिन्न निगमों में प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आदेश जारी कर दिया। कोर्ट ने जानना चाहा है कि क्या कर्मचारियों की सहमति के बिना उनको प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा सकता है। कोर्ट ने कर्मचारियों की सेवा शर्तें व अन्य जानकारियों के साथ छह दिसंबर तक जवाब मांगा है।

जहरीली शराब कांड के आरोपी की जमानत मंजूर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ जहरीली शराब कांड के आरोपी आकाश की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। आकाश की जमानत याचिका पर न्यायमूर्ति आरके गौतम ने सुनवाई की। याची का कहना था कि वह निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है। 27 मई 2021 की घटना की प्राथमिकी 28 मई को दर्ज कराई गई। याची का नाम प्राथमिकी में नहीं है। उसे सहअभियुक्त के बयान के आधार पर अभियुक्त बनाया गया। याची के पास न तो शराब की दुकान का लाइसेंस है और न ही वह दुकान में सेल्समैन है। उसके पास से कोई बरामदगी भी नहीं हुई है। कोर्ट ने केस तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। 

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जलनिगमों में कार्यरत ग्रुप डी कर्मचारियों को बिना उनकी सहमति के अन्य निगमों में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने जिन 1238 कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है के मामले में यथास्थिति कायम रखने का निर्देश दिया है। सुरेश कुमार पाल और 59 अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र की पीठ सुनवाई कर रही है। 

याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि उत्तर प्रदेश जल निगम में 5175 ग्रुप डी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। इस संबंध में 18 अगस्त 2021 को शासनादेश जारी कर कहा गया कि जलनिगम की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। कर्मचारियों को समय से वेतन और रिटायर्ड कर्मियों को पेंशन आदि का भुगतान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में सरप्लस कर्मचारियों को अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया जाए। 

इस संबंध में चीफ इंजिनियर ने गुप डी कर्मचारियों की यूनियन के अध्यक्ष को पत्र लिखकर कर्मचारियों से प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने पर सहमति मांगी। किसी भी कर्मचारी ने सहमति नहीं दी। इसके बावजूद चीफ इंजीनियर ने 1238 ऐसे कर्मचारियों को जिनकी सेवाएं अभी अधिक बाकी हैं प्रदेश के विभिन्न निगमों में प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आदेश जारी कर दिया। कोर्ट ने जानना चाहा है कि क्या कर्मचारियों की सहमति के बिना उनको प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा सकता है। कोर्ट ने कर्मचारियों की सेवा शर्तें व अन्य जानकारियों के साथ छह दिसंबर तक जवाब मांगा है।

जहरीली शराब कांड के आरोपी की जमानत मंजूर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ जहरीली शराब कांड के आरोपी आकाश की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। आकाश की जमानत याचिका पर न्यायमूर्ति आरके गौतम ने सुनवाई की। याची का कहना था कि वह निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है। 27 मई 2021 की घटना की प्राथमिकी 28 मई को दर्ज कराई गई। याची का नाम प्राथमिकी में नहीं है। उसे सहअभियुक्त के बयान के आधार पर अभियुक्त बनाया गया। याची के पास न तो शराब की दुकान का लाइसेंस है और न ही वह दुकान में सेल्समैन है। उसके पास से कोई बरामदगी भी नहीं हुई है। कोर्ट ने केस तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। 

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