अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Tue, 30 Nov 2021 11:37 AM IST
सार
आगरा में वायु गुणवत्ता लगातार खराब स्थिति में बनी हुई है। दिवाली के बाद से सिर्फ दो दिन छोड़कर बाकी दिन हवा में सुधार नहीं आया।
ताजमहल में छाई धुंध – फोटो : अमर उजाला
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दिवाली पर खराब हुई ताजनगरी की हवा में दो दिन छोड़कर सुधार नहीं आया। अब भी ताजनगरी की हवा खराब श्रेणी में बनी हुई है। सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी सूची में आगरा की वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई। यहां एक्यूआई 263 रिकॉर्ड किया गया।
शहर में सबसे खराब हवा आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर-3 की रही, जहां एक्यूआई 278 रहा। आवास विकास कॉलोनी में पानी और सीवर लाइन बिछाने के काम के लिए खोदाई और अब नगर निगम द्वारा सड़कों के चौड़ीकरण के लिए की गई खोदाई के बाद मिट्टी न उठाने से प्रदूषण बढ़ा है। यही हाल संजय प्लेस का है, जहां वाहनों का दवाब और चौराहों पर जाम के कारण बेहद सूक्ष्म कण पीएम 2.5 कणों की मात्रा ज्यादा है।
छह गुना ज्यादा हैं सूक्ष्म कण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी की गई सूची के मुताबिक आगरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 263 है। इसमें सबसे ज्यादा प्रदूषण तत्व बेहद सूक्ष्म कण पीएम 2.5 हैं, जिनकी मात्रा सामान्य से 6 गुना ज्यादा है। खतरनाक कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा भी सामान्य से 38 गुना ज्यादा तक बनी रही।
कायदों पर धूल – खोदाई वाली सड़कों पर पानी का छिड़काव बताया था, पर सभी जगह नहीं हो रहा। – खोदाई के बाद मिट्टी उड़ने से रोकने को हरे पर्दे लगाने थे, जो नहीं लगाए गए। – डिवाइडरों पर लगाए गए पौधों और किनारे लगे पेड़ों पर पानी का छिड़काव होना था जो नहीं हो रहा। – मेट्रो शेड, यमुना किनारा, वेस्टर्न जोन की सड़कें गीली रखनी थीं, पर पानी के टैंकर नहीं पहुंच रहे। – कचरा जलाने पर रोक है लेकि हर दिन जगह-जगह जल रहा कचरा
विस्तार
दिवाली पर खराब हुई ताजनगरी की हवा में दो दिन छोड़कर सुधार नहीं आया। अब भी ताजनगरी की हवा खराब श्रेणी में बनी हुई है। सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी सूची में आगरा की वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई। यहां एक्यूआई 263 रिकॉर्ड किया गया।
शहर में सबसे खराब हवा आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर-3 की रही, जहां एक्यूआई 278 रहा। आवास विकास कॉलोनी में पानी और सीवर लाइन बिछाने के काम के लिए खोदाई और अब नगर निगम द्वारा सड़कों के चौड़ीकरण के लिए की गई खोदाई के बाद मिट्टी न उठाने से प्रदूषण बढ़ा है। यही हाल संजय प्लेस का है, जहां वाहनों का दवाब और चौराहों पर जाम के कारण बेहद सूक्ष्म कण पीएम 2.5 कणों की मात्रा ज्यादा है।