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यमुना एक्सप्रेसवे हादसे में पांच की मौत: दो हिस्सों में बंटी बोलेरो, फंसे लोग मचा रहे थे चीख-पुकार, झपकी बनी कारण

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मथुरा: हादसे में क्षतिग्रस्त बोलेरो
– फोटो : अमर उजाला

हादसा इतना भीषण था कि हर कोई देखकर स्तब्ध रह गया। दो हिस्सों में बंटी बोलेरो में फंसे सवार चीख-पुकार मचा रहे थे। अपने को बचाने की गुहार लगा रहे थे, पर इनकी मदद को कोई भी पुलिसकर्मी नहीं पहुंचा। अगर सुरीर पुलिस समय से पहुंच जाती तो इनमें दो को बचाया जा सकता था, जिनकी हॉस्पिटल में मौत हुई। राहगीर भी पुलिस की इस लापरवाही को कोसते नजर आ रहे थे। काफी देर बाद पहुंची सुरीर पुलिस ने घायलों को हॉस्पिटल भिजवाया, जहां पर दो ने दम तोड़ दिया। इस हादसे का कारण गाड़ी की तेज रफ्तार और नींद की झपकी बताई जा रही है। एक्सप्रेसवे पर स्पीड को रोकने के लिए कोई भी खासा इंतजाम जेपी प्रबंधन ने अभी तक नहीं किए हैं। कहने को कार की स्पीड अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित है। भारी वाहन 80 किलोमीटर की रफ्तार तक दौड़ सकते हैं। लेकिन रफ्तार की सीमा का सरेआम उल्लंघन होता रहता है। इसके कारण काल के गाल में आए दिन वाहन चालक समा रहे हैं।

मथुरा: हादसे के बाद पहुंची पुलिस टीम
– फोटो : अमर उजाला

शुक्रवार की सुबह हुए हादसे का कारण स्पीड के संग ही चालक को नींद की झपकी बनी। लंबी दूरी तक लगातार वाहन को चलाना। इससे थकान होने पर नींद की झपकी आना भी लाजिमी हो जाता है। लोग कई बार मांग कर चुके हैं कि जेपी ग्रुप को इन हादसों पर लगाम लगाने के लिए स्पीड का नियंत्रित करना चाहिए, पर आजतक इस तरफ कोई भी पुख्ता कदम नहीं उठाए गए हैं। चूंकि आने वाले दिनों में कोहरा भी स्पीड पर भारी पड़ जाएगा। कोहरे से पहले ही स्पीड पर लगाम लगाने की जरूरत है, जिससे हादसे में लोगों की जान बच सके।

हादसे के बाद मदद के लिए पहुंचे लोग
– फोटो : अमर उजाला

हादसे के बाद एक्सप्रेसवे पर लगा लंबा जाम

सुरीर के पास हादसे के बाद एक्सप्रेसवे पर लंबा जाम लग गया। सड़क हादसे के चलते एक्सप्रेसवे की एक लाइन बंद हो गई। इससे वाहन जाम में फंस गए। मौके पर पहुंची पुलिस की टीमों ने ने क्रेन की मदद से दुर्घटनाग्रस्त बोलेरो गाड़ी को वहां से हटवाया, तब कहीं जाकर यातायात व्यवस्था सुचारु हो सकी।

 

क्षतिग्रस्त बोलेरो कार
– फोटो : अमर उजाला

अगवा किशोरी को बरामद करने जा रही थी पुलिस टीम

पुलिसकर्मियों ने बताया कि टीकमगढ़ की बुडेरा थाने की पुलिस किशोरी को फुसलाकर अगवा किए जाने के एक मामले में दबिश देने हरियाणा के बहादुरगढ़ जा रही थी। पिंटू नाम के जिस युवक पर किशोरी को ले जाने का आरोप था, उसकी लोकेशन पुलिस को हरियाणा के बहादुरगढ़ में मिली थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के थाना बुडेरा की पुलिस टीम अगवा की गई किशोरी को बरामद करने के किए हरियाणा के बहादुरगढ़ दबिश में जा रही थी। बुडेरा थाने के पुलिसकर्मी भवानी प्रसाद, कमलेंद्र, रतिराम और महिला सिपाही हीरादेवी के साथ प्राइवेट बोलेरो गाड़ी से निकले थे। इस गाड़ी में आरोपी की बहन प्रीति के पति धर्मेंद्र भाई के अलावा एक युवक रवि शामिल था। वहीं, हादसे की जानकारी देते हुए प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि बोलेरो आगरा से नोएडा की ओर जा रही थी, तभी माइल स्टोन 80 के समीप तेज रफ्तार होने की वजह से अपना नियंत्रण खो बैठी, जिसके चलते वह पुलिया से टकराकर डिवाइडर में जा घुसी। हादसा इतना भीषण था कि हादसे में बोलेरो दो हिस्सों में बंट गई। एक्सप्रेसवे की एक लेन में काफी दूर तक गाड़ी के टुकड़े बिखर गए।

मथुरा: पोस्टमार्टम गृह पर पहुंचे लोग
– फोटो : अमर उजाला

सावधानी बरतें तो हादसे से बचा जा सकता है

– रात 12 से 2 बजे तक और तड़के 4 से 6 बजे तक नींद की झपकी अधिक आती है।

– बहुत जरूरी काम न हो तो रात के वक्त सफर न ही करें।

– रात में खाना खाने के बाद वाहन चलाना और खतरनाक हो जाता है।

– रात में चलना जरूरी हो तो वाहन में दो चालक होने चाहिए।

– अगर रात में वाहन चलाते समय नींद की झपकी आ रही है तो सुरक्षित स्थान पर वाहन को रोककर थोड़ा आराम करना ही ठीक है।

– शरीर जब एक ही पोजीशन में होने पर हिलना-डुलना बंद हो जाता है तो सुस्ती आना लाजिमी है।

 

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