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आगरा: ताजनगरी के लोगों को हिला चुकी हैं सामूहिक हत्याकांड और आत्महत्या की घटनाएं

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अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: Abhishek Saxena
Updated Sat, 04 Dec 2021 11:02 AM IST

सार

ताजनगरी में हुई सामूहिक आत्महत्याओं और हत्याओं की घटनाओं ने सभी झकझोर दिया था। 

आगरा: परिवार की तस्वीर

आगरा: परिवार की तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

इसी साल कोतवाली के कूंचा साधूराम मोहल्ले में मां और तीन बच्चों की हत्या कर दी गई थी। महिला अपने पति से अलग रहती थी। पुलिस ने वारदात का खुलासा किया था। रिश्तेदार ने घटना को अंजाम दिया था। गले काटकर हत्या की गई थी। वर्ष 2020 में एत्माद्दौला के नगला किशनलाल में पति-पत्नी और बेटे की हत्या कर दी गई थी। शवों को जलाने का भी प्रयास किया गया था। घटनाक्रम को पड़ोसी युवक ने अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। चार साल पहले लोहामंडी के जयपुर हाउस में दवा कारोबारी ने पत्नी की हत्या के बाद आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला था। व्यापारी का पत्नी से विवाद चल रहा था। 

मां-बाप के साथ बहन के दुनिया छोड़ने से बेखबर थी आध्या 

11 साल की उम्र में आध्या पर दुखों का पहाड़ टूटा है। पिता-मां के साथ छोटी बहन भी दुनिया छोड़कर चली गई। अब वह किसे मां पुकारेगी। किससे तैयार होकर स्कूल जाएगी। कौन उसे खाना खिलाएगा। वह किसे पापा-पापा पुकारेगी। कौन उसे घुमाने लेकर जाएगा। घटना के बाद लोग यही कहते नजर आए।

मासूम आध्या तीनों की मौत से बेखबर थी। उससे जब भी लोग कुछ पूछते वह बोल पड़ती। उसने पुलिस को भी बृहस्पतिवार को पिता-मां और बहन के साथ बिताए एक-एक पल की जानकारी दी। उसे किसी ने यह नहीं बताया था कि पिता-मां और बहन अब कभी उसके पास लौटकर नहीं आएंगे। उसे बहन के शव को उठने से पहले ही पड़ोसी के घर में भेज दिया गया था। उसके साथ बच्चे खेल रहे थे। उसे यह अहसास नहीं होने दे रहे थे कि उसके परिवार के साथ कुछ हुआ है। रिश्तेदार और पड़ोसी यही कह रहे थे कि अब मासूम आध्या किसे मां-पिता कहेगी। बहन भी अब दुनिया में नहीं है। उसे जब इस बारे में पता चलेगा, तब उसे कौन संभालेगा। 

मां फर्श पर गिरीं, बहन सांस नहीं ले पा रही थी

शाम को पुलिस ने आध्या से फिर बात की। उसने बताया कि मां तबीयत खराब होने पर फर्श पर गिर पड़ीं। बाद में वो केबिन में जाकर टेबल पर सो गईं। छोटी बहन को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसे पापा ने कार्टन पर लिटा दिया। बाद में पापा काव्या को गोद में लेकर कार तक आ गए। उसे सीट पर लिटा दिया। वह खुद आगे की सीट पर बैठी थी। जब झटकेलगने पर भी काव्या नहीं जागी तो आध्या ने पिता से उसके हाल के बारे में पूछा। मगर, पिता ने यही कहा कि उसे सोने दो। ठीक हो जाएगी। 

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